यूनान संकट के बीच गिरावट से उबरा बाजार

punjabkesari.in Tuesday, Jun 30, 2015 - 05:07 PM (IST)

मुंबईः भारत को अमरीका के लिए निवेश के सर्वाधिक तेजी से उभरते स्रोत बताए जाने और एशियाई बाजारों की तेजी से उत्साहित निवेशकों की लिवाली की बदौलत आज शेयर बाजार दो सत्र की गिरावट से उबरते हुए बढ़त बनाने में सफल रहे लेकिन यूनान संकट से उत्पन्न होने वाली स्थिति का दबाव देखा गया।  

बी.एस.ई. का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सैंसेक्स 135.68 अंक अर्थात 0.49 प्रतिशत उछलकर 27780.83 अंक पर और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एन.एस.ई.) का निफ्टी 50.10 अंक यानि 0.60 प्रतिशत बढ़कर 8368.50 अंक पर बंद हुआ। 

अमरीकी दूतावास के शीर्ष वाणिज्यिक अधिकारी पॉल फ्रॉस्ट ने कहा कि अमरीका के लिए भारत तेजी उभरता हुआ निवेश स्रोत है। उनके इस बयान से निवेशकों की बाजार के प्रति निवेश धारणा को मिली मजबूती से समर्थन पाकर बी.एस.ई. के आई.टी. 0.83 प्रतिशत और टेक की 0.26 प्रतिशत की गिरावट को छोड़कर शेष अन्य एफएमसीजी, हैल्थकेयर, ऑटो, बैंकिंग, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, धातु, तेल एवं गैस, पावर, पीएसयू और रियल्टी समूह के शेयरों ने 2.11 प्रतिशत तक की छलांग लगाई। 

हालांकि शनिवार को यूनान ऋण संकट के समाधान का और प्रयास विफल होने से उसके दिवालिया होने की कगार पर पहुंचने की आशंका से यूरोपीय और अमरीकी बाजार में अभी भी बिकवाली का दौर जारी है। इससे आगे भी निवेशक घरेलू शेयर बाजार के प्रति निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। इस दौरान ब्रिटेन का एफटीएसई 0.23 प्रतिशत टूटा वहीं, एशियाई बाजारों में तेजी रही। 

जापान का निक्की 0.63 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसैंग 1.09 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.67 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 5.55 प्रतिशत मजबूत रहा। बी.एस.ई. 2821 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ जिनमें से 1730 फायदे में और 960 नुकसान में रहे जबकि 131 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह एन.एस.ई. में कुल 1208 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ जिनमें से 839 बढ़त पर और 325 गिरावट पर रहे जबकि 44 में स्थिरता दर्ज की गई।


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