Amazon को CCI का नोटिस, 2019 में FCL सौदे से जुड़े मामले में मांगी सफाई

punjabkesari.in Friday, Jul 23, 2021 - 10:53 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अमेजॉन को कारण बताओ नोटिस जारी कर फ्यूचर ग्रुप की एक कंपनी के साथ हुए सौदे को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। सीसीआई ने 2019 में इस सौदे को मंजूरी दी थी। फ्यूचर ग्रुप द्वारा दायर एक शिकायत के बाद सीसीआई ने अमेजॉन को यह नोटिस जारी किया। दोनों कंपनियों के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है। 

देश की सबसे बड़ी खुदरा कंपनियों में से एक फ्यूचर ग्रुप के रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ रिटेल, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग संपत्तियों के लिए 24,713 करोड़ रुपए का सौदा करने के बाद से उसके और अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी के बीच तेज कानूनी लड़ाई छिड़ी हुई है। अमेजॉन के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को कहा, "हमें मौजूदा विवाद के तहत फ्यूचर द्वारा दायर शिकायत के आधार पर सीसीआई से कारण बताओ नोटिस मिला है। हम भारत के कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस मामले में सीसीआई के साथ पूरा सहयोग करेंगे।" 

प्रवक्ता ने साथ ही विश्वास जताया कि कंपनी सीसीआई की चिंताओं को दूर करने में सक्षम होगी। उन्होंने कहा, "चूंकि फ्यूचर के साथ हमारा कानूनी विवाद चल रहा है और हम गोपनीयता के दायित्वों से भी बंधे हैं, हम इस समय किसी भी आरोप के गुण-दोष या आधार पर टिप्पणी नहीं कर सकते।" फ्यूचर ग्रुप से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। फ्यूचर ग्रुप ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को सीसीआई के कारण बताओ नोटिस की एक प्रति सौंपी। उच्चतम न्यायालय मौजूदा विवाद को लेकर अमेजॉन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है। 

सीसीआई ने नवंबर 2019 में अमेजॉन को फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड (एफसीएल) में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की मंजूरी दे दी थी। एफसीएल फ्यूचर रिटेल लिमिटेड में शेयरधारक है। सीसीआई ने चार जून को अमेजॉन को नोटिस भेजा था। नोटिस एफसीएल सौदे के लिए मंजूरी हासिल करने की खातिर अमेजॉन द्वारा दिए गए निवेदन से जुड़ा है। एक निश्चित सीमा से अधिक के सौदों के लिए सीसीआई से मंजूरी लेने की जरूरत होती है। निगरानी संस्था के पास व्यापक शक्तियां हैं। इनके तहत, किसी भी समय यह पाए जाने पर कि अधिग्रहण करने वाली कंपनी ने गलत जानकारी दी है, सीसीआई लेनदेन के लिए दी गई अपनी मंजूरी को रद्द कर सकता है। 

सीसीआई ने अपने नोटिस में अमेजॉन पर फ्यूयर ग्रुप को लेकर अपनी रणनीतिक हित को छिपाने का आरोप लगाया है और कहा है कि आयोग के सामने पूर्व में इस हित का खुलासा नहीं किया गया था। नोटिस के मुताबिक 2019 में हुई लेनदेन के संबंध में गैर प्रकटीकरण के अलावा फर्जी एवं गलत अभ्यावेदन भी दिए गए। 

अगस्त 2019 में अमेजॉन फ्यूचर ग्रुप की असूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर कूपन्स लिमिडेट में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर सहमत हुई थी। समझौते के तहत उसे तीन से 10 वर्षों के बाद फ्यूचर रिटेल को खरीदने का अधिकार भी था लेकिन एक साल बाद रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने फ्यूचर ग्रुप के साथ उसके रिटेल, थोक व्यापार, लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग व्यापार के अधिग्रहण के लिए 24,713 करोड़ रुपए का सौदा कर लिया। इसके बाद अमेजॉन फ्यूचर ग्रुप को सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय पंच निर्णय केंद्र (एसएआईसी) में ले गयी। पिछले साल अक्तूबर में सिंगापुर पंच-निर्णय केंद्र के आपातकालीन पंच (ईए) ने अपने फैसले में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ विलय के सौदे पर आगे बढ़ने पर रोक लगा दिया। 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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