पंजाब सरकार की ओर से 2 वर्षों के दौरान बिजली क्षेत्र में नए मील-पत्थर स्थापित

punjabkesari.in Thursday, Mar 07, 2024 - 05:46 AM (IST)

पंजाब सरकार द्वारा पिछले 2 वर्षों के दौरान किए गए प्रयासों के परिणामों से बिजली के क्षेत्र में नए मील के पत्थर स्थापित हुए हैं। 2022 और 2023 के धान के  मौसम के दौरान, घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक और अन्य उपभोक्ताओं पर बिना किसी बिजली कटौती के कृषि उपभोक्ताओं को 8 घंटे अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति की गई। सभी उपभोक्ताओं के लिए स्वैच्छिक भार अभिव्यक्ति योजना, बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र के थर्मल प्लांट की खरीद के अलावा, बिजली उपभोक्ताओं को नियमित और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए योजनाओं का कार्यान्वयन, ठेकेदारों/आऊटसोर्स एजैंसियों द्वारा नियोजित श्रमिकों के लिए दुर्घटना मुआवजा नीति और रोजगार प्रदान करना आदि शामिल हैं। 

1 जुलाई, 2023 से पंजाब के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 2 महीने के लिए 600 यूनिट/1 महीने के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा प्रदान की जा रही है, पंजाब में लगभग 90 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं को शून्य बिजली बिल मिल रहे हैं। पंजाब सरकार ने पावरकॉम को साल 2022-23 में 20,200 करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 2023-24 में 14,769 करोड़ रुपए की सबसिडी दी है। पावरकॉम ने 2022 में कृषि ट्यूबवैल उपभोक्ताओं के लिए स्वैच्छिक लोड एक्सप्रैशन योजना और 2023 में डिफॉल्टर बिजली उपभोक्ताओं के लिए एकमुश्त निपटान योजना शुरू की। पंजाब के औद्योगिक उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए एक औद्योगिक सुविधा सैल की स्थापना की गई, जिसकी निगरानी पावरकॉम कार्यालय के सी.एम.डी. द्वारा की जाती है। 

उपभोक्ता अपनी समस्या के लिए मोबाइल 9646119141 पर कॉल कर सकते हैं। पंजाब ने राज्य के बाहर से अधिक बिजली आयात को समायोजित करने के लिए उपलब्ध ट्रांसमिशन क्षमता (ए.टी.सी. सीमा) को 7100 मैगावाट से बढ़ाकर 9000 मैगावाट कर दिया है। बिजली आपूर्ति के लिए 66 के.वी. लाइन, 66 के.वी. बिजली ट्रांसफार्मर, 11 के.वी फीडर आदि को जोडऩे या सुधारने के लिए संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आर.डी.एस.एस.) के तहत 3.873 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा आधुनिकीकरण के लिए करीब 6000 करोड़ रुपए की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को मार्च 2024 तक भारत सरकार से मंजूरी मिलने की संभावना है। 

केंद्रीय पछवाड़ा कोयला खदान जो पंजाब राज्य के लिए वरदान साबित हुई है, पावरकॉम को कोयला उपलब्ध करवाने वाले अनेकों स्रोतों की तुलना में पछवाड़ा केंद्रीय कोयला खदान अच्छी गुणवत्ता वाली है। इस खदान से पंजाब में पावरकॉम को कोयले की आपूर्ति होती है और इसकी वर्ष 2023 के दौरान बढऩे की उम्मीद है और धान के मौसम के दौरान इसने पंजाब में बिजली संयंत्रों की बढ़ी हुई कोयले की आवश्यकता को पूरा करने में मदद की है और इसके उच्च गुणवत्ता वाले कोयले से पावरकॉम को सालाना अनुमानित 500 करोड़ रुपए की बचत होगी। 

इस खदान से पावरकॉम को गर्मी के मौसम में कोयले की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए महंगा विदेशी कोयला नहीं खरीदना पड़ा, जिससे पावरकॉम को सैंकड़ों-करोड़ रुपए की अतिरिक्त बचत का फायदा हुआ। पछवाड़ा केंद्रीय कोयला खदान के चलते पंजाब के थर्मल प्लांटों में कोयले के भंडार में भी वृद्धि हुई है जिससे थर्मल बिजली की पैदावार बढ़ी है। पंजाब सरकार ने वर्ष 2024 में निजी क्षेत्र की जी.वी.के. थर्मल प्लांट गोइंदवाल साहिब को 1080 करोड़ रुपए में खरीदकर एक नया इतिहास रचा  है। इस थर्मल प्लांट का नाम तीसरे गुरु साहिब के नाम पर श्री गुरु अमरदास थर्मल पावर प्लांट होगा। यह गर्व की बात है कि जी.वी.के. थर्मल प्लांट गोइंदवाल साहिब पंजाब और भारत के अन्य राज्यों के इतिहास में पहला थर्मल प्लांट है, जिसे किसी राज्य की सत्तारूढ़ सरकार ने खरीदा है। 

यह पावरकॉम द्वारा थर्मल प्लांट का सबसे कम कीमत पर खरीद समझौता है। इस थर्मल प्लांट की खरीद से पंजाब में बिजली शुल्क 1 रुपए प्रति यूनिट कम करने में मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप 300-350 करोड़ रुपए की वार्षिक बचत होगी। शाहपुरकंडी बहुउद्देश्यीय बांध परियोजना के तहत 206 मैगावाट की जल विद्युत परियोजना और बैराज परियोजना निर्माणाधीन है। शाहपुरकंडी जलविद्युत परियोजना से 2025 के अंत तक बिजली उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पावरकॉम की ओर से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 1200 मैगावाट का बिजली खरीद समझौता सतलुज जल  विद्युत निगम ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एस.जी.ई.एल.) के साथ किया है। पावरकॉम और ट्रांसको द्वारा 1 अप्रैल 2022 से 26 फरवरी 2024 तक कुल 4511 योग्य उम्मीदवारों की भर्ती की गई है।-मनमोहन सिंह (पूर्व उपसचिव लोकसंपर्क, पी.एस.पी.सी.एल.)
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News