‘मासूम बच्चियां’ बेगानों और ‘अपनों’ के हाथों हो रही ‘यौन उत्पीडऩ की शिकार’
punjabkesari.in Tuesday, Apr 04, 2023 - 04:53 AM (IST)

देश में यौन अपराधों की आंधी सी आई हुई है और महिलाओं के साथ-साथ मासूम बच्चियों को भी अन्यों के अलावा उनके परिजनों या परिचितों और पड़ोसियों आदि द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। इसके चंद ताजा उदाहरण निम्न में दिए जा रहे हैं :
* 21 मार्च को दसूहा के निकटवर्ती गांव में 7 वर्षीय मासूम बच्ची से कई बार बलात्कार करने के आरोप में उसके बीमार पिता के मित्र को पकड़ा गया। बच्ची के पिता के अनुसार बीमार होने के कारण उसने सहायता के लिए मित्र को अपने घर में रखा हुआ था जिसका उसने दुरुपयोग किया।
* 21 मार्च को ही मोहाली में ननिहाल में रहने वाली अपनी 9 वर्षीय सौतेली बेटी को लुधियाना स्थित अपने घर लाकर उसके साथ कई बार बलात्कार करने के आरोप में एक व्यक्ति के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है।
* 21 मार्च को ही खेड़ा (गुजरात) की एक अदालत ने अपनी सौतेली बेटी के साथ बार-बार बलात्कार करके उसे गर्भवती करने के आरोप में आरोपी को मौत की सजा के अलावा पीड़िता को 2 लाख रुपए जुर्माना देने की सजा सुनाई गई।
* 22 मार्च को अम्बाला की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने एक 13 वर्षीय नाबालिगा से बलात्कार करने के आरोप में एक 64 वर्षीय व्यक्ति को 3 वर्ष सश्रम कैद की सजा सुनाई।
* 22 मार्च को ही गुरुग्राम में अपने मामा के घर जा रही 11 वर्षीय बच्ची कामुंह हथेली से बंद करके जबरदस्ती अपने घर ले जाने, विरोध करने पर उसे अंधाधुंध थप्पड़ मारने और फिर उससे बलात्कार करने के आरोप में एक सिक्योरिटी गार्ड को गिरफ्तार किया गया।
* 23 मार्च को नई दिल्ली के घरौली स्थित एम.सी.डी. स्कूल के प्रिसिंपल की शिकायत पर पांचवीं कक्षा की 10 वर्षीय छात्रा को नशीला पेय पिलाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार और मारपीट करने के आरोप में स्कूल के चपड़ासी को गिरफ्तार किया गया।
* 23 मार्च को ही फगवाड़ा के निकट गांव के एक पी.जी. में लड़की को नशीला पदार्थ पिलाने के बाद बेहोश करके उससे बलात्कार करने के आरोप में एक व्यक्ति के विरुद्ध केस दर्ज किया गया।
* 25 मार्च को बहरामपुर (पंजाब) के गांव में अपनी 11 वर्षीय बेटी से बलात्कार करने के आरोप में एक व्यक्ति के विरुद्ध केस दर्ज किया गया।
* 26 मार्च को नई दिल्ली के आदर्शनगर में 4 वर्षीय बीमार बच्ची को देखने की आड़ में उसके साथ शारीरिक छेड़छाड़ करने पर डाक्टर को गिरफ्तार करने के अलावा उसका क्लीनिक सील किया गया।
* और अब 2 अप्रैल को उदयपुर (राजस्थान) जिले के गांव ‘लोपड़ा’ में 9 वर्षीय बच्ची से बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या करके शव के 10 टुकड़े करने के आरोप में पड़ोसी युवक को गिरफ्तार किया गया है।
उक्त उदाहरणों से स्पष्टï है कि पीड़ित बच्चियां दूसरों के अलावा अपने ही परिचितों द्वारा यौन उत्पीडऩ का शिकार हो रही हैं। इसी बारे 21 मार्च, 2023 को मुम्बई की एक पोक्सो अदालत की विशेष जज ‘प्रिया बैंकर’ ने बाल यौन शोषण के एक आरोपी को 8 वर्षीय एक बच्ची के यौन शोषण के आरोप में 5 वर्ष कैद की सजा सुनाते हुए देश में बाल यौन शोषण के बढ़ रहे मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘‘छोटी आयु, जीवन तथा समाज के अनुभवों से अनजान और शारीरिक रूप से दुर्बल होने के कारण बच्चों को अपने जाल में फंसाना आसान होता है। उक्त घटना आरोपी ने अपने पड़ोस में ही की, जहां रहने वाले लोग आमतौर पर एक-दूसरे के परिचित होने के कारण स्वयं को अधिक सुरक्षित समझते हैं।’’
‘‘नाबालिग पीड़िता के माता-पिता ने इसी विश्वास के चलते अपनी बेटी को पड़ोसी के घर खेलने जाने दिया जिसका यह परिणाम हुआ। ऐसी घटनाओं का पीड़ितों के परिजनों पर अत्यंत प्रतिकूल असर पड़ता है और वे महसूस करने लगते हैं कि पड़ोस भी बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं।’’ इस प्रकार के हालात में जहां बच्चियों के माता-पिता को अपने आस-पड़ोस के लोगों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए, वहीं इस तरह के आरोपों में दोषियों को शीघ्र और कठोरतम दंड देने की भी जरूरत है ताकि इससे दूसरों को भी नसीहत मिले और देश इस बुराई से बच सके।—विजय कुमार