देश के 40% हिस्से में मंडराया सूखे का खतरा, शहरों में होगी पानी की किल्लत

punjabkesari.in Wednesday, May 29, 2019 - 02:39 PM (IST)

नई दिल्लीः नई सरकार के गठन के साथ ही उसका सामना इस साल की सबसे बड़ी चुनौती से होगा। सूखे की स्थिति सरकार की सेहत खराब कर सकती है यानी कि सरकार की प्राथमिकता भारत समेत इसके दक्षिण हिस्से में गहरे सूखे से निपटने के लिए लोगों तक मदद पहुंचाना होगा। आईआईटी, गांधीनगर द्वारा चलाए जा रहे सूखा प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार देश के 40 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में सूखे का सामना करना पड़ सकता है। 

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लगभग आधे हिस्से में असर
बताया जा रहा है कि सूखे का असर इस बार देश के लगभग आधे हिस्से पर पड़ सकता है। इसका कारण मानसून से पहले हुई कम बारिश को बताया जा रहा है। इस बार मार्च और मई के बीच काफी कम बारिश देखने को मिली है। पूरे देशभर में इस बार 23 प्रतिशत कम बारिश हुई है। देश के दो तिहाई हिस्सों में कम बारिश रिकॉर्ड की गई। कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां काफी कम बारिश हुई है। मानसून से पहले होने वाली बारिश में ऐसी कमी पिछले 6 साल में नहीं देखी गई। जिसे काफी गंभीर बताया जा रहा है। इस अवधि में 49 प्रतिशत कमी के साथ दक्षिणी राज्यों ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है। तमिलनाडू के 32 में से 13 जिलों में प्रीमानसून बारिश 80 प्रतिशत तक कम है। केरला में 14 में से 12 और कर्नाटक में 16 मं से 12जिलों में 50 प्रतिशत 50 प्रतिशत बारिश कम हुई है। 

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सबसे ज्यादा असर साउथ में
कम बारिश का सबसे ज्यादा असर साउथ के राज्यों में दिख सकता है। अगर बारिश नहीं होती है तो यहां भयंकर सूखा पड़ने के आसार हैं। इन तीन महीनों में साउथ के राज्यों में 49 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। जिससे स्थिति काफी खराब नजर आ रही है। हालांकि अगर मानसून में अच्छी बारिश हुई तो खतरा टल सकता है। इससे मॉइस्चर लेवल में भी सुधार देखने को मिल सकता है लेकिन मानसून से पहले हुई कम बारिश से ग्रामीण इलाकों में समस्या बढ़ सकती है और इसके अलावा शहरों में भी पानी की कमी देखी जा सकती है।

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हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने पीएम मोदी से भी सूखे को लेकर मुलाकात की थी। उन्होंने अपने राज्य के लिए 2,064 करोड़ रुपए की सूखा राहत सहायता की मांग रखी थी। पीएम को सौंपे ज्ञापन में कुमारस्वामी ने कहा था, "लगातार सूखे और अनियमित बारिश ने राज्य में कृषि के लिए संकट पैदा कर दिया है। मैं आपसे राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि से 2,064 करोड़ रुपए जारी करने की प्रक्रिया जल्द शुरू करने का अनुरोध करता हूं।"

राजस्थान में अच्छी हुई बारिश
पानी की कमी वाले राजस्थान के मरूस्थल में इस बार प्रीमानसून बारिश बेहत अच्छी हुई है। यहां 80 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। पश्चिम बंगाल और रांची में बारिश की स्थिति सामान्य  20 से 59 प्रतिशत ज्यादा हुई है। जबकि सामान्य बारिश के आसार मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, असम और उड़ीसा में हैं। गुजरात में 82 और महाराष्ट्र में 78 प्रतिशत की कमी है। जब तक मॉनसून किक मारता है, तब तक औसत बारिश भी क्षेत्रीय कमियों को दूर कर सकती है और मिट्टी की नमी के स्तर में सुधार कर सकती है लेकिन प्री-मानसून की कमी के कारण ग्रामीण भारत में तनाव बढ़ गया और शहरों में पानी की किल्लत हो गई है। 


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jyoti choudhary

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