सुशांत की ‘कहानियों’ को अब विराम दें

punjabkesari.in Thursday, Oct 08, 2020 - 02:13 AM (IST)

एम्स की रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी और यह एक हत्या का केस नहीं था। अब इस रिपोर्ट के बाद उन विवादास्पद षड्यंत्र की कहानियों पर विराम लगा देना चाहिए जिसको चंद टैलीविजन चैनलों ने उछाला था। 

ज्यादातर टी.वी. चैनलों ने दो माह से इसी घटना के ऊपर अपना ध्यान केन्द्रित किया था। देश के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे जैसे कोविड महामारी, चीन के साथ संघर्ष, अर्थव्यवस्था की बुरी हालत तथा किसानों के बीच आक्रोश को नकार दिया गया था। हम सभी जानते हैं कि सुशांत सिंह मामले में टी.वी. चैनलों का निम्र स्तर देखा गया। आत्महत्या के पीछे षड्यंत्र या अन्य मंतव्यों को लेकर चैनलों ने विशेष जांच टीमें गठित कर रखी थीं। उनके पास उनके दावों को लेकर कोई भी प्रमाण नहीं था।

अभिनेता की प्रेमिका रिया चक्रवर्ती के घर के बाहर 24 घंटे सातों दिन सैंकड़ों की तादाद में पत्रकार खड़े किए गए थे। रिया की प्रत्येक गतिविधि पर निगाह रखी गई थी और उसे रिकार्ड किया गया था। यहां तक कि उसके घर पर डाक देने जा रहे डाकिए का भी चैनलों द्वारा साक्षात्कार किया गया। 

इन चैनलों के प्रबंधकों द्वारा उत्साहित होकर नई-नई कहानियां बनाई गई थीं। कुछ चैनलों ने तो शक की सुई रिया चक्रवर्ती पर टिकाई हुई थी। उनका आरोप था कि रिया ने ही अभिनेता को धीरे-धीरे जहर दिया तथा उसने घर के सारे स्टाफ को बदल दिया ताकि गला दबाने के अंतिम कृत्य को तैयार किया जा सके। इन चैनलों ने सुशांत सिंह की आत्महत्या से संबंधित  दृश्यों को फिर से नाट्य रूपांतरण में उतारा। उसके साथ फिल्मों के क्लिप्स जोड़े गए ताकि यह प्रमाणित किया जा सके कि यह गला दबाने की साजिश थी। सुशांत के कमरे को बाहर से ताला लगाने के बाद चाबी फैंक दी गई ताकि यह आत्महत्या का मामला लगे। ऐसी-ऐसी कहानियां चैनलों ने दर्शकों को बता रखी थीं। 

षड्यंत्र की कहानियों में यहां तक दावा किया गया था कि रिया चक्रवर्ती ने सुशांत के सारे धन का स्थानांतरण किया था जिसमें उन्हें एक फिल्म के लिए दी गई 17 करोड़ रुपए की राशि भी शामिल थी। सी.बी.आई. तथा महाराष्ट्र पुलिस ने पाया कि उनको ऐसी राशि कभी दी ही नहीं गई तथा यह मात्र एक प्रस्ताव था। सुशांत के खाते में से पिछले 5 वर्षों के दौरान 70 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ जिसमें से मात्र 55 लाख रिया से संबंधित था और पैसे का ज्यादा हिस्सा यात्रा, स्पा तथा उपहारों पर खर्च किया गया। 

षड्यंत्र की दूसरी कहानी यह थी कि बॉलीवुड का एक बड़ा सुपर स्टार इस षड्यंत्र का मास्टर माइंड था तथा उसने ही रिया चक्रवर्ती को मोहरा बनाया था। इस षड्यंत्र की कहानी के तहत सुपर स्टार सुशांत सिंह राजपूत को फिल्म उद्योग में आगे बढ़ता नहीं देख पा रहा था। हालांकि यह भी मानना मूर्खता होगी कि सुपर स्टार को राजपूत से किसी प्रकार का खतरा था जोकि उससे कई गुणा छोटा साबित हुआ था। जबकि इन चैनलों ने निरंतर ही षड्यंत्र की कई कहानियां गढ़ीं जिसकी विशेषज्ञों ने हंसी उड़ाई है। चैनलों के दर्शक तो यह मान कर चल रहे थे कि सुशांत के पीछे कोई षड्यंत्र था और उसकी हत्या ही की गई थी। ऐसी कहानियों को अंजाम देना मात्र चैनलों की टी.आर.पी. रेटिंग को बढ़ाना था। ऐसे चैनल जो सुशांत की मौत के मामले पर की जा रही बहुत बड़ी कवरेज के आलोचक रहे थे उन्हें भी इस घटना को अपने चैनल के अस्तित्व के लिए दिखाना पड़ा। 

एम्स दिल्ली की फोरैंसिक टीम ने इस बात पर जोर दिया है कि मौत का कारण आत्महत्या ही था। शरीर पर लटके जाने के अलावा किसी प्रकार की चोट नहीं थी। मैडीकल बोर्ड जिसने नजदीक से सुशांत का पोस्टमार्टम किया तथा फोरैंसिक जांच  ने पाया कि शरीर पर कोई भी हाथापाई या खींचातानी का निशान नहीं था तथा न ही कपड़ों पर ऐसा कुछ पाया गया। बोर्ड ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि यह फांसी लगाए जाने का मामला है  और मौत का कारण आत्महत्या है। मीडिया पर निरंतर कवरेज ने महाराष्ट्र पुलिस तथा बिहार पुलिस को भी आपस में भिड़ा कर रख दिया। नारकोटिक ब्यूरो भी इस मामले में ड्रग एंगल देख रहा था। 

रिया चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया गया था और आरोप लगाया गया कि वह अपने दोस्त के लिए ड्रग्स का प्रबंध करती थी। अब समय है कि सभी षड्यंत्र की कहानियों को विराम दिया जाए। टी.वी. चैनलों को अपना आत्ममंथन भी करना चाहिए कि वह दर्शकों को क्या दिखा रहे हैं। यदि सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले में बहस होनी ही चाहिए थी तो यह उनके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में होनी चाहिए थी।-विपिन पब्बी 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News