2024 में हमें चुनौतियों और अवसरों दोनों का सामना करना पड़ेगा
punjabkesari.in Tuesday, Dec 19, 2023 - 06:39 AM (IST)
फ्रांसीसी भविष्य दृष्टा और ज्योतिषी नास्त्रेदमस ने 500 वर्ष पूर्व भविष्यवाणी की थी कि 2024 में जलवायु परिवर्तन के चलते भयंकर बाढ़ आएगी। उन्होंने आर्थिक, पर्यावरणीय, राजनीतिक और सामाजिक महत्वपूर्ण परिवर्तनों की भी भविष्यवाणी की थी। उन्होंने चीन के साथ संघर्ष और मध्यपूर्व में युद्ध की भविष्यवाणी की और कहा था कि वेटिकन में एक नया पोप और इंगलैंड में एक नया राजा होगा।
जैसे-जैसे 2024 निकट आ रहा है, यह अतीत पर विचार करने और दुनिया विशेषकर भारत के लिए भविष्य की आशा करने का समय है। अगले वर्ष बड़ी आबादी वाले 7 देशों सहित 40 से अधिक देशों में राष्ट्रीय चुनाव होने वाले हैं, जिससे संभावित रूप से नेतृत्व में महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रम्प के बीच आमना-सामना हमारे समय की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन राष्ट्रपति चुनाव में अपना पांचवां कार्यकाल चाह रहे हैं। यूक्रेन में राष्ट्रपति जेलंस्की फिर से चुनाव लड़ सकते हैं जबकि मैक्सिकन राष्ट्रपति पद के लिए 2 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं।
2024 ओलिम्पिक खेल 26 जुलाई से 11 अगस्त तक पैरिस में होने वाले हैं। उद्घाटन समारोह किसी स्टेडियम की बजाय सीन नदी में एथलीटों को ले जाने वाली नावों पर आयोजित किया जाएगा। किंग चाल्र्स तृतीय की तस्वीर वाले बैंक नोट जल्द ही प्रसारित किए जाएंगे। नीदरलैंड्स के स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जैसा कि भाजपा ने वायदा किया था, अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन नए वर्ष की शुरूआत में निर्धारित है। अनुच्छेद-370 हटा दिया गया और अब सरकार का ध्यान समान नागरिक संहिता (यू.सी.सी.) पर आम सहमति बनाने पर है।
2024 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा। नतीजे कांग्रेस में राहुल गांधी के नेतृत्व पर असर डालेंगे और विपक्ष की एकता की परीक्षा लेंगे। यह समय भाजपा के लिए दक्षिण में समर्थन हासिल करने और उत्तर में अपना महत्व बरकरार रखने का भी अवसर होगा। अगले वर्ष जम्मू-कश्मीर सहित 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे। हालिया चुनाव नतीजों से विपक्षी दल असंतुष्ट हैं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल एकजुट होकर भाजपा के संसाधनों, नेतृत्व और संगठन का मुकाबला करने पर सहमत हुए हैं। अमरीकी अर्थव्यवस्था के वर्ष 2023 में 2.4 प्रतिशत और 2024 में 1.2 प्रतिशत बढऩे की उम्मीद है। हालांकि विकास दर धीमी होने का अनुमान है, जिससे 2024 में हल्की मंदी आएगी। वैश्विक विकास दर अगले वर्ष 2.9 प्रतिशत से घट कर 2.6 प्रतिशत हो जाएगी।
जहां तक भारत की अर्थव्यवस्था का सवाल है 2024 में इसके 6.3 प्रतिशत बढऩे की उम्मीद है जिससे यह देश की लचीलापन और बाहरी झटकों के प्रति कम संवेदनशीलता के कारण लगातार तीसरे वर्ष दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) का अनुमान है कि वर्ष 2023 और 24 में भारत की विकास दर 6 प्रतिशत से अधिक होगी, जो चीन की 4.5 प्रतिशत विकास दर से अधिक होगी। वर्ष 2030-31 तक भारत की जी.डी.पी. 6.7 ट्रिलियन डॉलर होने की उम्मीद है जो अमरीका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आई.टी. और पी.एल.आई. उद्योग उल्लेखनीय रूप से बढ़ सकते हैं। भारतीय ङ्क्षचताओं में राजनीतिक अस्थिरता, मुद्रा स्फीति, प्रतिभा की कमी, साइबर हमले, जलवायु परिवर्तन और बदलती कार्यशैली शामिल हैं।
वैश्विक शक्ति और दक्षिण के नेता के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 में उसके नेतृत्व से होती है। अगला शिखर सम्मेलन रिओ डी जनेरियो में आयोजित होगा। जनवरी में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन को 2024 के बाद की तारीख के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त ‘चौगम’ की बैठक भी 2024 में होने वाली है। मोदी की ‘नेबरहुड फस्र्ट’ रणनीति क्षेत्रीय शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए सहकारी क्षेत्रीय ढांचे की स्थापना करती है। अगले वर्ष बंगलादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका के चुनाव भी महत्वपूर्ण होंगे।
अमरीका-भारत संबंधों में लगातार सुधार हो रहा है और चुनाव नतीजों के बावजूद नीतियां अपरिवर्तित रह सकती हैं। दोनों देश अंतरिक्ष, रक्षा, सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, बहुपक्षीय सहयोग और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करते हैं। इसके अतिरिक्त भारत और अमरीका ने अपनी योजनाओं की घोषणा की है। भारत पश्चिम के साथ अपने रक्षा संबंधों का विस्तार करना चाहता है। वह यूक्रेन युद्ध पर तटस्थ है। पी.एम. मोदी ने इसराईल-हमास संघर्ष पर दुख जताया और कहा कि भारत इसराईल के साथ खड़ा है। भारत अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है जिससे बड़ा कार्यबल और उच्च आर्थिक वृद्धि हो सकती है। भारत को उच्च आर्थिक विकास के लिए इस मौके का लाभ उठाना चाहिए। 2024 में हमें चुनौतियों और अवसरों दोनों का सामना करना पड़ेगा। इन चुनौतियों से निपटने और मौकों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए साहस की जरूरत है।-कल्याणी शंकर