‘एक और बाबा पर यौन शोषण के आरोप’ महिलाओं को जागरूक व सचेत रहने की जरूरत!

punjabkesari.in Thursday, Dec 11, 2025 - 06:08 AM (IST)

संत-महात्मा देश और समाज को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, परंतु कुछ तथाकथित स्वयंभू संत-महात्मा और बाबा इसके विपरीत आचरण करके संत-समाज की बदनामी का कारण बन रहे हैं। आसाराम बापू, फलाहारी बाबा, गुरमीत राम रहीम सिंह, लिंगायत साधु ‘शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू’ तथा ‘जलेबी बाबा’ आदि को महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों में गिरफ्तार किया जा चुका है। अब ऐसे ही मामले में कर्नाटक के ‘शृंगेरी’ स्थित ‘श्री श्री जगतगुरु शंकराचार्य महासंस्थानम् दक्षिणमनाया श्री शारदापीठम’ द्वारा ‘दिल्ली’ के वसंत कुंज में चलाए जा रहे ‘श्री शारदा इंस्टीच्यूट आफ इंडियन मैनेजमैंट’ के डायरैक्टर ‘स्वामी  चैतन्यानंद सरस्वती’ (62) का नाम सामने आया है। वह मूल रूप से ‘ओडिशा’ का रहने वाला है। उसे पहले स्वामी पार्थसारथी के नाम से भी जाना जाता था। वह 12 वर्षों से यहां रह रहा था। 

उसके विरुद्ध 4 अगस्त को ‘वसंत कुंज’ पुलिस स्टेशन में संस्थान के एक एडमिनिस्ट्रेटर से मिली शिकायत में संस्थान में पढऩे वाली छात्राओं का यौन उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया गया था। छात्राओं ने उस पर गाली-गलौच करने, अश्लील व्हाट्सएप व टैक्स्ट मैसेज भेजने और अवांछित ‘शारीरिक स्पर्श’ के लिए उन पर दबाव डालने का आरोप भी लगाया। जांंच में पाया गया कि 32 छात्राओं में से लगभग 17 को आरोपी की ओर से रोज यौन दुराचार का सामना करना पड़ता था। छात्राओं का कहना है कि संस्थान की कुछ महिला कर्मचारी उन्हें ‘चैतन्यानंद’ की मांगें पूरी करने और उसके भेजे हुए अश्लील मैसेज आदि डिलीट करने के लिए कहती थीं। ‘स्वामी चैतन्यानंद’  पर यह भी आरोप है कि उसने संस्थान में महिलाओं के होस्टल में गुप्त कैमरे लगा रखे थे।

वह देर रात छात्राओं को अपने कमरे में बुलाता था। उन्हें अपने साथ विदेश यात्राओं पर भी लेकर जाता था। ‘स्वामी चैतन्यानंद’ के फोन में अनेक महिलाओं के फोटो तथा स्क्रीन शॉट मिले हैं जिनमें कई एयरहोस्टैसों के फोटो भी शामिल हैं। उसकी मांगों का विरोध करने पर उन्हें संस्थान से निकाल देने और उनकी डिग्रियां तथा दस्तावेज जब्त कर लेने की धमकियां भी दी जाती थीं। पुलिस का कहना है कि अपने विरुद्ध केस दर्ज होते ही वह गायब हो गया था और बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था। उसे अंतत: 23 सितम्बर को ‘आगरा’ से गिरफ्तार किया गया। ‘स्वामी चैतन्यानंद’ पर पहले भी इस तरह के आरोप लग चुके हैं। वर्ष 2009 और 2016 में उसके विरुद्ध छेड़छाड़ की शिकायतें दर्ज करवाई गई थीं। इस समय उसके विरुद्ध 2 केस एक साथ चल रहे हैं। 

स्वामी चैतन्यानंद से पूछताछ के दौरान संस्थान के बेसमैंट से ‘स्वामी चैतन्यानंद’ द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक ‘वोल्वो कार’ भी बरामद हुई जिस पर उसने अपना प्रभाव जमाने के लिए फर्जी डिप्लोमैटिक नम्बर प्लेट (36 यू.एन.1) लगा रखी थी। इस मामले में उसे 9 दिसम्बर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस बीच संस्थान की प्रबंधक ‘श्री श्री जगत गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम् दक्षिणमनाया श्री शारदापीठम्’ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आरोपी का आचरण और गतिविधियां अवैध और अनुचित तथा पीठ के हितों के विपरीत पाई जाने के कारण इसने चैतन्यानंद के साथ सारे संबंध समाप्त कर लिए हैं और आरोपी को उसके पद से हटा दिया है। हालांकि सभी संत ऐसे नहीं हैं परंतु निश्चय ही ऐसी घटनाएं संत समाज की बदनामी का कारण बन रही हैं। पुलिस को इस मामले में उसके विरुद्ध पुख्ता प्रमाण जुटा कर मजबूती से चालान पेश करना चाहिए ताकि उसे अदालत से अपने कृत्यों की सजा मिल सके। इससे महिलाओं का यौन शोषण करने वालों को सख्त संदेश भी जाएगा और महिलाएं सुरक्षित भी हो सकेंगी।—विजय कुमार


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