बैंक से लोन लेने वालों के लिए खास खबर, RBI ने दिया यह स्पष्टीकरण

punjabkesari.in Friday, Feb 16, 2024 - 03:04 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः बैंक द्वारा दिए जाने वाले कर्जों की Hidden Cost पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा दिए जाने वाले लोन के संबंध में नियम बहुत पारदर्शी एवं आसान होते हैं। लोन लेने से पहले बैंक आपको एक टर्म शीट में सारे चार्जेज के बारे में विस्तार से जानकारी देता है लेकिन ग्राहक उसे सही से नहीं पढ़ते।

लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत देते हुए दास ने कहा कि अब बैंकों को लोन लेने वाले रिटेल और एमएसएमई ग्राहकों को 'की फैक्ट शीट' (KFS) देनी होगी। इस KFS में बैंकों को लोन में लगने वाले चार्जेस को ब्याज दर में ही शामिल करना है। इसे लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है। 

आपको बता दें कि दास ने कहा कि ग्राहक लोन लेने से पहले बैंक द्वारा दी गई टर्म शीट को नहीं पढ़ता। जबकि टर्म शीट में सारे चार्जेज के बारे में जानकारी दी गई है जैसे प्रोसेसिंग फीस, क्या-क्या फीस होगी? दास ने कहा कि KFS में बैंकों को बैंक को लोन के अन्य चार्ज भी ब्याज दर में जोड़कर बताने की फ्लेक्सिबिलिटी दी गई है।

Key Fact Sheet के फायदे

'की फैक्ट शीट' एक दस्तावेज होता है। बैंक द्वारा लोन लेने वाले व्यक्ति को उसके लोन से जुड़े सभी चार्जेस के बारे में बताया जाता है। साथ ही इसमें बताया जाता है कि आपका लोन किस प्रकार का है। की फैक्ट शीट लाने का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम में ज्यादा प्रारदर्शिता लाना है। क्योंकि कई बार देखा गया है कि कुछ बैंक लोन के लिए ग्राहकों से मनमाने चार्जेस वसूलते हैं। 

ब्याज दर

की फैक्ट शीट में ब्याज दर के बारे में पूरी जानकारी होती है। इसमें लोन पर लगने वाली ब्याज के अलावा, किस्त में देरी होने पर एक्ट्रा ब्याज दर और पेनल्टी पर ब्याज दर के बारे में जानकारी होती है। साथ ही ये भी बताया गया होता है कि आपका लोन फिक्स्ड या फ्लोटिंग ब्याज दर पर है। 

फीस और चार्ज

की फैक्ट शीट में फीस और चार्जेस के बारे में पूरी जानकारी दी  गई होती है। जैसे कि लोन प्रोसेस के लिए बैंक कितना चार्ज ले रहा है। अगर रीपेमेंट करते हैं तो कितना चार्ज देना होगा। 

लोन रिपेमेंट

की फैक्ट शीट में लोन रीपेमेंट की शर्तों का भी उल्लेख होता है कि कब आप लोन का रीपेमेंट कर सकते हैं। इस समय आपको क्या-क्या चार्जेस देने होंगे। 

विवाद निपटारा

अगर किसी कारण जैसे लोन का भुगतान न करने, किस्त में देरी होने आदि की वजह से बैंक और आपके बीच कोई विवाद होता है तो उसका निपटारा कैसे किया जाएगा।इसका प्रोसेस भी इस की फैक्ट शीट में दिया गया होता है।  


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Content Writer

jyoti choudhary

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