‘2 विश्व युद्धों के बाद’  ‘अब तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहा संसार!’

punjabkesari.in Sunday, Oct 08, 2023 - 05:01 AM (IST)

एक ओर विश्व में प्राकृतिक प्रकोपों, बार-बार भूकंपों, बाढ़, आसमानी बिजली गिरने आदि ने तबाही मचा रखी है तो दूसरी ओर विभिन्न देशों के बीच जारी युद्ध विश्व शांति के लिए खतरा बने हुए हैं। यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए लगभग पौने 2 वर्षों से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध में बड़ी संख्या में दोनों पक्षों के लोग मारे जा रहे हैं और 5 अक्तूबर को रूस द्वारा यूक्रेन पर अब तक के सबसे भीषण हमले में कम से कम 49 लोग मारे गए। इसी दिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अमरीका से आपसी परमाणु संधि भंग करके परमाणु परीक्षण नए सिरे से शुरू करने की धमकी भी दी है।

इसी दिन तुर्की की सेनाओं ने उत्तरी सीरिया पर हमला करके कम से कम 11 कुर्द लोगों को मार गिराया। इसी प्रकार 6 अक्तूबर को दक्षिण चीन सागर में चीन व फिलीपींस के बीच जारी तनाव चरम पर पहुंच गया जब चीन का एक गश्ती जहाज फिलीपींस के गश्ती जहाज के बिल्कुल निकट पहुंच जाने के कारण दोनों जहाज टकराते-टकराते बचे। अब 7 अक्तूबर को पुराने शत्रुओं फिलिस्तीन और इसराईल में भीषण युद्ध छिड़ गया है। मिस्र और इसराईल के बीच भूमध्य सागर के तट पर बसे हुए तथा इसराईल विरोधी आतंकवादी समूह ‘हमास’ द्वारा शासित गाजापट्टïी एक छोटा-सा फिलिस्तीनी इलाका है। ‘हमास’ यहां इस्लामी राष्ट्र बनाना चाहता है। इसे 1987 में शेख अहमद यासीन ने कायम किया था।

‘हमास’ फिलिस्तीनी इलाकों से इसराईल को हटाने के लिए लड़ रहा है। यह संगठन अपने लिए ज्यादातर हथियार गाजापट्टïी में ही बनाता है। इसराईल लगातार दावा करता आ रहा है कि ‘हमास’ के पास हथियार बनाने की तकनीक ईरान से आई है और इसे सभी इस्लामिक देश आर्थिक सहायता देते हैं। ईरान ने इसराईल पर ‘हमास’ के हमले का समर्थन भी किया है। ‘हमास’ तथा इसराईल में लम्बे समय से संघर्ष चला आ रहा है और वैस्ट बैंक, गाजापट्टी तथा गोलन हाईट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। इन इलाकों सहित पूर्वी यरूशलम पर फिलिस्तीन अपना दावा जताता है लेकिन इसराईल यरुशलम पर अपना अधिकार छोडऩे को तैयार नहीं है।

इसीलिए 7 अक्तूबर को इसराईली पर्व के दिन ‘हमास’ ने गाजापट्ਟੀ की ओर से इसराईल के तेल अवीव, अश्कलोन आदि विभिन्न शहरों पर ताबड़तोड़ गोले और 5000 राकेट दागकर इसराईल के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। इसराईल में घुसे ‘हमास’ लड़ाकों तथा इसराईली सेना के बीच मुठभेड़ के परिणामस्वरूप 100 से अधिक इसराईलियों की मौत तथा सैंकड़ों घायल हो गए। ‘हमास’ ने 35 इसराईलियों को बंधक बनाने का दावा भी किया है। ‘हमास’ ने इसे ‘आप्रेशन अल अक्सा स्टोर्म’ नाम दिया है क्योंकि इसका उद्देश्य ‘अल अक्सा कम्पाऊंड’ को आजाद करवाना भी है जहां ‘अलअक्सा मस्जिद’ स्थित है। इसी कम्पाऊंड में ‘टैम्पल माऊंट’ है, जहां यहूदी भी प्रार्थना करते हैं। 

‘हमास’ के सरगना ‘मोहम्मद डेफ’ ने इस हमले को महान क्रांति का दिन बताते हुए कहा कि ‘‘हमने इसराईल के विरुद्ध नया सैन्य मिशन शुरू किया है। बस अब बहुत हो गया। अब हम और बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’ इस पर गुस्साए इसराईल ने भी आधिकारिक तौर पर ‘हमास’ के विरुद्ध  युद्ध का ऐलान करके इसे ‘आप्रेशन आयरन स्वोर्ड्स’ नाम दिया है तथा गाजापट्टïी के इलाके में 17 ठिकानों पर इसराईल वायु सेना के लड़ाकू जैट विमानों द्वारा ताबड़तोड़ हमले किए जा रहे हैं। फिलिस्तीनी अधिकारियों के अनुसार उसके 200 से अधिक लोग मारे गए तथा 1600 से ज्यादा घायल हो गए हैं।

इसराईल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि ‘‘दुश्मनों ने अंदाजा भी नहीं लगाया होगा कि उन्हें इसकी कितनी कीमत चुकानी पड़ेगी। ‘हमास’ अब बचेगा नहीं और हम विजयी होंगे। युद्ध उन्होंने शुरू किया है परंतु समाप्त हम करेंगे।’’ ‘हमास’ के इस हमले को इसराईली गुप्तचर एजैंसी ‘मोसाद’ की नाकामी माना जा रहा है क्योंकि इसके दुनिया भर में मुखबिर मौजूद हैं। उल्लेखनीय है कि इसराईल ने 1970  में ईराक द्वारा फ्रांस से खरीदे परमाणु प्लांट पर 1 मिनट 20 सैकेंड में 16 बम गिरा कर परमाणु प्लांट नष्टï करने में सफलता पाई थी।

कहना मुश्किल है कि इस घटनाक्रम का अंजाम क्या होगा, फिलहाल यही कहा जा सकता है कि जितनी जल्दी यह विवाद सुलझ सके उतना ही दुनिया के लिए अच्छा होगा। पहले ही विश्व शांति खतरे में पड़ी हुई है, अब ‘हमास’ व इसराईल युद्ध ने यह खतरा और बढ़ा दिया है तथा अतीत में हो चुके 2 विश्व युद्धों के बाद तीसरे विश्व युद्ध की आहट तेजी से सुनाई दे रही है। -विजय कुमार 


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