यूजर डेटा के दुरुपयोग पर 15 करोड़ जुर्माने की सिफारिश
Saturday, Jul 28, 2018 - 03:52 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः डाटा प्रोटेक्शन फ्रेमवर्क पर जस्टिस बीएन कृष्ण की अगुआई में बने उच्च स्तरीय पैनल ने शुक्रवार को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। पैनल ने प्राइवेसी को फंडामेंटल राइट मानते हुए डाटा प्रोटेक्शन बिल के ड्राफ्ट में बायोमीट्रिक्स, सेक्सुअल ओरिएंटेशन और धार्मिक या राजनीतिक भरोसा जैसे संवेदनशील पर्सनल डाटा की प्रोसेसिंग को अनिवार्य बनाने का सुझाव दिया।
डाटा चोरी पर भारी पेनल्टी लगाने का प्रस्ताव
जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने डेटा प्रोटेक्शन लॉ का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 15 करोड़ रुपए से लेकर उनके दुनियाभर के कारोबार के कुल टर्नओवर का 4 फीसदी तक का जुर्माना लगाने का सुझाव दिया है।
Interests of the citizens are at the apex and it must be protected at any cost. Simultaneously responsibilities of the state have to be protected. Finally this protection should not be at the cost of the trade & industry: Justice Srikrishna on #DataProtection Report pic.twitter.com/yjd9VZ0j0g
— RSPrasad Office (@OfficeOfRSP) July 27, 2018
कमेटी ने डेटा प्रोटेक्शन लॉ को लेकर कहा, '(यूजर को उसकी) सहमति की जानकारी होनी चाहिए, सहमति स्पष्ट होनी चाहिए और सहमति को वापस लेने का भी लोगों के पास अधिकार होना चाहिए।' यह रिपोर्ट शुक्रवार को आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद को सौंप दी गई। कमेटी का कहना है कि इंटरनेट के ग्राहकों को अपने डेटा तक पहुंचने का अधिकार होना चाहिए। कमेटी ने बिना जानकारी के डेटा में बदलाव किए जाने को लेकर भी चिंता जताई और ऐसा रोकने के लिए सुझाव दिए।
We have not treated data as a matter of property. It is a matter of my trust in somebody I have entrusted to and he is answerable to it. I am the principal of my data that someone else is processing it so I should have the upper hand: Justice Srikrishna on #DataProtection Report pic.twitter.com/HO7wLZCIMA
— RSPrasad Office (@OfficeOfRSP) July 27, 2018
व्यक्तिगत डेटा किसी भी वक्त हासिल करने का अधिकार
समिति ने कहा कि इंटरनेट सब्सक्राइबर्स और गूगल, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्मों का इस्तेमाल करने वालों को अपना व्यक्तिगत डेटा किसी भी वक्त हासिल करने का अधिकार होना चाहिए। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में एक-एक यूजर की पर्सनल प्रोफाइलिंग (यूजर की हर जानकारी इकट्ठा करने) और थर्ड पार्टी ऐप्लिकेशनों के द्वारा यूजर डेटा का अनौपचारिक तरीके संग्रह करने के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों का जिक्र किया है।
यह पैनल जुलाई 2017 में डिजिटल इकॉनमी की ग्रोथ के लिए बनाया गया था। इसके साथ ही इसका उद्देश्य पर्सनल डेटा को सुरक्षित करने के लिए सुझाव देना था। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'डिजिटल डिवेलपमेंट में श्रीकृष्ण कमेटी की रिपोर्ट मील का पत्थर साबित होगी। इसको ध्यान में रखते हुए कानून बनाया जाएगा।'