भारत में यह क्या कर रहे हो! यह क्या हो रहा है!!

punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2017 - 10:48 PM (IST)

मनुष्य को प्राणियों में सर्वाधिक सुसभ्य और सुसंस्कृत माना जाता है परंतु अच्छे-बुरे की पहचान के लिए दिमाग होने के बावजूद अनेक लोग ऐसी हरकतें कर रहे हैं जिनसे मन में स्वत: ही यह प्रश्र उठने लगता है कि आखिर हम किधर जा रहे हैं और हम क्या कर रहे हैं? प्रस्तुत हैं इंसानियत से गिरी हुई करतूतों के ऐसे चंद ताजा उदाहरण: 

04 फरवरी को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 6 छात्राओं द्वारा होमवर्क न करने पर एक स्कूल की अध्यापिका को इतना गुस्सा आया कि उसने उनकी स्कर्ट उतरवा कर स्कूल में उनकी परेड करवा दी। 19 फरवरी को राजस्थान के नाथद्वारा में एक अध्यापिका ने होमवर्क न करने पर 7वीं कक्षा की 14 वर्षीय छात्रा के कपड़े उतरवा दिए। 

26 फरवरी को मेरठ में एक महिला ने एफ.आर.आई. दर्ज करवा कर पुलिस में शिकायत लिखवाई कि उसके पति ने अपनी ही सगी बेटी से कई महीनों तक दुराचार करके उसे गर्भवती कर दिया है। 08 मार्च को भटिंडा के गांव कोटफत्ता में एक महिला ने अपने बेटे के साथ मिल कर अपने 5 वर्षीय पोते और 3 वर्षीय पोती को लगातार तीन दिनों तक चिमटे से पीटने और करंट लगाने के बाद गला घोंट कर उनकी बलि दे दी ताकि महिला की लम्बे समय से बीमार चल रही बहन ठीक हो सके और उसकी 6 वर्ष पूर्व विवाहित बेटी के घर में औलाद पैदा हो सके। 

09 मार्च को गाजियाबाद के वंदना एन्क्लेव में 10 वर्षों के दौरान बच्चा न होने से खफा एक महिला ने अपने पति का गुप्तांग काट डाला। 11 मार्च को मुजफ्फरपुर (बिहार) में एक कलयुगी मां ने अपने पहले पति को छोड़ कर दूसरी शादी करवाने की खातिर अपने एक वर्ष के दुधमुंहे बच्चे को 93,000 रुपयों में बेच दिया। 15 मार्च को मोहबा (उत्तर प्रदेश) में एक 12 वर्षीय बच्ची को उसकी मां ने 45,000 रुपए में 35 वर्षीय एक व्यक्ति को बेच दिया। 

23 मार्च को राजकोट के प्राइमरी स्कूल की 50 वर्षीय अध्यापिका ने छात्राओं को अश्लील वीडियो दिखाए और उन्हें निर्वस्त्र करके नचाया। 23 मार्च को झारखंड में धनबाद के भूली गांव की एक महिला ने अपने पति के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि वह अपनी ही सगी बेटी से लगातार बलात्कार करता रहा जिससे वह गर्भवती हो गई। 

23 मार्च को ही उत्तर प्रदेश में लखनऊ जा रही एक युवती को दो पुरुषों ने जबरदस्ती पकड़ कर तेजाब पिला दिया जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और वह लखनऊ में उपचाराधीन है। इसके साथ 2008 में रायबरेली में सामूहिक बलात्कार भी हुआ था और बलात्कारियों ने उसके पेट पर तेजाब डाल दिया था। 23 मार्च को बंगाल में जगत वल्लभपुर के एक गांव में एक अध्यापक द्वारा दुष्कर्म की शिकार 12 वर्षीय बच्ची ने एक बच्ची को जन्म दिया और उसके लिए इंसाफ की खातिर हावड़ा की अदालत में गुहार लगाई है। 

24 मार्च को एटा जिले में तीन सगे भाई अपनी 6-7 वर्षीय रिश्तेदार बच्ची को खेतों में ले गए और उससे सामूहिक बलात्कार कर डाला। यहां तक कि उन्होंने बच्ची के गुप्तांग में लकड़ी का एक टुकड़ा भी डाल दिया। 24 मार्च को ही केरल के कोच्चि में 12 वर्षीय एक लड़के के पिता बनने का मामला सामने आया। आरोपी ने अपने से 6 साल बड़ी चचेरी बहन से संबंध बनाए थे जिसने नवम्बर में एर्नाकुलम के अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया। 

इस युवती ने पहले लड़के पर उससे बलात्कार करने का आरोप लगाया था जिस पर लड़के को गिरफ्तार किया गया और बाद में लड़के ने भी लड़की पर उससे जबरदस्ती संबंध बनाने का आरोप लगाया था जिसके चलते दोनों पर ही ‘पोक्सो’ कानून के अंतर्गत केस दर्ज किया गया था। 

समाज के विभिन्न क्षेत्रों में फैली अनैतिकता और आचरणहीनता के ये तो चंद उदाहण मात्र हैं जो इस तथ्य का स्पष्ट प्रमाण हैं कि हमारे समाज में नैतिक मूल्यों का किस कदर ह्रïस हो रहा है। यदि इस प्रकार के नैतिक पतन को न रोका गया और अंधविश्वासों की बेडिय़ों को न काटा गया तो इसका परिणाम क्या निकलेगा, इसकी कल्पना करना कठिन नहीं।  —विजय कुमार 


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