अश्लीलता की फैक्टरी न बनें महिला छात्रावास

punjabkesari.in Friday, Sep 23, 2022 - 06:41 AM (IST)

पंजाब की एक यूनिवर्सिटी के होस्टल में चोरी से छात्राओं के वीडियो बनाए जाने के खुलासे से एक बार फिर रिवैंज पोर्नोग्राफी और सैक्सटॉर्शन की चर्चा गर्म हो गई है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में रोजाना  सैक्सटॉर्शन या रिवैंज पोर्नोग्राफी के 500 मामले सामने आते हैं। 

इंटरनैट टैक्नोलॉजी की तरक्की के साथ ही सैक्सटॉर्शन (ऐसे मामले, जिनमें आमतौर पर एक ब्लैकमेलर शामिल होता है, जिसकी पहुंच पीड़ित की निजी फिल्मों या तस्वीरों तक होती है) के मामलों में बेहद बढ़ोतरी हुई है। वहीं, रिवैंज पोर्नोग्राफी भी आम बात हो गई है, जिसे हम आम शब्दों में कहें तो ब्लैकमेलर की तरफ से पीड़ित को पर्सनल फोटो का और मल्टी मीडिया मैसेज के जरिए धमकाना और अपने पर्सनल फायदे के लिए उनका इस्तेमाल करना शामिल है। इसकी बड़ी शिकार छात्राएं हो रही हैं। 

डिजिटल टैक्नोलॉजी के इस युग में कम्प्यूटर और इंटरनैट की दुनिया जितनी फास्ट है, उतनी ही खतरनाक भी। टैक्नोलॉजी की स्पीड के साथ ही तकनीक के माध्यम से होने वाले क्राइम भी बढ़ रहे हैं। किसी की वैबसाइट को हैक करना या सिस्टम डाटा को चुराना, ये सभी साइबर क्राइम की श्रेणी में आते हैं, वहीं, किसी की परमिशन के बिना उसकी फोटो खींचना, वीडियो बनाना और शेयर करना भी साइबर अपराध की कैटेगरी में आता है। साइबर क्राइम को लेकर देश का कानून बहुत सख्त है। इसके बावजूद आज के समय में इंटरनैट के माध्यम से अश्लीलता का व्यापार भी खूब फल-फूल रहा है। 

ऐसे में पोर्नोग्राफी एक बड़ा कारोबार बन गई है, जिसके दायरे में ऐसे फोटो, वीडियो, टैक्स्ट, ऑडियो और अन्य सामग्री आती है, जो यौन कृत्यों और नग्नता पर आधारित होती है, जिस पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून  लागू होता है। इसे कैसे रोका जा सकेगा, यह एक अहम सवाल है। क्योंकि इन्टरनैट पर ताजा अश्लील सामग्री की मांग लगातार बढ़ रही है, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के महिला छात्रावास इस सामग्री की फैक्टरी न बनें, इस पर सोचना और कार्य करना चाहिए। कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत में रोजाना इंटरनैट से डाऊनलोड होने वाले डाटा में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी पोर्न कंटैंट की होती है। गूगल ट्रैंड डाटा के हिसाब से दुनिया में रोजाना पोर्न वॉचिंग में 68 मिलियन से अधिक सर्च की जाती हैं। 

इस वक्त उच्च शिक्षा संस्थानों के महिला होस्टल कोई ज्यादा सुरक्षित स्थान साबित नहीं हो रहे। अनेक अभिभावक इससे दबाव में हैैं। जब एक छात्रा ही दूसरी छात्रा के यौन शोषण में संलिप्त पाई जाती है तो मामले की संजीदगी और बढ़ जाती है। इससे जुड़े अश्लील कंटैंट को चोरी से रिकॉर्ड कर विदेशों में बेचने की खबरें पुष्टि करती हैं कि पोर्न अब एक बड़ा अंतर्राष्ट्रीय कारोबार बन गया है, जिसमें अनेक छात्राएं जाने-अनजाने फंस रहीं और ब्लैकमेल हो रही हैं। सुझाव है कि इसके लिए महिला छात्रावासों के लिए स्टैण्डर्ड ऑप्रेटिंग प्रैक्टिस से जुड़ी गाइडलाइन्स जारी होनी अत्यावश्यक है।-डा. वरिन्द्र भाटिया


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