Insurance Claim हो रहा बार-बार रिजेक्ट? जानिए वो 10 सबसे बड़ी गलतियां जो आपकी पॉलिसी को बना देती हैं बेकार

punjabkesari.in Friday, Aug 01, 2025 - 02:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क: किसी भी इंसान की सालों की मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी लेना बहुत जरूरी होता है। लेकिन कई बार जरूरी होने के बावजूद भी हमारे द्वारा की गई छोटी-छोटी गलतियों के कारण क्लेम रिजेक्ट हो जाता है। इससे न केवल आपकी आर्थिक सुरक्षा खतरे में पड़ती है बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ता है। आइए जानते हैं वे 10 बड़ी गलतियां जिनसे आपको बचना चाहिए ताकि आपका इंश्योरेंस क्लेम हमेशा स्वीकार हो।

1. गलत या अधूरी जानकारी देना (Misrepresentation)

पॉलिसी खरीदते वक्त कई लोग एजेंट की सलाह पर फॉर्म बिना ध्यान दिए साइन कर देते हैं। उम्र, पेशा, आय, और स्वास्थ्य संबंधी सही जानकारी छिपाना सबसे बड़ी भूल होती है। अगर आपने कोई पुरानी बीमारी या जरूरी जानकारी छुपाई तो क्लेम के वक्त जब कंपनी जांच करती है, तो यह धोखाधड़ी माना जाता है और क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।

2. पुरानी बीमारी का छिपाव

डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायरॉइड जैसी बीमारियों का जिक्र न करने पर बाद में क्लेम से इंकार हो जाता है। प्रीमियम ज्यादा लगेगा इसका डर मत करें, क्योंकि सही जानकारी देना आपके फायदे का सौदा है।

3. प्रीमियम का समय पर न भुगतान

अगर आप अपने प्रीमियम का भुगतान निर्धारित समय पर नहीं करते हैं तो आपकी पॉलिसी लैप्स (inactive) हो जाती है। कंपनियां प्रीमियम जमा करने के लिए कुछ दिनों का अतिरिक्त समय (Grace Period) देती हैं, लेकिन वह भी खत्म होने पर पॉलिसी बंद हो जाती है और फिर क्लेम नहीं मिलता।

4. घटना की देर से सूचना देना

चाहे एक्सीडेंट हो या अस्पताल में भर्ती होना, इंश्योरेंस कंपनी को तुरंत सूचना देना बहुत जरूरी है। कई बार देरी होने पर कंपनी शक करती है और क्लेम को खारिज कर देती है।

5. पॉलिसी के एक्सक्लूजन (अस्वीकृत कारण) को न समझना

हर पॉलिसी में कुछ एक्सक्लूजन होते हैं जैसे कि साहसिक खेल, जानबूझकर चोट पहुंचाना या नशीली दवाओं से होने वाली घटना। अगर आपका क्लेम इन कारणों से जुड़ा है तो कंपनी इसे रिजेक्ट कर देगी।

6. क्लेम के लिए गलत या अधूरे दस्तावेज जमा करना

क्लेम के लिए सभी जरूरी दस्तावेज जैसे अस्पताल के बिल, डॉक्टर की पर्ची, FIR आदि सही और पूरे होने चाहिए। कोई कागज कम या गलत होने पर क्लेम प्रोसेस नहीं होगा।

7. वाहन में बिना सूचना बदलाव करना

कार या बाइक में कोई बड़ा बदलाव जैसे सीएनजी किट लगाना और इसकी जानकारी कंपनी को न देना जोखिम भरा हो सकता है। इससे आपकी पॉलिसी की रिस्क प्रोफाइल बदल जाती है और क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।

8. कंपनी के नेटवर्क गैराज के बाहर वाहन की मरम्मत

कैशलेस क्लेम सुविधा सिर्फ नेटवर्क वाले गैराज में होती है। गैर नेटवर्क गैराज में मरम्मत कराने पर आपको पहले पैसा देना होगा और बाद में क्लेम के लिए आवेदन करना होगा, जो रिजेक्ट भी हो सकता है।

9. फर्जी बिल बनाना या क्लेम में धोखाधड़ी करना

अधिक पैसा पाने के लालच में गलत बिल बनाना या झूठी जानकारी देना सबसे बड़ी गलती है। बीमा कंपनियां धोखाधड़ी पर सख्त कार्रवाई करती हैं, क्लेम रिजेक्ट के साथ-साथ कानूनी शिकंजा भी कसा जा सकता है।

10. वेटिंग पीरियड के दौरान क्लेम करना

कई बीमारियों के लिए पॉलिसी में 2-4 साल का वेटिंग पीरियड होता है। इस दौरान क्लेम करने पर कंपनी इंकार कर देती है। इसलिए पॉलिसी की शर्तों को अच्छे से समझना जरूरी है।

नतीजा:

इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के बाद सावधानी रखना और पूरी जानकारी सही देना आपकी सुरक्षा का पहला कदम है। ऊपर बताए गए गलतियों से बचकर आप अपने क्लेम को रिजेक्ट होने से बचा सकते हैं। याद रखें, इंश्योरेंस केवल प्रीमियम भरने भर का काम नहीं है, यह आपकी सुरक्षा का मजबूत कवच है, इसलिए इसे समझदारी से इस्तेमाल करें।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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