आज से बंद हो जाएगा 94 साल पुराना बैंक, 20 लाख ग्राहकों पर पड़ेगा असर

punjabkesari.in Friday, Nov 27, 2020 - 10:58 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः नकदी संकट से जूझ रहे लक्ष्‍मी विलास बैंक पर आरबीआई ने पहले कई तरह की पाबंदियां लगाईं और इसके तुरंत बाद उसके डीबीएस बैंक में विलय की घोषणा कर दी। 94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक का नाम आज खत्म हो जाएगा। सिंगापुर के सबसे बड़े DBS बैंक के साथ इसका मर्जर हो जाएगा। 

20 लाख ग्राहकों पर होगा असर
गुरुवार को कैबिनेट में लिए गए फैसलों को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि बैंक के 20 लाख ग्राहकों को राहत मिलेगी। वे शुक्रवार से अपने खातों को डीबीएस बैंक इंडिया के ग्राहकों के तौर पर ऑपरेट कर सकेंगे। बेलआउट पैकेज के तहत लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं को उनका पूरा पैसा मिल जाएगा। अगर वे बैंक में अपना पैसा रखना चाहें तो भी सुरक्षित रहेगा।

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पूरी तरह सुरक्षित हैं पैसे
आपको बता दें बैंक ने अपने ग्राहकों को भरोसा दिया था कि मौजूदा संकट का उनकी जमाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बैंक ने कहा था कि 262 फीसदी के तरलता सुरक्षा अनुपात (LCR) के साथ जमाकर्ता, बॉन्डधारक, खाताधारक और लेनदारों की संपत्ति पूरी तरह सुरक्षित है।

1958 को RBI से बैंकिंग लाइसेंस मिला
लक्ष्मी विलास बैंक की शुरुआत तमिलनाडु के करूर में कुछ कारोबारियों ने मिलकर की थी। शुरुआत में यह बैंक छोटे बिजनेस को लोन देता था और फिर धीरे-धीरे बैंक का दायरा बढ़ा। बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक 7 लोगों ने मिलकर इस बैंक की शुरुआत की थी।

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इंडियन कंपनीज एक्ट 1913 के तहत 3 नवंबर 1926 से लक्ष्मी विलास बैंक ने बैंक की तरह काम करना शुरू किया था। उसके बाद 10 नवंबर 1926 को बिजनेस शुरू करने का सर्टिफिकेट मिला था। लक्ष्मी विलास बैंक को 19 जून 1958 को RBI से बैंकिंग लाइसेंस मिला था और 11 अगस्त 1958 को यह शेड्यूल कमर्शियल बैंक बन गया।

कैसे शुरू हुआ संकट?
पिछले कुछ साल में जब किसी बैंक के ग्रोथ को उसके लोन बुक से जोड़कर देखा जाने लगा तो इसका बुरा दौर शुरू हुआ। 4-5 साल पहले लक्ष्मी विलास बैंक ने रिटेल, MSME और SME को बड़े लोन बांटना शुरू कर दिया था। बड़े लोन से बैंक का लोन बुक तो बड़ा हो गया लेकिन यही इसकी मुसीबत बन गया।

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अर्थव्यवस्था में तेजी ना आने की वजह से बैंक का लोन NPA बन गया। वहीं, एनालिस्ट्स के अनुमान के मुताबिक, बैंक का 3000-4000 करोड़ रुपए का कॉरपोरेट लोन बैड लोन है। NPA बहुत ज्यादा बढ़ने की वजह से सितंबर 2019 में RBI को प्रॉम्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) फ्रेमवर्क के तहत कई कड़े कदम उठाने पड़े। 2018-19 में बैंक को 894 करोड़ रुपए का लॉस हुआ था।


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jyoti choudhary

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