‘रमजान के महीने में भी’ ‘आतंकवादियों द्वारा हिंसा और खून-खराबा’

punjabkesari.in Saturday, Apr 24, 2021 - 03:49 AM (IST)

मुसलमानों में रमजान के महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस महीने मुस्लिम भाईचारे के लोग रोजे रखने के अलावा इबादत करते हैं तथा मित्रों, सगे-संबंधियों से मिल कर प्रेम-प्यार बांटते हैं। रमजान के महीने में हिंसा पूर्णत: निषिद्ध है और माना जाता है कि इस महीने में किए गए नेक कामों का फल कई गुणा होकर मिलता है परंतु मुस्लिम जेहादी अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए इन्हीं बातों की गलत व्याख्या करके लोगों को गुमराह करते रहते हैं।

यही कारण है कि धर्म के नाम पर खून-खराबा करने वालों ने इस पवित्र माह का भी ख्याल नहीं किया तथा ङ्क्षहसा जारी रखी हुई है, जो मात्र 10 दिनों के दौरान हुई निम्र घटनाओं से स्पष्ट है :
* 12 अप्रैल को जब मुस्लिम भाईचारे के लोग रमजान की शुरूआत का जश्न मना रहे थे, अफगानिस्तान के ‘बल्ख’ प्रांत में तालिबानियों ने भीषण हमला करके ‘अफगान नैशनल आर्मी’ के 15 सदस्यों को मार गिराया।
* 12 अप्रैल को ही अफगानिस्तान के ‘फराह’ शहर में एक कार बम विस्फोट में 3 लोगों की मौत व 24 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए।
* 12 अप्रैल वाले दिन ही पाकिस्तान में प्रतिबंधित कट्टरवादी इस्लामी पार्टी ‘तहरीक लब्बैक पाकिस्तान’ (टी.एल.पी.) के मुखिया ‘साद रिजवी’ की गिरफ्तारी के विरुद्ध भड़की ङ्क्षहसा और दंगों में 7 लोग मारे गए तथा 300 से अधिक पुलिस कर्मी व अन्य लोग घायल हुए।
इन दंगों के दौरान टी.एल.पी. के आतंकवादियों ने अनेक पुलिस कर्मियों को बंधक बना लिया और बुरी तरह मार-पीट कर लहू-लुहान कर दिया।
* 14 अप्रैल को फिलीपींस में ‘अबु नईम’ नामक एक आतंकवादी के अड्डे पर छापा मारने गई पुलिस पर ‘नईम’ द्वारा गोली चला देने के परिणामस्वरूप एक व्यक्ति की मौत हो गई।
* 15 अप्रैल को ईराक के ‘सद्र’ नामक शहर में हुए बम धमाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा 12 से अधिक लोग घायल हो गए।
* 18 अप्रैल को अफगानिस्तान के ‘नंगरहार’ प्रांत के जलालाबाद शहर की मस्जिद में एक अज्ञात बंदूकधारी ने ताबड़तोड़ गोलीबारी करके एक ही परिवार के 8 सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया। 
* 18 अप्रैल को ही पाकिस्तान में सिंध प्रांत के ‘शिकारपुर’ में अज्ञात हथियारबंद लोगों ने शंकर लाल नामक ङ्क्षहदू व्यापारी की दुकान के अंदर घुस कर गोलियां मार कर उसकी हत्या कर दी।
* 19 अप्रैल को पाकिस्तान में बलूचिस्तान के ‘जमुनरा’  इलाके में आतंकवादियों तथा स्थानीय लोगों के बीच लड़ाई में 3 लोग मारे गए।
* 19 अप्रैल को ही मुस्लिम बहुसंख्यक देश अलबानिया के ‘तिराना’ शहर की मस्जिद में एक व्यक्ति ने हमला करके 5 लोगों को घायल कर दिया।
* 20 अप्रैल को अफ्रीका के मुस्लिम बहुसंख्यक देश ‘चाड’ के राष्ट्रपति इदरिस डेबी की विद्रोहियों के हमले के परिणामस्वरूप मौत हो गई।
* 21 अप्रैल को पाकिस्तान में क्वेटा स्थित होटल में चीनी राजदूत को निशाना बना कर तालिबानी आतंकवादियों द्वारा किए गए बम हमले में 5 लोगों की मौत तथा 12 अन्य घायल हो गए जबकि इस्लामाबाद में अज्ञात बंदूकधारियों ने एक वरिष्ठï पत्रकार को गोली मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।
* 21 अप्रैल को ही काबुल में आत्मघाती हमले में 4 लोग घायल हो गए।
ये तो रमजान के शुरूआती दिन हैं, आगे आने वाले दिनों में ये आतंकवादी कितनी ङ्क्षहसा करेंगे, कहा नहीं जा सकता। राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार किसी समय आतंकवादी गिरोह पवित्र रमजान के दौरान तथा आमतौर पर कभी भी महिलाओं पर हमले करने से संकोच करते थे पर अब उन्होंने इस सोच को भी त्याग दिया है।
इस पवित्र महीने में खून-खराबा जारी रख कर आतंकवादियों ने सिद्ध कर दिया है कि धर्म से उनका कोई लेना-देना नहीं है और न ही वे धर्म की उच्च शिक्षाओं की कोई परवाह करते हैं और वे यह सब कुछ अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए ही कर रहे हैं।     

—विजय कुमार


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