अमेरिका बना भारत की दवाओं का सबसे बड़ा खरीदार लेकिन अब अफ्रीका और लैटिन अमेरिका पर नजर

punjabkesari.in Wednesday, Apr 09, 2025 - 04:44 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत की फार्मा इंडस्ट्री के लिए अमेरिका सबसे बड़ा निर्यात बाजार बनकर उभरा है। वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से फरवरी तक भारत ने अमेरिका को 9.8 अरब डॉलर की दवाएं निर्यात कीं, जो कुल फार्मा निर्यात का 36% से भी अधिक है। हालांकि, अमेरिकी प्रशासन द्वारा आयात शुल्क बढ़ाए जाने की आशंका को देखते हुए अब भारतीय निर्यातक नए बाजारों की तलाश में जुट गए हैं।

अमेरिका को निर्यात में 14% की वृद्धि

फार्मास्युटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (Pharmexcil) के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका को निर्यात में 14% की ग्रोथ दर्ज की गई है। Pharmexcil के वाइस चेयरमैन भाविन मेहता ने बताया, “नए बाजार में घुसपैठ आसान नहीं होती। इसमें कम से कम 1.5 से 2 साल का समय लगता है। अगर अभी शुरुआत भी हो, तो 2026 से पहले इसका असर दिखना मुश्किल है।”

जोखिम मूल्यांकन और रणनीतिक बैठकें शुरू

Pharmexcil ने अब निर्यात बाजारों का जोखिम के आधार पर मूल्यांकन शुरू कर दिया है। इस महीने सरकारी अधिकारियों और निर्यातकों की बैठक संभावित है, जिसमें फोकस होगा- जोखिममुक्त और स्थायी निर्यात रणनीति पर।

अफ्रीका और लैटिन अमेरिका पर फोकस

गुजरात के एक निर्यातक ने बताया कि अब फोकस है अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और ASEAN देशों पर। छोटे और मध्यम निर्यातकों के लिए चुनौती है, लेकिन बड़े खिलाड़ी भी धीरे-धीरे इन नए बाजारों में सक्रिय हो रहे हैं।

फार्मेक्सिल का अफ्रीकी मिशन

Pharmexcil ने अफ्रीका को "महत्त्वपूर्ण क्षेत्र" के रूप में चिन्हित किया है। हाल ही में संगठन के नेतृत्त्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने तंजानिया, इथियोपिया और जांबिया का दौरा किया। अप्रैल से फरवरी 2025 तक भारत का कुल दवा निर्यात 6.95% बढ़कर 26.58 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। मार्च के आंकड़े आने बाकी हैं लेकिन अनुमान है कि वर्षांत तक यह आंकड़ा 27 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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