मार्केट में 500 रुपए के नोटों का चलन बढ़ा, RBI ने 2023-24 में नोट छापने पर खर्च किए इतने हजार करोड़
punjabkesari.in Friday, May 31, 2024 - 11:28 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः चलन में मौजूद कुल मुद्रा में 500 रुपए मूल्य के नोटों की हिस्सेदारी मार्च, 2024 तक बढ़कर 86.5 फीसदी पहुंच गई। एक साल पहले की समान अवधि में यह 77.1 फीसदी थी। इस दौरान 2,000 रुपए के नोटों की हिस्सेदारी 10.8 फीसदी से घटकर सिर्फ 0.2 फीसदी रह गई। आरबीआई ने बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान नोट छापने या प्रिंट करने पर हजार दो हजार नहीं बल्कि 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए हैं।
आरबीआई ने कहा, पिछले साल मई में 2,000 रुपए के नोटों को वापस लेने की घोषणा के कारण 500 के नोटों का चलन बढ़ा है। वहीं, 2,000 रुपए के नोटों के चलन में गिरावट आई है। रिपोर्ट में साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च, 2024 तक मात्रा के हिसाब से 500 रुपए के सबसे ज्यादा 5.16 लाख नोट चलन मौजूद थे। इस अवधि तक 10 रुपए के नोट 2.49 लाख संख्या के साथ दूसरे स्थान पर रहे।
बैंक नोटों के मूल्य में 3.9 फीसदी बढ़ोतरी 2023-24 में चलन में मौजूद नोटों के मूल्य और मात्रा में क्रमशः 3.9 फीसदी व 7.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले वित्त वर्ष में वृद्धि क्रमशः 7.8 फीसदी व 4.4 फीसदी थी।
- मूल्य के लिहाज से चलन में मौजूद बैंक नोटों की संख्या में वृद्धि हाल के वर्षों में सबसे कम है।
- 2,000 के 26,000 से अधिक नकली नोट पकड़े गए। एक साल पहले 9,806 नकली नोट चिह्नित किए गए थे।
नोट छापने पर खर्च किए इतने हजार करोड़
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान नोट छापने या प्रिंट करने पर हजार दो हजार नहीं बल्कि 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए हैं। केंद्रीय बैंक ने रिपोर्ट में बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में आरबीआई ने नोट प्रिंटिंग पर 5,101 करोड़ रुपए खर्च किए।
वहीं, एक साल पहले की इसी अवधि यानी 2022-23 में आरबीआई (RBI) ने नोट की प्रिंटिंग (Note Printing) पर 4,682 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। रिजर्व बैंक ने लोगों के बीच करेंसी के इस्तेमाल को लेकर एक सर्वे भी किया है। इसमें 22,000 से ज्यादा लोगों ने संकेत दिए कि डिजिटल भुगतान के तरीके फेमस होने के बावजूद कैश का इस्तेमाल घटा नहीं है और यह अभी भी ट्रेंड में हैं।