चालू वित्त वर्ष के आयकर संग्रह का लक्ष्य हासिल करने का भरोसा: सीबीडीटी प्रमुख

punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 02:46 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट में निर्धारित 25.20 लाख करोड़ रुपए के आयकर संग्रह के लक्ष्य को हासिल कर लेने की सोमवार को उम्मीद जताई। ‘रिफंड' जारी करने में देरी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विभाग कुछ ‘रिफंड' दावों का विश्लेषण कर रहा है जो उच्च राशि के थे या जिन्हें प्रणाली ने लाल झंडी दिखा दी थी। करदाताओं से भी कहा गया है कि यदि वे कुछ भूल गए हैं तो संशोधित ‘रिटर्न' दाखिल करें। 

भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में करदाताओं के ‘लाउंज' के उद्घाटन के अवसर पर पत्रकारों के साथ बातचीत में अग्रवाल ने कहा, ‘‘कम राशि के ‘रिफंड' जारी किए जा रहे हैं। हमने विश्लेषण किया और पाया कि कुछ गलत ‘रिफंड' या कटौतियों का दावा किया जा रहा था। इसलिए यह एक सतत प्रक्रिया है। हमें उम्मीद है कि शेष ‘रिफंड' इस महीने या दिसंबर तक जारी कर दिए जाएंगे।'' संग्रह के संबंध में अग्रवाल ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वर्ष की तुलना में 6.99 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जो एक उत्साहजनक रुझान है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि साल के अंत तक हम लक्ष्य हासिल कर लेंगे। करदाताओं की प्रतिक्रिया भी अच्छी रही है।'' 

चालू वित्त वर्ष 2025-26 में एक अप्रैल से 10 नवंबर के बीच शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.99 प्रतिशत बढ़कर 12.92 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया। कॉरपोरेट कर संग्रह और धीमी ‘रिफंड' दर इसकी मुख्य वजह रही। 10 नवंबर तक ‘रिफंड' जारी करने की राशि 18 प्रतिशत घटकर 2.42 लाख करोड़ रुपए से अधिक रह गई। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए अग्रिम कर की दो किस्तें अब भी शेष हैं और वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ऑडिट रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख बढ़ा दी गई है। अग्रवाल ने कहा, "हमें उम्मीद है कि 10 दिसंबर तक हम इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।" 

एक अप्रैल से लागू होने वाले नए आयकर नियमों के बारे में अग्रवाल ने कहा कि नए नियमों व फॉर्म को साल के अंत या जनवरी, 2026 तक अधिसूचित किए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि आईटीआर फॉर्म प्रासंगिक और कारोबारी सुगमता के सिद्धांत पर आधारित होने चाहिए ताकि करदाताओं पर अनावश्यक बोझ न पड़े। अग्रवाल ने कहा, ‘‘इसलिए हम इसे जनवरी तक लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं ताकि करदाताओं को अपनी प्रणाली में अपनी प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। हमारा उद्देश्य इसे करदाताओं के लिए सरल बनाना है क्योंकि फॉर्म ही पहला जरिया है जिसके माध्यम से अनुपालन सुनिश्चित होता है।''  


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Content Writer

jyoti choudhary

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