बजट 2022 : भारत का  ‘टैक्नोलॉजी दशक’ अब आरंभ हो गया है

punjabkesari.in Saturday, Feb 05, 2022 - 06:52 AM (IST)

दो वर्षों में बार-बार रूप बदलते कोरोना वायरस ने पूरे विश्व को अपने जाल में जकड़ लिया था। इस महामारी के बीच, केवल अनिश्चितता ही लोगों के जीवन का एकमात्र निश्चित पहलू बन गई। जब विकसित दुनिया इस चुनौती से जूझ रही थी, तब भारत ने अपनी वैज्ञानिक उत्कृष्टता व आर्थिक लचीलेपन के माध्यम से आत्मनिर्भरता को बल देकर संकट का जवाब देने में दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। इसका परिणाम हम सबके सामने है कि जनवरी 2022 तक भारत अपनी 75 प्रतिशत आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण कर चुका है और हमें दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में आंका गया है। 

हां, हम ये गर्व से कह सकते हैं कि जब पूरी दुनिया कोरोना के कारण लडख़ड़ा गई तो भारत पूरी तरह से डटा रहा। भारत के इस अबाधित विकास का एक बड़ा चालक प्रौद्योगिकी पर दिया गया बल है जिसे उसने जमीनी स्तर पर शासन तंत्र को चुस्त दुरुस्त व गति देने के लिए तैनात किया है। 

‘डिजिटल इंडिया’ ने डायरैक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (DBT) की एक विश्वसनीय, सुलभ और चुस्त संरचना के साथ-साथ डाटाबेस निर्माण एवं जमीन पर लागू की जा रही सरकारी योजनाओं की प्रभावकारिता के लिए निरंतर फीडबैक सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए, जब प्रधानमंत्री पी.एम.-किसान की 10 वीं किस्त को स्थानांतरित करने के लिए बटन दबाते हैं, तो पूरे भारत में 10.09 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 20,900 करोड़ रुपए की राशि पहुंच जाती है। सभी जानते हैं कि यह कोई नौटंकी नहीं है। यह तकनीक की ताकत ही है जो इतने बड़े पैमाने और गति दोनों से लाभार्थियों तक आसानी से पहुंचने के साथ-साथ लीकेज और बिचौलियों को खत्म करने में सक्षम है। 

वर्ष 2022 का प्रस्तुत बजट भी अगले 25 वर्षों के लिए भारत के विकास की कहानी लिखने के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति में सरकार के भरोसे की पुष्टि करता है, जो ‘अमृत काल’ या भारत की आजादी के बाद से 100 साल पूरे करने की अवधि को चिह्नित करता है। देश के विकास की कहानी में गहन तकनीकी को सम्मिलित किया जाना व उसे बढ़ावा देना भारतीय युवाओं की आकांक्षाओं के अनुरूप है। भारतीय युवा खुद को वैश्विक समुदाय के एक अभिन्न अंग के रूप में केवल तकनीक को अपनाने की बजाय उसे बढ़ावा देने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना चाहता है। 

भविष्य में तेजी से बदलती डिजिटल चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रौद्योगिक उत्साही लोगों द्वारा ब्लॉकचेन टैक्नोलॉजी आधारित डिजिटल रुपए व डिजिटल परिस पतियों पर कर लगाने की घोषणाओं का स्वागत किया गया है। इसके अलावा, वित्तमंत्री द्वारा ‘बैटरी स्वैपिंग’ नीति बनाए जाने के आश्वासन ने इलैक्ट्रिक व्हीकल क्षेत्र को राहत की सांस दी है, जो एक सतत भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। 

भारतीय डिजिटल ईकोसिस्टम का बड़े पैमाने पर विस्तार हो रहा है। भारत में सबसे सस्ता डाटा उपलब्ध है और वह डाटा खपत में सबसे आगे है। इतना ही नहीं, इसके पास इंटरनैट उपयोगकत्र्ताओं की दूसरी सबसे बड़ी सं या है। इसे और बढ़ावा देते हए, इस साल के बजट में 5जी तकनीक के रोल-आऊट की समय-सीमा बताई गई है, जो टियर-2 और टियर-3 शहरों से निकलने वाली भारत की इंटरनैट क्रांति को और गति प्रदान करेगी। वर्ष 2025 तक सभी गांवों में ऑप्टिकल फाइबर नैटवर्क पहुंचने के साथ, यह उम्मीद की जाती है कि किसी भी प्रकार का ‘डिजिटल डिवाइड’ जल्द ही अतीत की बात हो जाएगी। 

फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और खेतों में कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग के साथ कृषि क्षेत्र में एक और आशाजनक तकनीकी एकीकरण का वादा किया गया है जो ड्रोन उद्योग के साथ-साथ कृषि-तकनीक क्षेत्र के लिए असं य अवसर पैदा करता है। ‘किसान ड्रोन’ प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए बाजार के विस्तार और कृषि आधुनिकीकरण की सुविधा के मामले में पारस्परिक रूप से लाभकारी ईको सिस्टम का निर्माण करने का काम करेगा। 

स्टार्टअप के मोर्चे पर मोदी सरकार का रिकॉर्ड असाधारण रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण 2022 के अनुसार, वर्ष 2021-22 में 14,000 नए स्टार्टअप को मान्यता दी गई। 2016-17 में यह सं या केवल 733 थी। इसमें आगे कहा गया है कि भारत के 555 जिलों में कम से कम एक नया स्टार्टअप था, जो ईकोसिस्टम के व्यापक और समावेशी विकास का संकेत देता है। वर्ष 2022 के बजट में एक और साल के लिए स्टार्टअप्स को कर प्रोत्साहन देकर उद्यमिता को और बढ़ावा देता है। 

वित्त मंत्री ने स्टार्टअप में अधिक उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन की भी घोषणा की है जो वेंचर कैपिटल समुदाय के लिए सरकार की सराहना को दर्शाता है जिसने भारतीय स्टार्टअप को बढ़ावा देने में मदद की है। बजट 2022 में व्यक्त की गई स्पष्ट  मंशा को देखते हुए, यह विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि ‘टेकेड ऑफ इंडिया’ (जैसा कि पीएम मोदी ने कहा था) यानि भारत का  ‘टैक्नोलॉजी दशक’ अब आरंभ हो गया है।-विजेंद्र गुप्ता,(विधायक, दिल्ली विधानसभा)
 


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