भूकंप से आहत नेपाल की मदद के लिए आगे आई टैक कम्पनियां

punjabkesari.in Tuesday, Apr 28, 2015 - 02:47 PM (IST)

नई दिल्लीः जापान में आए जबर्दस्त भूकंप और उत्तराखंड में आई बाढ़ के बाद अब नेपाल में फंसे लोगों की मदद के लिए टेक्नॉलजी कम्पनियों ने मदद के लिए हाथ आगे बढाए हैं। गूगल और फेसबुक से लेकर वाइबर और उबर जैसी नई टेक फर्म्स ने खोए हुए लोगों को ढूंढने के कई रास्ते बनाए हैं।

गूगल पर्सन फाइंडर
गूगल भी अपने फ्री और ऐक्सेसिबल पर्सन फाइंडर टूल के जरिये नेपाल में खोए हजारों लोगों को ढूंढने में मदद कर रहा है। यह एक फ्री टूल है जिसके जरिए परिवार के सदस्य या दोस्त किसी भी हादसे के बाद खोए हुए लोगों को ढूंढ सकते हैं। 
 
लोग साइट पर खोए हुए लोगों के बारे में जानकारी पा भी सकते हैं और दे भी सकते हैं।भारत और अमेरिका में SMS के जरिए भी सर्च उपलब्ध है। इसके अलावा गूगल वॉइस ने भी नेपाल के लिए कॉल्स की कीमत घटाई है। वाइबर इन्सटेंट मेसेजिंग और इंटरनेट कॉलिंग कंपनी वाइबर ने भी कुछ दिन के लिए नेपाल जाने वाली कॉल्स फ्री कर दी हैं।
 
वाइबर ने ''वाइबर आउट'' बिलिंग को बंद कर दिया है ताकि नेपाल में यूजर्स दुनियाभर में किसी भी मोबाइल और लैंडलाइन नंबर्स को फ्री में कॉल कर सकें। इससे उन लोगों को परिवार व दोस्तों तक पहुंचने में मदद मिलेगी जिनके पास इन्टरनेट कनेक्शन नहीं है।
 
फेसबुक सिक्यॉरिटी चेक
फेसबुक एक नया फीचर लेकर आई है जिसके जरिए हालिया भूकंप से प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को अपना सेफ्टी स्टेटस अपडेट कर सकते हैं। फेसबुक का यह सेफ्टीचेक फीचर 2014 में लांच हुआ था। सेफ्टी चेक लोगों के प्रोफाइल इन्फर्मेशन या दूसरे चेक-इन अपडेट्स के आधार पर प्रभावित इलाके में फंसे लोगों को ट्रैक करता है। उस इलाके के यूजर्स को फेसबुक अपना स्टेटस अपडेट करने के लिए प्रॉम्प्ट करेगा ताकि उनसे जुड़े लोगों को उनके सुरक्षित होने की तसल्ली हो जाए।
 
पेटीएम
उबर की तरह, पेमेंट प्लैटफॉर्म पेटीएम भी यूजर्स से कॉन्ट्रिब्यूट करने की गुजारिश कर रहा है और हर योगदान को मैच कर रहा है। कम्पनी ने एक स्टेटमेंट में कहा, ''हम अपना योगदान भारत सरकार द्वारा नेपाल के लिए चलाए जा रहे रिलीफ फंड में जमा करवाएंगे। हम भारत सरकार द्वारा नेपाल भूकंप राहत के लिए किसी विशेष फंड के बारे में निर्देशों की प्रतीक्षा भी कर रहे हैं।''
 
उबर
उबर इंडिया भी पीएम रिलीफ फंड में यूजर्स से डोनेशन देने की अपील कर इस मुहिम में शामिल हो गई है। कंपनी की तरफ से यूजर्स को भेजे गए एक मेल में लिखा गया है कि, ''मूल रूप से, ऊबर एक लॉजिस्टिक्स प्लैटफॉर्म है। इसका इस्तेमाल कर इस बड़े राहत कार्य से जुड़ने को लोगों के लिए आसान बनाया जा सकता है। यह इस आपदा में फंसे लोगों के प्रति हमारा छोटा-सा योगदान होगा।'' 
 
उबर 11 भारतीय शहरों से फंड रेज़ करने के प्रयास में आपके दान को सीधा प्राइम मिनिस्टर रिलीफ फंड से जोड़ेगी। आप उबर ऐप्प के जरिए अपनी अगली राइड के बाद 10 रुपए कॉन्ट्रिब्यूट कर सकते हैं। उबर प्रोमो कोड से किए गए हर डोनेशन को मैच कर रही है।

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