पंजाब में अब सामने आया फर्जी कालेजों को 39 करोड़ रुपए का छात्रवृत्ति घोटाला

punjabkesari.in Thursday, Mar 02, 2023 - 04:23 AM (IST)

पंजाब में अनुसूचित जाति के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप देने के लिए ‘पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम’ चलाई जा रही है। इस योजना  के अंतर्गत छात्रों की शिक्षा पर खर्च होने वाली कुल रकम का 60 प्रतिशत धन राज्य सरकार तथा 40 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार देती है। योजना के अंतर्गत इस अकादमिक वर्ष में अब तक 2.44 लाख छात्रों ने पंजीकरण करवाया है लेकिन इस योजना को लेकर अब काफी विवाद उठने लगे हैं।

इसी सिलसिले में पंजाब की भगवंत मान सरकार ने पिछली सरकार के दौरान हुए 39 करोड़ रुपए के ‘पोस्ट मैट्रिक एस.सी. छात्रवृत्ति घोटाले’ में शामिल 6 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है तथा आगे की जांच पंजाब सतर्कता विभाग को करने के निर्देश दिए हैं। राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा तथा सामाजिक न्याय मंत्री डा. बलजीत कौर के अनुसार 4 अधिकारियों सहित कुल 6 कर्मचारी सामाजिक न्याय तथा अल्पसंख्यक विभाग से थे और 2 शिक्षा विभाग में काम करते थे।

2019 में पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान हुए इस घोटाले में 55 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का पता चला। इसमें से 16 करोड़ रुपए से अधिक का ‘एक्सैस भुगतान’ कुछ कालेजों को किया गया था जबकि कुछ फर्जी कालेजों को   बांटी गई 39 करोड़ रुपए की शेष राशि का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने फर्जी कालेजों को धोखे से दिया गया फंड वसूल करने की बजाय फिर से ऑडिट कराने के आदेश दिए तथा इन कालेजों को और फंड दिया गया।

उक्त घोटाले बारे कार्रवाई करने के लिए जहां राज्य सरकार साधुवाद की पात्र है वहीं इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि पात्र छात्रों के लिए निर्धारित छात्रवृत्ति फंड उन्हें न देकर फर्जी कालेजों आदि को लाभ पहुंचाने के इस घोटाले में मात्र उक्त कर्मचारी ही नहीं बल्कि उनसे भी ऊपर कुछ लोग शामिल हो सकते हैं। अत: इस घोटाले की जल्द से जल्द व्यापक जांच पूरी करके उन बड़ी मछलियों को भी पकडऩा आवश्यक है जिन्होंने सार्वजनिक धन गलत लोगों के हाथों में जाने दिया। -विजय कुमार 


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