वह ‘लाटरी’ कैसे निकलेगी जो कभी डाली ही नहीं

punjabkesari.in Sunday, Mar 15, 2020 - 03:57 AM (IST)

इंसान की एक बुरी आदत है कि वह उन वस्तुओं को लूटना चाहता है जिन पर उसका हक ही नहीं होता। ऐसी अभिलाषा कई बार खुद के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। मानवीय लालच का फायदा उठाकर कई बार ठग किस्म के लोग दूसरों को ठग लेते हैं। लालच में कई बार हम अपनी जेबें भी खाली करवा देते हैं। लोगों को अपने जाल में फंसा कर लूटने वाले गिरोह हर जगह मिल जाएंगे। स्काटलैंड में रहते लोगों को अचानक ही आती फोन कालों से सावधान रहने के लिए पुलिस द्वारा चेतावनी दी गई है। 

कम्प्यूटर के माध्यम से आई आटोमेटिड काल द्वारा सुनने वाले को अपने फोन नम्बर से एक नम्बर डायल करने के लिए कहा जाता है। इसके बाद ग्राहक सेवा केन्द्र की ओर से कोई व्यक्ति बात करने लग जाता है तथा पूर्ण तौर पर भरोसे में लेने के बाद बैंक के खाते के प्रति पूछताछ करता है। इस आनलाइन ठगी का शिकार स्काटलैंड की ही एक महिला हुई है जिससे 80 हजार पाऊंड यह कहकर ठग लिए गए कि उसका एमेजोन प्राइम खाता हैक हो गया है तथा उसके खाते में पड़े पाऊंड किसी सुरक्षित खाते में तबदील करने जरूरी हैं। इसके बाद ठगों ने अपना कोई खाता नम्बर देकर सभी पाऊंड उसमें डलवा लिए। बेशक ऐसी जालसाजियों की स्कीमें इंगलैंड में जानी-पहचानी हैं, मगर ठग किस्म के लोग बातचीत द्वारा लोगों को ठगने में माहिर होते हैं। स्काटलैंड पुलिस की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि बेशक आप खुद ही काल कर रहे हों मगर बिना मतलब अपनी निजी जानकारी किसी से भी सांझा न की जाए। फोन पर बातचीत करते समय किसी को भी अपने बैंक के ए.टी.एम. या क्रैडिट कार्ड को सांझा करने से संकोच करें। ऐसी किसी भी फोन काल पर बात को आगे न बढ़ाएं जिसके द्वारा आपकी लाटरी निकलने या फिर कोई ईनाम जीतने का भरोसा दिलवाया जा रहा हो। 

पुलिस की ओर से स्पष्ट किया गया है कि ऐसी लाटरी आपको कभी भी नहीं मिलेगी, जिसे आपने कभी डाला ही नहीं। ईनाम या फिर लाटरी की राशि देने से पहले टैक्स राशि जमा करवाने के नाम पर मांगी गई राशि कभी भी जमा न करवाएं। स्काटलैंड पुलिस की ओर से मदरवैल इलाके के निवासी मो. रफीक को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसने मात्र 8 महीने में 33 वृद्धों से 6 लाख 30 हजार पाऊंड जालसाजी द्वारा ठग लिए थे। मो. रफीक अपने आपको लोगों संग फ्राड करने वाले लोगों की छानबीन करने वाला अधिकारी बताकर लोगों को भरोसे में ले लेता था। अंत में 34 वर्षीय रफीक उस समय पुलिस के हत्थे चढ़ा जब उसने कैंट क्षेत्र की एक वृद्ध महिला को 12 हजार पाऊंड ट्रांसफर करने के लिए कहा। इस महिला ने पुलिस से सम्पर्क कर बताया कि एक व्यक्ति अपने आपको फ्राड इंवैस्टीगेशन आफिसर बताकर उसको एक सुरक्षित खाते में पाऊंड ट्रांसफर करने को कह रहा है जबकि उसका कहना है कि उस महिला का खाता जालसाजों द्वारा हैक कर लिया गया है। 

ग्लासगो पुलिस द्वारा इस वर्ष में एक आदमी से 65 हजार पाऊंड की ठगी होने के बारे में बताया गया है। इस संबंध में एमेजोन की ओर से सूचित किया गया है कि एमेजोन के नाम का इस्तेमाल कर यदि कोई आपसे निजी जानकारी की मांग करता है तब आप किसी पर भी विश्वास न करें। लंदन में तो ऐसी धोखाधड़ी इस कदर अपने पांव पसार चुकी है कि अप्रैल 2018 से अप्रैल 2019 तक लंदन पुलिस के नैशनल फ्राड इंटैलीजैंस ब्यूरो के पास 23500 शिकायतें आई थीं। इंगलैंड के लोगों को एक सैकेंड में करीब 8 फ्राड कालों का सामना करना पड़ता है। जबकि एक महीने में इन कालों की गिनती 21 मिलियन तक जा पहुंची है। 

आज जबकि मैं 10 वर्ष पीछे की ओर देखता हूं तो मुझे मेरे एक दोस्त द्वारा पंजाब से की गई फोन काल याद आ जाती है। उस दोस्त ने मुझे यह बताने के लिए फोन किया था कि उसका फोन नम्बर इंगलैंड की किसी लाटरी वाले द्वारा चुना गया है तथा उसको करीब 50 हजार की राशि मिलने वाली है। वास्तव में बात यह थी कि मेरे दोस्त को फोन से संदेश यह मिला था कि वह अचानक बिना टिकट खरीदे जीती लाटरी की राशि का बनता टैक्स पहले भरे। मैंने बहुत ईमानदारी से उस दोस्त को यह समझाने की कोशिश की कि इस तरह की फोन काल केवल ठगी मारने के लिए होती है, इससे ज्यादा कुछ नहीं। मगर मुफ्त में मिली सलाह को अनसुना कर उस दोस्त ने टैक्स राशि जालसाजों द्वारा बताए गए खाते में जमा करवा दी। सबसे बड़ी बात यह है कि उस दोस्त को यह भी नहीं पता चला कि उसको किसने ठग लिया जबकि लाटरी की राशि मिलना तो दूर की बात थी। आज बेशक तकनीक ने बहुत तरक्की कर ली है मगर जालसाज भी इस तकनीक का फायदा उठा रहे हैं। यहां पर फूंक-फूंक कर कदम उठाना होगा नहीं तो क्या पता कब कौन आपकी जेब में से पैसे निकाल नौ दो ग्यारह हो जाए।-मनदीप खुर्मी
      


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