म्यूचुअल फंड्स देंगे जोखिम का टेस्ट, PE Ratio और पोर्टफोलियो टर्नओवर रेश्यो जैसी भी देनी होगी जानकारी

punjabkesari.in Wednesday, Mar 13, 2024 - 03:57 PM (IST)

नई दिल्लीः म्यूचुअल फंड उद्योग (एमएफ) को अब अधिक जानकारी देनी होगी। उनसे निवेशकों की तादाद से लेकर स्मॉलकैप एवं मिडकैप फंडों के लिए पोर्टफोलियो टर्नओवर रेश्यो जैसी जानकारी भी तलब की गई है। इस सप्ताह एमएफ उद्योग जोखिम जांच (स्ट्रेस टेस्ट) रिपोर्ट का पहला हिस्सा सार्वजनिक करने जा रहा है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने जोखिम सार्वजनिक करने का जो प्रारूप तय किया है उसके अनुसार फंड कंपनियों को दो सक्रिय योजनाओं में शीर्ष 10 निवेशकों के कुल निवेश की जानकारी देनी होगा।

इसके साथ ही उन्हें जोखिम का आकलन करने वाले मानकों जैसे पोर्टफोलियो के स्टैंडर्ड डेविएशन और बीटा से जुड़ी बातें भी बतानी होंगी। इन दोनों की मदद से वृहद सूचकांकों की तुलना में पोर्टफोलियो से जुड़ी अनिश्चतता का पता लगाया जाता है। निवेशकों की तादाद से यह जानने में मदद मिलेगी कि किसी योजना का कोष कुछ खास निवेशकों के पास है या इसमें कई निवेशकों की भागीदारी रही है। पोर्टफोलियो टर्नओवर रेश्यो शेयरों के चयन के लिए फंड कंपनियों द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देता है।

स्ट्रेस टेस्ट के अलावा फंड कंपनियों को किसी योजना और उसके मानक सूचकांक के पिछले 12 महीनों के प्राइस-टू-अर्निंग रेश्यो और पोर्टफोलियो टर्नओवर रेश्यो से जुड़ी जानकारी भी देनी होगी। स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों के निवेशकों को मूल्यांकन से जुड़े जोखिम से बचाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नए निर्देश जारी किए हैं। बाजार नियामक ने एमएफ उद्योग न्यासों को निवेशकों की सुरक्षा का ढांचा भी तैयार करने का निर्देश दिया है। सेबी ने निवेश सीमा तय करने और पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन जैसे उपाय भी सुझाए हैं।

एम्फी द्वारा तैयार प्रारूप में स्ट्रेस टेस्ट से जुड़े विस्तृत दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं। फंड कंपनियों को यह बताना होगा कि उन्हें पोर्टफोलियो में 25 प्रतिशत और 50 प्रतिशत हिस्सा कम करने के लिए कितना समय चाहिए। स्ट्रेस टेस्ट में पोर्टफोलियो में सबसे कम कारोबार करने वाला 20 प्रतिशत हिस्सा शामिल नहीं किया जाएगा। एम्फी ने कहा है, ‘परिसंपत्ति प्रबधंन कंपनियों के लिए प्रो राटा आधार पर प्रतिभूतियां बेचना अनिवार्य नहीं होगा मगर स्ट्रेस टेस्ट के मामले में म्युचुअल फंड कंपनियां संबंधित योजना के सभी निवेशकों को समान दर्जा देने के लिए अनुपात के आधार पर प्रतिभूतियां बेचेंगी। फंड कंपनियों को उनके स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों में लार्जकैप, मिडकैप एवं नकदी का हिस्सा भी बताने के लिए कहा गया है।’

वित्त वर्ष 2023-24 में स्मॉलकैप शेयरों में भारी तेजी आई है। चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में 9 में निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक में हर महीने 4 प्रतिशत से अधिक तेजी दिखी है। मगर सेबी की सख्ती के बाद पहली बार मार्च में ये शेयर दबाव में दिखे हैं। इस महीने अब तक निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 5.5 प्रतिशत कमजोर रहा है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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