देह व्यापार हाईप्रोफाइल धंधा बन गया

punjabkesari.in Tuesday, Apr 04, 2023 - 05:59 AM (IST)

पूंजी के बाद स्त्री को समाज को संचालित करने वाली एक वस्तु माना गया है। जिस समाज की जितनी ज्यादा महिलाएं वेश्यालयों में होंगी वह उतना कमजोर होता जाएगा। यही कारण था कि गुलाम व्यवस्था या कहें कि मुगलकाल में वेश्यालयों की संख्या बढ़ गई थी। हजारों की तादाद में महिलाओं को वेश्यालयों के हवाले कर दिया जाता था। गुलाम व्यवस्था में उनके मालिक वेश्याएं पालते थे। अनेक गुलाम मालिकों ने वेश्यालय भी खोले। 

मुगलों के हरम में सैंकड़ों औरतें रहती थीं। मुगलकाल के बाद जब अंग्रेजों ने भारत पर अधिकार किया तो इस धंधे का स्वरूप बदलने लगा। भारत को पूरी तरह से खत्म करने के कई उपाय किए गए। भारत के कई गांव और समाज इस व्यापार में सैंकड़ों सालों से लगे हुए हैं। अब यह उनका पुश्तैनी धंधा बन गया है। आधुनिक युग में देह व्यापार का तरीका और भी बदल गया है। पुराने वक्त के कोठों से निकलकर देह व्यापार का धंधा अब वैबसाइटों तक पहुंच गया है। यहां कॉलेज छात्राएं, मॉडल्स और टी.वी. व फिल्मों की नायिकाएं तक उपलब्ध कराने के दावे किए गए हैं। 

माना जाता है कि इस कारोबार में विदेशी लड़कियों के साथ मॉडल्स, कॉलेज गल्र्ज और बहुत जल्दी ऊंची छलांग लगाने की महत्वाकांक्षी मध्यमवर्गीय लड़कियों की संख्या भी बढ़ रही है। अब देह व्यापार आलीशान होटलों और बंगलों में चल रहा है। एक सर्वे के अनुसार कॉलेज और यूनिवर्सिटी की लड़कियों को इसमें आसानी से मनोवैज्ञानिक रूप से फंसाया जाता है।

भारत के कुछ राज्यों के कुछ क्षेत्रों में आज भी देह व्यापार भले ही एक छोटी आबादी के लिए रोजी-रोटी का जरिया बना हुआ है लेकिन पिछले कुछ महीनों में जिस देह व्यापार के हाईप्रोफाइल मामले सामने आए हैं उससे यह बात तो साफ हो गई है कि देह व्यापार अब केवल मजबूरी न होकर धनवान बनने का एक हाईप्रोफाइल धंधा बन गया है। नेता, अभिनेता और धर्माचार्य भी इस धंधे को चला रहे हैं।


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