2030 तक अमीर लोगों का देश बनने की राह पर भारत

punjabkesari.in Thursday, Jan 26, 2023 - 06:20 AM (IST)

1999 में जब पाकिस्तान के जनरल मुशर्रफ ने पाकिस्तानी जनता पर कारगिल दुस्साहस का बिगुल फूंका तब भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) 450 अरब डालर से थोड़ा अधिक था। इसे ठीक से प्रासंगिक बनाने के लिए उस समय कुछ अन्य देशों की जी.डी.पी. को देखने की जरूरत है। पाकिस्तान की जी.डी.पी. 63 अरब डालर थी। कनाडा की 678 बिलियन डालर तथा यू.के. की जी.डी.पी. 1690 बिलियन डालर थी। फ्रांस की जी.डी.पी. 1490 बिलियन या फिर 1.49 ट्रिलियन डालर थी। भारत गरीब लोगों से भरा एक गरीब देश था। 

आज यू.के. की जी.डी.पी. बढ़कर 3.13 ट्रिलियन डालर हो चुकी है। फ्रांस की जी.डी.पी. 2.96 ट्रिलियन डालर तथा कनाडा की करीब 2 ट्रिलियन डालर जी.डी.पी. हो चुकी है लेकिन भारत 3.18 ट्रिलियन डालर पर है। भारत में अभी भी गरीब लोग हैं लेकिन यह एक समृद्ध देश है। पाकिस्तान भी एक प्रकार से बढ़ गया है। लेकिन यह वृद्धि ऐसी है कि केवल अति हताश देशभक्त और ऊब चुके व्हाट्सएप चलाने वाले लोग ही जश्र मनाते हैं। पाकिस्तान की जी.डी.पी. करीब 350 अरब डालर है। पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था के मामले में भारत के आकार का लगभग 10वां हिस्सा है। अब पाकिस्तान खंडित होने लगा है। 

भारत की आर्थिक विकास की कहानी अभी शुरू हुई है। पिछले 2 दशकों में भारत की आर्थिक प्रगति ने पाकिस्तान को चलाने वाली कुछ प्रतिभाओं को डराने में कामयाबी हासिल की है। ठीक है, पाकिस्तान में अभी लोगों ने कुछ भी नहीं देखा है। मॉर्गन स्टेनली ने अनुमान लगाया है कि 2030 तक, या 7 साल से कम समय में भारत का समग्र सकल घरेलू उत्पाद अपने मौजूदा 3.18 ट्रिलियन डालर से बढ़ कर करीब 8 ट्रिलियन डालर हो जाएगा। यह समझने के लिए कि इसका अर्थ क्या है, किसी को पूर्वानुमान आंकड़ों के माध्यम से थोड़ा और पढऩे की जरूरत है। 

भारत वर्तमान में वैश्विक निर्यात का 2.2 प्रतिशत हिस्सा है। मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि यह 2030 में वैश्विक निर्यात का 4.5 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। भारत में खुदरा बाजार के अगले 7 वर्षों में दोगुना से अधिक बढ़ कर 1.8 ट्रिलियन डालर से अधिक होने की उम्मीद है। 

शायद सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रति व्यक्ति जी.डी.पी. 2,278 डालर प्रति वर्ष से बढ़ कर 5,242 डालर प्रति वर्ष होने की उम्मीद है। 35,000 डालर प्रति वर्ष से अधिक वार्षिक आय वाले भारतीय परिवारों का प्रतिशत सभी भारतीय परिवारों के 5.6 प्रतिशत से बढ़ कर 25 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है। इसका अभिप्राय यह है कि हर 4 भारतीय परिवारों में से एक वैश्विक मध्यम वर्ग का घर होगा। अधिकांश में अत्यधिक पढ़े-लिखे व्यक्ति होंगे जो उस घरेलू आय को आगे बढ़ाते हैं। अधिकांश लोग विलासिता की वस्तुओं के उपभोक्ता होंगे। गरीब लोगों से भरा देश होने से भारत 2030 में अपनी पूरी अर्थव्यवस्था को समतल करते हुए बहुत सारे अमीर लोगों का देश बनने की राह पर है। 

2030 में भारत काफी बड़ी आॢथक इकाई होगा। भारत को समाज,राजनीति और अर्थव्यवस्था से प्रेरणा मिल रही है। एक राष्ट्र के रूप में भारत की महानता को एक ऐसे समय में साकार किया जा रहा है जिसमें सबसे खराब राजनीति प्रवृत्ति को सबसे बड़े पुरस्कारों से पुरस्कृत किया जा रहा है। गरीब लोगों से भरे एक गरीब देश से भारत लोगों की बढ़ती संख्या वाले एक अमीर देश में परिवर्तित हो रहा है। यह बताना जरूरी है कि अबूधाबी से लेकर टोक्यो तक और वाशिंगटन डी.सी. से लेकर केनबरा तक लाल कालीन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए लगभग हर जगह बिछाया जाता है। 

दो संदर्भ जो भारत के बारे में घबराहट पैदा करते हैं वे हिंदू वर्चस्ववादी विचार और कार्रवाई के जन्मजात इस्लाम फोबिया हैं। यदि हम पाकिस्तान की बात करें तो एक पाकिस्तानी के जीवन में सुधार आर्थिक कल्याण के साथ शुरू और समाप्त होता है। लेकिन पाकिस्तान के लिए आर्थिक खुशहाली कहां से शुरू होगी और कहां पर खत्म होगी यह कहना अनिश्चितताओं का खेल लगता है। पाकिस्तान जिंदा रहने के लिए सुरक्षा के साथ शुरू और समाप्त होता है। 

कारगिल और पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सिद्धांत की हताशा ने पाकिस्तान को कमजोर कर दिया है। उन्होंने पाकिस्तान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा की आधार रेखा को नहीं बदला है। पाकिस्तान के सामने आने वाले संकट और गहरे हैं। हम सभी को एक देश के रूप में भारत के अविश्वसनीय रूप से परिपक्व होने को स्वीकार करना चाहिए। पाकिस्तान में परिवर्तनकारी सुधार का समय है। यह समय न केवल भारत को मनाने का है बल्कि पाकिस्तान को भी मनाने का है।-मुशर्रफ जैदी 


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