BOB को 991 करोड़ रु का घाटा, बैड लोन्स के लिए 5550 करोड़ रु की प्रोविजनिंग

punjabkesari.in Wednesday, May 22, 2019 - 08:50 PM (IST)

नई दिल्ली: वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में सरकार के स्वामित्व वाले बैंक ऑफ बड़ौद को 991 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। लेकिन पिछले साल समान तिमाही में हुए 3,102.34 करोड़ रुपए के घाटे से कम है। इससे पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर 2018 में बैंक को 471.25 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।

वित्त वर्ष का स्टैंडअलोन मुनाफा
एक साल पहले समान अवधि में स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड बेसिस पर क्रमशः 2,431.81 करोड़ रुपए और 1,887.10 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। एक रेग्युलेटरी फाइलिंग में बैंक ऑफ बड़ौदा का कहना है कि वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में प्रोविजनिंग बढ़ने से बैंक को स्टैंडअलोन बेसिस पर 991 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक का स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड मुनाफा क्रमशः 433 करोड़ रुपए और 1,100 करोड़ रुपए रहा है। 

कुल इनकम में वृद्धि 
वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में बैंक का मुनाफा 12,732 करोड़ रुपए रहा था। 2018-19 की मार्च तिमाही के दौरान बैंक की कुल इनकम बढ़कर 15,284.59 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गई है। बैंक की स्टैंडअलोन इनकम 11.4 फीसदी बढ़कर 56,065.10 करोड़ रुपए और कंसॉलिडेटेड इनकम 12.5 फीसदी बढ़कर 60,793.30 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गई।

ग्रॉस एनपीए में भी गिरावट
बैंक का नेट एनपीए 5.49 फीसदी से घटकर 3.33 फीसदी रह गया। बैंक ने कहा कि वैल्यू टर्म में नेट एनपीए 15,609 करोड़ रुपए से घटकर 3,521 करोड़ रुपए रह गया है। जो पिछला 8 तिमाहियों में सबसे कम है। एसेट के मोर्चे पर बैंक का ग्रॉस एनपीए घटकर ग्रॉस एडवांस का 9.61 फीसदी रह गया है। जबकि मार्च 2018 तक यह 12.26 फीसदी था।बैंक ने बैड लोन्स के लिए 5,550.10 करोड़ रुपए की प्रोविजनिंग भी की है। वहीं एक साल पहले समान अवधि में 7,052.53 करोड़ रुपए की प्रोविजनिंग की गई थी।
 


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Yaspal

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