मंत्रियों को ‘कोई रिश्वत दे तो ले लो’ भाजपा के गठबंधन सहयोगी की सलाह

punjabkesari.in Tuesday, Jul 12, 2016 - 12:41 AM (IST)

लोग अपने इर्द-गिर्द जो कुछ होता हुआ देखते हैं उसी का अनुसरण करने लगते हैं। इसीलिए उच्चतम स्तर पर देश में भ्रष्टाचार को देख कर आज बड़ी संख्या में सभी श्रेणियों के सरकारी कर्मचारी भी भ्रष्टाचार के दलदल में धंसते जा रहे हैं तथा हर ओर भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी का बोलबाला हो गया है : 
 
* 15 जून को अवैध निर्माण के मामले में 1 लाख रुपए रिश्वत लेता जयपुर विकास प्राधिकरण का अधिकारी सुरेश परेवा रंगे हाथों पकड़ा गया।
 
* 23 जून को राजस्थान ए.सी.बी. ने कोटा के श्रम निरीक्षक रमेश चंद्र मीणा सहित 2 लोगों को 3100 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 
 
* 27 जून को विजीलैंस अधिकारियों ने सरहाली खुर्द राजस्व क्षेत्र में तैनात पटवारी सतपाल सिंह को 5000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में दबोचा। 
 
* 27 जून को ही बरनाला के निकट शैहणा के एक डिपो होल्डर से मिट्टी के तेल की सप्लाई के बदले में 5100 रुपए रिश्वत लेते हुए फूड सप्लाई इंस्पैक्टर रमनदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया।  
 
* 29 जून को विजीलैंस, तरनतारन ने पावरकॉम सब-डिवीजन में तैनात जे.ई. सर्बजीत सिंह को 4000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। 
 
* 29 जून को ही राजस्थान में भ्रष्टाचार के 4 मामले पकड़े गए। सिरोही में डिस्कॉम के सहायक इंजीनियर संजय मीणा तथा भीलवाड़ा में खनन विभाग के खजांची गोविंद प्रसाद को क्रमश: 10-10 हजार रुपए, राजगढ़ में राजस्व क्लर्क रामकिशन को 6000 रुपए व कनवैता अस्पताल के खजांची राम सिंह को एक ठेकेदार का बिल पास करने के बदले में 1400 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
 
* 1 जुलाई को विजीलैंस ने बाबा बकाला की एक महिला की शिकायत पर पटवारी विक्रमजीत सिंह को 10,000 रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। 
 
* 2 जुलाई को सीतामढ़ी मेें बी.डी.ओ. विनीत कुमार सिन्हा अपने ही विभाग के एक कर्मचारी से 40,000 रुपए रिश्वत लेता पकड़ा गया। 
 
* 4 जुलाई को राजस्थान के उद्योगपति संजय जालंधरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर के साले तथा गोवा औद्योगिक विकास निगम में उच्चाधिकारी दिलीप मावलंकर के विरुद्ध उससे एक प्लाट के आबंटन के बदले में एक लाख रुपए रिश्वत लेने की शिकायत की है कि उसे गिरफ्तारी के बाद बहाल कर दिया गया और अब वह संजय को प्लाट के आबंटन में अवरोध पैदा कर रहा है। 
 
* 5 जुलाई को गुजरात में राजस्व अधिकारी अर्जुन वंजारा व उप राजस्व अधिकारी जसवंत हुजरा एक किसान से 75,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए। पूर्व आई.पी.एस. अधिकारी डी.जी. वंजारा के बेटे अर्जुन की कार की तलाशी में तीन लाख रुपए नकद भी बरामद हुए। 
 
* 8 जुलाई को सी.बी.आई. ने एम.ई.एस. देहरादून के एक गैरीसन इंजीनियर को 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। इसी दिन पंजाब नैशनल बैंक, गौड (छत्तीसगढ़) का मैनेजर 50,000 रुपए रिश्वत लेता पकड़ा गया। 
 
रिश्वत के इसी ‘महारोग’ को देखते हुए 31 मार्च, 2011 को यू.पी.ए. सरकार में मुख्य आॢथक सलाहकार कौशिश बसु ने सुझाव दिया था कि ‘‘कुछ खास किस्म की रिश्वतखोरी को कानूनी मान लिया जाना चाहिए। लोगों को वे काम करवाने के लिए भी रिश्वत देनी पड़ती है जो नि:शुल्क  होने चाहिएं।’’
 
और अब असम में सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी दल ‘बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट’ (बी.पी.एफ.) के प्रधान ‘हगरामा मोहिलरी’ ने सरकार चला रहे मंत्रियों को यह सुझाव देकर धमाका कर दिया है :
 
‘‘यदि मंत्रियों को रिश्वत की पेशकश की जाए तो उन्हें ‘माल’ स्वीकार कर लेना चाहिए। सरकार ने भ्रष्टïाचार रोकने के लिए कदम उठाए हैं लेकिन इसने यह नहीं कहा है कि मंत्री रिश्वत न लें लिहाजा यदि उन्हें रिश्वत की पेशकश की जाती है तो उसे स्वीकार कर लेने में कोई बुराई नहीं है।’’
 
बी.पी.एफ. के असम सरकार में 2 मंत्री हैं। विपक्ष में रहते हुए भाजपा पूर्व केंद्रीय यू.पी.ए. सरकार को भ्रष्टïाचार के मुद्दे पर कोसती रही परंतु अब भाजपा के सहयोगी दल के ही नेता द्वारा भ्रष्टाचार के समर्थन में दिए गए उक्त बयान से एक बेहद खतरनाक रुझान शुरू हो सकता है।
 
भाजपा नेतृत्व ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अत: यदि भाजपा नेतृत्व ने इस पर पार्टी का स्टैंड साफ न किया तो लोग यह सोचने को मजबूर होंगे कि भाजपा भी इस बयान से सहमत है।
 

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News