मतदाताओं का ‘चुनाव मैनीफैस्टो’

punjabkesari.in Tuesday, Jan 24, 2017 - 12:36 AM (IST)

भारतीय चुनाव आयोग द्वारा पंजाब  में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही  सभी राजनीतिक दल और उम्मीदवार सक्रिय हो गए हैं और आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार  राजनीतिक दलों के नामित उम्मीदवारों द्वारा (तथा जिन्हें टिकट नहीं मिली उनकी ओर से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में) नामांकन पत्र भरे गए हैं।इन  पत्रों में उनके द्वारा निर्धारित प्रमाणित शपथपत्र में अपने वित्तीय संसाधनों, आपराधिक पृष्ठभूमि, शैक्षणिक योग्यताओं एवं सरकारी देनदारियों के बारे में जानकारी दी गई है, जिसे हम  मतदान करने से पूर्व जांचें-परखेंगे। राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने-अपने चुनाव मैनीफैस्टो जारी किए हैं जिनमें उन्होंने कई तरह के सब्जबाग दिखाए हैं।

हम मतदाता राजनीतिक दलों द्वारा जारी चुनाव मैनीफैस्टो पर कोई किन्तु-परन्तु नहीं करते और न ही इस बारे में किसी बहस में उलझ कर अपना समय बर्बाद करना चाहते हैं क्योंकि हमें पता है कि सभी राजनीतिक दलों के चुनाव मैनीफैस्टो झूठ के पुङ्क्षलदे के अलावा कुछ नहीं होते।बेहतर हो यदि भूटान और मैक्सिको की तरह भारत में भी चुनाव के समय  पाॢटयों द्वारा जारी किए जाने वाले मैनीफैस्टो पहले चुनाव आयोग से अनुमोदित करवा लिए जाएं और इन्हें चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से 2-3 माह पूर्व मतदाताओं की जानकारी हेतु जारी करना अनिवार्य बनाया जाए। चुनाव आयोग, भारत सरकार, सुप्रीम कोर्ट अथवा संसद को इस बारे में विचार करना चाहिए।

हम पंजाब के मतदाता राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमें इस बारे में कोई भ्रम नहीं कि उनके मैनीफैस्टो, रोड शो, चुनावी रैलियों और नुक्कड़ मीटिंगों में किए जाने वाले वायदे उन्होंने पूरे नहीं करने हैं इसीलिए हम पंजाब के मतदाता अपना ‘वोटर मैनीफैस्टो’ जारी कर रहे हैं ताकि राजनीतिक दल और उम्मीदवार इसका अनुपालन कर सकें। वोटरों का यह मैनीफैस्टो जारी करने का केवल एक ही उद्देश्य है कि 4 फरवरी 2017 को उनके वोट हासिल करने वाले तथा 11 मार्च को विजयी घोषित होने वाले सभी 117 उम्मीदवार, जो खुद को माननीय विधायक कहलाएंगे, की विधानसभा, सरकार और  अपने चुनावी क्षेत्र में कारगुजारी  पारदर्शी बनी रहे तथा वे मतदाताओं के साथ किए हुए वायदों को पूरा करने और उनकी समस्याओं के समाधान प्रति संजीदा रुख अपनाए रखें एवं अपने कत्र्तव्यों के संबंध में जिम्मेदारी व वचनबद्धता का प्रदर्शन करें।

अपने इस मैनीफैस्टो के माध्यम से हम मांग करते हैं कि वे अपनी कारगुजारी और उपलब्धियों के बारे  में हर माह के प्रथम सप्ताह में निम्रनिॢदष्ट प्रपत्र के अनुसार अपना रिपोर्ट कार्ड अपने क्षेत्र के वासियों और खासतौर पर मतदाताओं की जानकारी हेतु अनिवार्य रूप में जारी करें। जो विधायक ऐसा मासिक रिपोर्ट कार्ड जारी नहीं करेगा उसके बारे में यह समझा जाएगा कि वह मतदाताओं की भावनाओं का सम्मान नहीं कर रहा और हम मतदाता ऐसे विधायक को पारदर्शी एवं जिम्मेदार नहीं मानेंगे।

हम जोरदार मांग करते हैं कि  पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवार हमारे इस मैनीफैस्टो को अवश्य पढ़ें और इस पर अमल करें।  हम भारत के चुनाव आयोग से भी यह मांग करते हैं कि वह मतदाताओं के इस मैनीफैस्टो को चुनाव लड़ रहे समस्त उम्मीदवारों के नोटिस में लाना सुनिश्चित करे। प्रत्येक विधायक की कारगुजारी दर्शाता यह  मासिक रिपोर्ट कार्ड पंजाब सरकार (संसदीय मामले विभाग) की वैबसाइट पर पोस्ट करना अनिवार्य बनाया जाए और 1 अप्रैल 2017 से ही पंजाब सरकार की वैबसाइट पर इसकी पोसिं्टग शुरू कर दी जाए।

पंजाब के विधायकों का मासिक  रिपोर्ट कार्ड (महीना...2017) 
* विधायक का नाम : 
* चुनाव क्षेत्र का नाम : 
* पंजाब विधानसभा (यदि इसका सत्र चल रहा हो) में कितने दिन उपस्थित रहे : 
* अपने क्षेत्र के बारे में विधानसभा में कितने सवाल पूछे :
* कितने प्राइवेट विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किए :
* विधानसभा की समितियों की कितनी बैठकों में उपस्थित हुए : 
* प्रशासन द्वारा बुलाई कितनी मीटिंगों में हिस्सा लिया :
* कितने दिन अपने क्षेत्र का दौरा किया : 
*जिला प्रशासन/स्थानीय निकायों  की सहायता से अपने क्षेत्र में कितने नाजायज कब्जे हटवाए : 
* कितने मामले में नाजायज कब्जे हटवाने के लिए पुलिस की सहायता लेनी पड़ी : 
* अपने क्षेत्र में अपराधियों और गुंडा तत्वों के विरुद्ध कितनी एफ.आई.आर. दर्ज करवाईं और कितने अपराधी गिरफ्तार करवाए : 
* अपने क्षेत्र में सार्वजनिक स्थलों और सड़कों के किनारे कितने पेड़ लगवाए, इन पर कितना खर्च हुआ और किस खाते में से किया गया :
* क्षेत्र में कितने सार्वजनिक स्थलों और प्राइवेट घरों में शौचालय  बनवाए गए, कितना खर्च हुआ और किस खाते में से किया गया : 
* क्षेत्र में जल संरक्षण के क्या प्रयास किए गए, कितना खर्च हुआ और किस खाते में से हुआ : 
* क्षेत्र में कितने विकास कार्य शुरू किए गए, कितने सम्पूर्ण हुए, कितना खर्च हुआ और किस खाते में से किया गया : 
* क्षेत्र में विकास कार्य की गुणवत्ता और पायदारी तय करने के लिए कितनी पड़तालें की गईं :
* क्षेत्र के लोगों की कितनी शिकायतें सुनी गईं, कितनी का निपटारा हुआ और कितनी बकाया हैं : 
(लेखक के विचार निजी हैं)


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