इस वजह से और बढ़ जाएंगी ओला और ऊबर की मुश्किलें

punjabkesari.in Thursday, Jun 01, 2017 - 01:16 PM (IST)

नई दिल्लीः ओला और ऊबर कंपनी के लिए ये अच्छी खबर भी हो सकती और बुरी भी। कंपनी के हजारों टैक्सी ड्राइवरों ने ओला और ऊबर का साथ छोड़ दिया है। ऐनालिस्टों और कंपनी एग्जिक्यूटिव्स का कहना है कि पिछले दो साल में सिर्फ बेंगलुरु में 10,000 ड्राइवरों ने ओला और ऊबर का साथ छोड़ा है। शुरू में ये कंपनियां ड्राइलरों को अट्रैक्ट करने के लिए मोटा इंसेंटिव दे रही थीं, लेकिन अब मुनाफे में आने के लिए वे इसे धीरे-धीरे कम कर रही हैं।

पिछले साल बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली में रोजाना 300-350 ड्राइवर इन कंपनियों के साथ रजिस्ट्रेशन करवा रहे थे, जिनकी संख्या अब घटकर 40-50 रह गई है। इससे कैब एग्रीगेटर्स की गाड़ियों की संख्या में तेज गिरावट आई है। ऐनालिस्टों का कहना है कि यह मार्केट के मैच्योर होने का संकेत है।

क्या होगा इससे फायदा
वेलोराइजर कंसल्टेंट्स के पार्टनर जसपाल सिंह ने बताया, 'जो नए ड्राइवरों इन कंपनियों से जुड़ रहे हैं, उन्हें पता है कि पिछले साल से कम सैलरी और इंसेंटिव ऑफर किए जा रहे हैं। वे कम सैलरी में अधिक घंटे तक काम करने के लिए तैयार हैं क्योंकि आगे चलकर वे अपनी कार खरीदना चाहते हैं। इससे कंपनी को ही फायदा होगा।

एक तिहाई से अधिक ड्राइवर ऐक्टिव नहीं
अभी ओला के प्लेटफॉर्म पर 5,50,000 ड्राइवर्स हैं, जो 102 शहरों में फैले हुए हैं। वहीं, ऊबर से 29 शहरों में 4,00,000 ड्राइवर जुड़े हुए हैं। हालांकि, ऐनालिस्टों का कहना है कि इनमें से एक तिहाई से अधिक ड्राइवर ऐक्टिव नहीं हैं। 
 


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