Adani की शॉपिंग लिस्ट ने चौंकाया, 33 डील्स पर खर्च किए ₹80,000 करोड़

punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 06:05 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः जनवरी 2023 से अब तक अडानी ग्रुप ने अपने विभिन्न बिजनेस में करीब 80,000 करोड़ रुपए (9.6 अरब डॉलर) के 33 अधिग्रहण किए हैं। खास बात यह है कि यह विस्तार ऐसे समय हुआ जब समूह पर गंभीर फ्रॉड के आरोप लगे थे। इन डील्स के जरिए अडानी ग्रुप ने न सिर्फ निवेशकों का भरोसा वापस जीतने की कोशिश की, बल्कि यह संकेत भी दिया कि ग्रुप के पास पूंजी और कैश फ्लो की कोई कमी नहीं है।

सेक्टर के लिहाज से देखें तो पोर्ट बिजनेस सबसे आगे रहा, जहां 28,145 करोड़ रुपए के अधिग्रहण किए गए। इसके बाद सीमेंट सेक्टर में 24,710 करोड़, पावर सेक्टर में 12,251 करोड़, नए और उभरते व्यवसायों में 3,927 करोड़, जबकि ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर में 2,544 करोड़ रुपए की डील हुई। हालांकि, कर्ज में डूबे जेपी ग्रुप के 13,500 करोड़ रुपए के प्रस्तावित अधिग्रहण को इस आंकड़े में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि यह डील अभी पूरी होनी बाकी है।

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद भरोसा बहाली की रणनीति

2023 की शुरुआत में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर अकाउंटिंग फ्रॉड और शेयरों में हेरफेर के आरोप लगाए थे, जिन्हें समूह ने सिरे से खारिज किया। इसके बाद ग्रुप ने कर्ज घटाने, इक्विटी निवेश बढ़ाने और पूंजी आवंटन को सख्त करने पर फोकस किया। पोर्ट, सीमेंट और पावर जैसे कोर बिजनेस में लगातार अधिग्रहण कर ग्रुप ने अपने कैश फ्लो और ऑपरेशनल मजबूती को बनाए रखा।

सीमेंट और पोर्ट सेक्टर रहे सबसे एक्टिव

पिछले तीन वर्षों में हुए सौदों में सबसे बड़ा सौदा अप्रैल 2025 में अडानी पोर्ट्स द्वारा ऑस्ट्रेलिया के नॉर्थ क्वींसलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल का 21,700 करोड़ रुपये में अधिग्रहण रहा। वहीं, सीमेंट सेक्टर में अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी के जरिए कई बड़े अधिग्रहण किए गए, जिनमें पेन्ना सीमेंट (10,422 करोड़) और ओरिएंट सीमेंट (8,100 करोड़) प्रमुख हैं।

पोर्ट सेक्टर में कराईकल पोर्ट, गोपालपुर पोर्ट और एस्ट्रो ऑफशोर के साथ-साथ तंजानिया के दार-एस-सलाम पोर्ट का विदेशी अधिग्रहण भी शामिल है। पावर सेक्टर में लैंको अमरकंटक, विदर्भ इंडस्ट्रीज और कोस्टल एनर्जेन जैसी कंपनियों को खरीदा गया।

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10 लाख करोड़ रुपए का भविष्य का कैपेक्स प्लान

विश्लेषकों के मुताबिक, बेहतर पारदर्शिता, लेंडर्स के साथ लगातार संवाद और स्थिर एग्जीक्यूशन से अडानी ग्रुप की बैलेंस शीट रिस्क कंट्रोल में आई है। आगे की रणनीति के तहत ग्रुप ने अगले 5 वर्षों में करीब 10 लाख करोड़ रुपए के कैपेक्स प्रोग्राम की योजना बनाई है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में ग्रीनफील्ड, ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट्स और चुनिंदा अधिग्रहण शामिल होंगे।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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