Editorial: अब ‘तोगडिय़ा’ और ‘तिवाड़ी’ ने खोला भाजपा के विरुद्ध ‘मोर्चा’
punjabkesari.in Wednesday, Jun 27, 2018 - 11:08 AM (IST)
जैसा कि हम समय-समय पर लिखते रहते हैं, इस समय देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा तथा उसके सहयोगी दलों का भले ही देश के 21 राज्यों पर शासन है परंतु यह विडम्बना ही है कि पार्टी में सब ठीक नहीं है तथा इसमें नाराजगी के संकेत लगातार मिल रहे हैं।
भाजपा और आर.एस.एस. के सहयोगी संगठन विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व फायर ब्रांंड हिन्दू नेता के रूप में विख्यात डा. प्रवीण तोगडिय़ा किसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत नजदीक थे परंतु अब इन दोनों में दूरियां बहुत बढ़ चुकी हैं। विहिप द्वारा गत अप्रैल में संगठन से मुक्त कर दिए गए डा. तोगडिय़ा ने 24 जून को नई दिल्ली के सीरी फोर्ट स्टेडियम में लगभग 5000 कार्यकार्ताओं की मौजूदगी में विहिप की शैली पर ही ‘अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद’ का गठन करके आर.एस.एस. तथा भाजपा के आगे नई चुनौती खड़ी कर दी है। डा. तोगडिय़ा ने कहा, ‘‘इतिहास में पहली बार पूर्ण बहुमत की हिन्दुओं की सरकार बनी है जिसके प्रधानमंत्री से हम मांग करते हैं कि अयोध्या, काशी और मथुरा हमें तीनों एक साथ और अभी चाहिएं। इसके लिए संसद में कानून बनाने को लेकर देशभर में निर्णायक आंदोलन किया जाएगा।’’
उन्होंने आगामी अक्तूबर में अपने राजनीतिक फ्रंट के गठन की घोषणा करने का इशारा करते हुए ‘अब की बार हिन्दुओं की सरकार’ नारा दिया तथा लखनऊ से अयोध्या तक मार्च करने की घोषणा की है। उन्होंने किसानों की आत्महत्याओं और युवाओं की बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार की आलोचना करते हुए इन मुद्दों पर आंदोलन करने की बात कही। उन्होंने मोदी सरकार पर राम मंदिर के मुद्दे पर वादाखिलाफी करने का आरोप भी लगाया। इसके अगले ही दिन 25 जून को राजस्थान के वरिष्ठ नाराज भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया और यह कह कर धमाका कर दिया कि :
‘‘राजस्थान के लोगों ने कांग्रेस से परेशान होकर भाजपा को सत्ता सौंपी और प्रदेश की जनता ने इसे 25 लोकसभा सीटों पर जीत दिलवाई परंतु आज प्रदेश की जनता अपने लिए हुए निर्णय पर ठगी हुई महसूस कर रही है।’’ उन्होंने प्रदेश तथा देश में ‘अघोषित आपातकाल’ से लडऩे की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘यह अघोषित आपातकाल वास्तविक आपातकाल से भी अधिक खतरनाक है। आज आपातकाल लगाना संभव नहीं है परंतु यह बताना आवश्यक है कि देश पिछले 4 वर्षों से अघोषित आपातकाल के दौर से गुजर रहा है। मैं इस अघोषित आपातकाल के विरुद्ध आवाज उठाऊंगा।’’ जैसे कि इतना ही काफी नहीं था, श्री तिवाड़ी के पुत्र अखिलेश ने राजस्थान में अपनी अलग ‘भारत वाहिनी पार्टी’ बनाने की घोषणा कर दी है जो श्री घनश्याम तिवाड़ी के नेतृत्व में राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनावों में 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी अपनी पहली राज्य स्तरीय बैठक 3 जुलाई को जयपुर में करने जा रही है जिसमें 2000 प्रतिनिधि भाग लेंगे।
गत वर्ष श्री घनश्याम तिवाड़ी ने आरोप लगाया था कि भाजपा माफियाओं और चापलूसों का अड्डा बन चुकी है तथा समर्पित, निष्ठावान और योग्य लोगों को पार्टी से दूर किया जा रहा है। सर्वविदित है कि काफी समय से पार्टी में बगावती सुर रह-रह कर सुनाई दे रहे हैं तथा पार्टी के अनेक वरिष्ठï नेता उनके साथ सौतेला व्यवहार किए जाने का आरोप लगाते आ रहे हैं जिनमें सर्वश्री लाल कृष्ण अडवानी, मुरली मनोहर जोशी, अरुण शौरी, शत्रुघ्न सिन्हा और यशवंत सिन्हा आदि शामिल हैं। श्री यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करने के लिए इसी वर्ष 30 जनवरी को ‘राष्ट्र मंच’ नामक गैर राजनीतिक संगठन का गठन करने के बाद 21 अप्रैल को भाजपा से त्यागपत्र दे दिया था।
यही नहीं भाजपा के अनेक गठबंधन सहयोगी शिवसेना, जद (यू), तेदेपा आदि भी इससे नाराज हैं। शिव सेना नेता उद्धव ठाकरे तो भाजपा को ‘सनकी खूनी’ और ‘पागल हत्यारा’ तक बता चुके हैं। ऐसे में अब जबकि अगले वर्ष लोकसभा के चुनाव होने जा रहे हैं, भाजपा को सत्ताच्युत करने के लिए विरोधी दलों के प्रयासों को देखते हुए भाजपा नेतृत्व के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वे अपने नाराज साथियों की आवाजों को सुन कर उनकी नाराजगी दूर करें और उन सब को साथ लें नहीं तो आगामी चुनावों में पार्टी को कुछ धक्का लगना तय है।
—विजय कुमार