GST नैटवर्क का उद्योग जगत को आश्वासन, सभी कर आंकड़े पूरी तरह होंगे सुरक्षित

punjabkesari.in Tuesday, Apr 11, 2017 - 07:11 PM (IST)

नई दिल्ली: देश में वस्तु एवं सेवाकर के समूचे नैटवर्क का रख-रखाव करने वाली कंपनी जी.एस.टी. नैटवर्क ने उद्योग जगत को आश्वस्त किया है कि उनके सभी आंकड़े और जानकारी नैटवर्क में कूट भाषा में सुरक्षित होगी और केवल करदाता और आकलन अधिकारी ही इसे देख सकेंगे। जी.एस.टी.एन. के सीईआे प्रकाश कुमार ने कहा कि सभी आंकड़े दो स्तरीय सुरक्षा ढांचे में रखे जाएंगे।

पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुमार ने उद्योगों को आश्वस्त किया कि जी.एस.टी.एन. सबसे बेहतर सुरक्षा प्रणाली वाले ढांचे को आंकड़ों को रखने के लिए अपनाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘आंकड़ों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है क्योंकि जो भी चालान इसमें डाला जाएगा उसमें वस्तु की कीमत भी शामिल होती है। हम इस बात को समझते हैं कि आपके प्रतिस्पर्धी को यदि इसकी जानकारी लगती है तो यह आपके लिए परेशानी की बात होगी।’’  

कुमार ने कहा, ‘‘इसलिए जो भी जानकारी हमारे पास होगी वह कंप्यूटर की कूट भाषा में होगी और उसके लिए हर संभव बेहतर सुरक्षा प्रणाली को इसमें रखा जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि डाटाबेस प्रशासक को इस तरह से तैयार किया गया है कि कोई भी अन्य इन आंकड़ों को नहीं देख सकेगा। ‘‘केवल 2 लोग ही इन्हें देख सकेंगे, एक करदाता खुद और दूसरा उसके कर अधिकारी जो उसके लिए जवाबदेह होगा। इसलिए कोई अन्य इसे नहीं देख सकेगा।’’ 

कुमार ने कहा कि जी.एस.टी.एन. मध्य-मई तक केन्द्र और राज्यों के 60 हजार अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का काम पूरा कर देगा ताकि उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी आधारित नई जी.एस.टी. प्रणाली के लिए तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि पहले ही मौजूदा वैट प्रणाली में शामिल करदाताओं में से 75.28 प्रतिशत को जी.एस.टी.एन. पोर्टल पर स्थानांतरित किया जा चुका है जबकि सेवाकरदाताओं में से अब तक 31.5 प्रतिशत इसमें पहुंचे हैं।   

कुमार ने कहा कि उत्पाद, सेवाकर और वैट के तहत कर देने वाले कुल 80 लाख करदाताओं में से अब तक 56.5 लाख को जी.एस.टी.नैटवर्क पोर्टल में स्थानांतरित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल में हर महीने 300 करोड़ बिल अथवा चालान को लोड किया जा सकेंगे। जी.एस.टी. प्रणाली में इस तरह के चालान पोर्टल से निकलेंगे।

जी.एस.टी. नैटवर्क का काम केन्द्र, राज्य सरकारों और करदाताओं तथा अन्य संबद्ध पक्षों को जी.एस.टी. प्रणाली के लिए नैटवर्क उपलब्ध कराना और उसके देख-रेख करना है। हालांकि, भाजपा के सांसद सुब्रमणियम स्वामी ने कई मौकों पर जी.एस.टी.एन. के शेयरधारिता ढांचे को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि इससे आंकड़ों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। 
 


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