2050 तक वैश्विक महाशक्ति बन जाएगा भारत

punjabkesari.in Thursday, Oct 03, 2024 - 05:44 AM (IST)

पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने इंडोनेशिया के बाली रिसॉर्ट द्वीप पर डेनपसार के पास नगुराह राय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बाली अंतर्राष्ट्रीय एयर शो के दौरान सतत विमानन ईंधन (एस.ए.एफ.) पर वैश्विक और क्षेत्रीय सहयोग क्षमता के बारे में बात की। टोनी ब्लेयर ने कहा कि विश्व के नेताओं को इन 3 नई महाशक्तियों के साथ एक नई विश्व व्यवस्था के लिए तैयार रहना चाहिए।  ब्लेयर ने सिंगापुर के एक समाचार पत्र के साथ चर्चा के दौरान कहा कि इस सदी के मध्य तक (2050) 3 नई वैश्विक महाशक्तियां होंगी - अमरीका, चीन और भारत। 

ब्लेयर ने इस महीने की शुरुआत में मिल्केन इंस्टीच्यूट द्वारा आयोजित वार्षिक एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान द स्ट्रेट्स टाइम्स को बताया, आपको यह तय करना होगा कि आपका देश दुनिया में कहां फिट बैठता है, क्योंकि यह एक ऐसी दुनिया होगी जो बहुध्रुवीय होने जा रही है, (जहां) मेरे विचार से, इस सदी के मध्य तक 3 महाशक्तियां, अमरीका, चीन और संभवत: भारत के रूप में होंगी। विश्व के नेताओं को अब एक नई ‘जटिल विश्व व्यवस्था’ को संचालित करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए, जिसे ये तीन राष्ट्र आकार देंगे। उन्होंने कहा, इसलिए, आपको मजबूत गठबंधन बनाने होंगे जो आपको इन तीन महाशक्तियों से कुछ हद तक समानता के साथ बात करने में सक्षम बनाए। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व आथक मंच का अनुमान है कि भारत इस दशक के अंत तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, जो केवल संयुक्त राज्य अमरीका और चीन से पीछे रहेगा। 

अमरीका और चीन के बीच भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा उनकी आर्थिक और औद्योगिक रणनीतियों में तेजी से स्पष्ट हो रही है और आपूर्ति शृंखलाओं के चीन से दूर होने के साथ ही नई विश्व व्यवस्था को आकार देने में भी भूमिका निभाएगी। भारत को संयुक्त राज्य अमरीका द्वारा ‘मित्र-शोरिंग’ भागीदार माना जाता है, जिसका अर्थ है कि अमरीकी कम्पनियों को देश के मैत्रीपूर्ण संबंधों और रणनीतिक महत्व के कारण भारत में आपूर्ति शृंखला और विनिर्माण संचालन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।-शंख्यनील सरकार


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