ट्रंप के टैरिफ का शिकार हुआ अमेरिका, बंदरगाहों पर लगा ट्रैफिक जाम

punjabkesari.in Friday, Apr 04, 2025 - 05:55 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 60 देशों पर टैरिफ लगाने के फैसले का असर अमेरिका खुद ही शिकार हो रहा है। नए टैरिफ 9 और 10 अप्रैल से लागू होंगे लेकिन इससे पहले टैरिफ-मुक्त शिपमेंट की होड़ मच गई है, जिससे अमेरिका के प्रमुख बंदरगाहों पर भारी ट्रैफिक जाम लगने लगा है।

बंदरगाहों पर शिपमेंट का दबाव बढ़ा

  • अमेरिका में दुनिया के सबसे बड़े और आधुनिक बंदरगाह होने के बावजूद मौजूदा हालात से निपटने में प्रशासन को मुश्किलें हो रही हैं।
  • कंपनियां टैरिफ लागू होने से पहले ही अधिक से अधिक माल मंगवाने की कोशिश कर रही हैं, जिससे कंटेनरों की लंबी कतारें लग गई हैं।
  • लॉस एंजेलिस और न्यूयॉर्क के प्रमुख बंदरगाहों पर जहाजों की संख्या सामान्य से कई गुना अधिक हो गई है।

आर्थिक प्रभाव और लॉजिस्टिक्स संकट

  • एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह स्थिति अमेरिका की सप्लाई चेन पर दबाव बना सकती है।
  • यदि बंदरगाहों पर शिपमेंट क्लियरेंस में देरी होती है, तो अमेरिकी बाजारों में कीमतें अस्थायी रूप से प्रभावित हो सकती हैं।
  • ट्रंप के टैरिफ फैसले से अमेरिका को ही सबसे पहले लॉजिस्टिक्स और ट्रेड बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

सिएटल पोर्ट पर 30% ट्रैफिक बढ़ा 

वैसे तो अमेरिका में करीब 60 शिपिंग पोर्ट हैं, लेकिन इसमें से चौथा सबसे बिजी पोर्ट सिएटल बंदरगाह है। पोर्ट की ओर से जारी सूचना के अनुसार, टैरिफ के ऐलान से पहले ही यहां ट्रैफिक 30 फीसदी बढ़ चुका है। अमेरिका के पश्चिमोत्तचर बंदरगाह संगठन के सीईओ जॉन वुल्फस का कहना है कि इस ट्रैफिक जाम से अमेरिका में आने वाले शिपमेंट की रफ्तार कम हो सकती है और कुछ समय के लिए उत्पाेदों की कमी और महंगाई का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंाने कहा कोरोनाकाल के समय भी सप्लाेई चेन पर बड़ा असर दिखा और एक बार फिर अनिश्चितता का माहौल है, जिसका असर अमेरिका के सप्ला ई चेन पर दिख सकता है।

अन्य बंदरगाहों पर भी असर

  • अमेरिका के 9वें सबसे व्यस्त ऑकलैंड पोर्ट पर एशियाई शिपमेंट का 74% हिस्सा आता है।
  • मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक, आईटी और चिप संबंधी उत्पाद यहां पहुंचते हैं।
  • पिछले महीने की तुलना में यहां 20% अधिक ट्रैफिक देखा गया है, जिससे लॉजिस्टिक्स पर दबाव बढ़ने की संभावना है।
  • पोर्ट ऑफ लॉस एंजेलिस: इस साल 10.3 लाख TEU की बढ़ोतरी हुई।
  • पोर्ट ऑफ लॉन्ग बीच: 96 लाख TEU की शिपिंग क्षमता संभाली।
  • न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी पोर्ट: 87 लाख TEU का शिपमेंट मैनेज किया।
  • पोर्ट ऑफ सवाना: 56 लाख TEU की क्षमता को हैंडल किया।
  • पोर्ट ऑफ ह्यूस्टन: 41.4 लाख TEU का माल यहां पहुंचा।

विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ लागू होने से पहले बढ़ते शिपमेंट के कारण अमेरिका के बंदरगाहों पर दबाव बना रहेगा और इससे देश की सप्लाई चेन को झटके लग सकते हैं।


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Content Writer

jyoti choudhary

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