तेल के खेल में डूबा 3 लाख डॉलर

punjabkesari.in Saturday, Jan 31, 2015 - 10:45 AM (IST)

वाशिंगटन: तेल की फिसलन ने पिछले 8 महीने में ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों को लगभग 393 बिलियन डॉलर (243 खरब, 65, अरब, 98 करोड़, 3 लाख, 50 हजार रुपए) की चपत लगा दी है। तेल के क्षेत्र में निवेशकों ने पिछले 5 साल में 1.4 ट्रिलियन डॉलर का निवेश किया है। 

पिछले 5 साल में कच्चे तेल का औसतन भाव 91 डॉलर प्रति बैरल था जबकि अब यह फिसल कर 45 डॉलर प्रति बैरल तक आ चुका है। ब्लूम बर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश के चलते ही अमरीका में कच्चे तेल का उत्पादन 30 वर्ष के अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच गया है। जून से लेकर अब तक ऊर्जा कम्पनियों के शेयरों की कीमत में 353 बिलियन डॉलर की कमी हुई है जबकि  तेल के कारोबार में लगी तेल कम्पनियों द्वारा जारी किए गए बांड्स में 40 बिलियन डॉलर की कमी हो चुकी है।
 
तेल और गैस क्षेत्र को करीब से देखने वाले विशेषक सीन व्हीलर का कहना है कि अब गैस के दाम भी गिरना शुरू हो गए हैं और निवेशकों को इनका असर पोर्टफोलियो पर नजर आना शुरू हो गया है। ऊर्जा क्षेत्र में किए गए कुल निवेश में से 286 बिलियन डॉलर का निवेश ज्वाइंट वैंचर्ज के जरिए आया है जबकि करीब 353 बिलियन डॉलर पब्लिक ऑफर के जरिए मिले हैं। इसके लिए बांड्स और उधारी के जरिए 786 बिलियन डॉलर जुटाए गए हैं।
 
यह उधारी डूबने की आशंका से ही अब इन्वैस्टमैंट फंड्स की बैलेंस शीट बिगड़ सकती है। इस क्षेत्र में बड़ी निवेशक ह्यूस्टन की एनर्जी एक्स.एक्स. आई. को सबसे ज्यादा चपत लगी है। पिछले साल कच्चे तेल की भारी मांग के चलते कम्पनी ने 650 बिलियन डॉलर के बांड बेच डाले। वहीं तेल के दाम गिरने के कारण कम्पनी का शेयर अपने उच्चतम स्तर से 88 प्रतिशत लुढ़क चुका है। 
 
अमरीका में इस तरह की 86 कम्पनियों पर कच्चे तेल में गिरावट का जबरदस्त असर हुआ है। अमरीका के बैंकों ने कच्चे तेल के भंडार को आधार मान कर ड्रिलिंग कम्पनियों को कर्ज दिया था लेकिन आज की कच्चे तेल की कीमत के आधार पर तेल का यह पूरा भंडार भी बैंक के कर्ज की रिकवरी नहीं कर पाएगा।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News