मासूम बच्चियों से दुष्कर्म लगातार जारी

punjabkesari.in Thursday, Apr 27, 2017 - 10:12 PM (IST)

देश में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध लगातार जारी हैं। हालत यह है कि यहां प्रत्येक 30 मिनट में 2 से 10 वर्ष आयु वर्ग की एक बच्ची यौन शोषण का शिकार हो रही है। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के अनुसार यह संख्या तो पुलिस में दर्ज शिकायतों के आधार पर आंकी गई है, इसके अलावा भी न जाने कितने केस हो रहे होंगे जिनकी रिपोर्ट दर्ज ही नहीं करवाई गई होगी। विडम्बना यह है कि अन्य स्थानों के साथ-साथ स्कूलों तक में ऐसे अपराध हो रहे हैं जिनके कुछ ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं:

10 फरवरी को बेंगलूरू में संजय नामक एक 25 वर्षीय युवक को अपनी मां द्वारा चलाए जा रहे डे-केयर सैंटर में एक तीन वर्षीय बच्ची से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 31 मार्च को नवी मुम्बई में खारघर पुलिस ने 8 वर्षीय पोती से बलात्कार के आरोप में 65 वर्षीय बुजुर्ग को गिरफ्तार किया। 02 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के रसूलपुर थाना इलाके में एक 14 वर्षीय किशोर अपने पड़ोस में रहने वाली 7 वर्षीय बच्ची को बहला-फुसला कर ले गया और उसके साथ बलात्कार कर डाला। 

06 अप्रैल को पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी में एक प्रसिद्ध प्राइवेट स्कूल के सिक्योरिटी गार्ड ने एक 6 वर्षीय बच्ची से बलात्कार किया। 08 अप्रैल को रतलाम में मुजफ्फर नामक एक युवक एक 4 वर्षीय बच्ची को फुसला कर अपने साथ ले गया और उससे दुष्कर्म करने के बाद उसे धमकी दी कि यदि उसने मुंह खोला तो वह उसे जान से मार डालेगा। 09 अप्रैल को लुधियाना में फोकल प्वाइंट की फौजी कालोनी में 5 वर्ष की एक मासूम बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या के आरोप में नशे में धुत्त पड़ोसी को हिरासत में लिया गया। 

11 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में बलरामपुर के ‘रेहरा’ में सुधाकर द्विवेदी नामक 25 वर्षीय युवक ने 5 वर्षीय बच्ची से बलात्कार कर डाला। बच्ची के परिजनों को वह खेतों में नाजुक हालत में खून से लथपथ पड़ी मिली। 12 अप्रैल को लुधियाना के सुनेत इलाके से एक 7 वर्षीय बच्ची के अपहरण और बलात्कार के बाद आरोपी उसे गंभीर हालत में मुल्लांपुर बस अड्डों के निकट छोड़ कर भाग गया। 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के ठाणे में एक 32 वर्षीय युवक ने 4 वर्षीय पड़ोसी बच्ची से बलात्कार किया और धमकाया कि वह किसी को न बताए। 

20 अप्रैल को मसूरी में चाकलेट देने का लालच देकर पड़ोस में रहने वाले अंकित नामक युवक ने 5 साल की मासूम को अपनी वासना का शिकार बना डाला जो ढूंढने पर उसके माता-पिता को खाली प्लाट में बेहोश पड़ी मिली। पुलिस जब आरोपी को पकड़ कर अस्पताल में शिनाख्त के लिए बच्ची के सामने लाई तो वह उसे पहचान कर डर के मारे रोने लगी। 22 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में एक नाबालिग लड़के ने एक 6 वर्षीय बच्ची से बलात्कार करके उसे गंभीर रूप से लहूलुहान कर दिया। 

24 अप्रैल को सीकर में 10 वर्ष की एक मासूम को अपनी दुकान की सफाई करवाने के बहाने एक युवक ने दुकान में बुला कर उसके साथ बलात्कार कर डाला। पीड़िता को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बच्चियों के प्रति यौन अपराधों में वृद्धि के दृष्टिगत गत वर्ष 11 जनवरी को सुप्रीमकोर्ट ने सरकार को 2 से 10 वर्ष आयु के बच्चों के यौन शोषण के मामलों में कठोर दंड का प्रावधान करने की सलाह दी थी पर अभी तक कुछ भी नहीं हुआ। 

अलबत्ता अब मध्य प्रदेश सरकार ने एक विधेयक द्वारा मासूमों से दुराचार के आरोपियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान करने वाला कानून बनाने का प्रस्ताव लाने का निर्णय किया है। इसमें 10 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के प्रकरण में न्यूनतम 20 वर्ष से मृत्यु दंड तक की सजा और न्यूनतम 1 लाख रुपए का जुर्माना प्रस्तावित है। बलात्कार जैसे घिनौने अपराध के दृष्टिगत मासूम बच्चियों का जीवन तबाह करने वालों को ऐसा कठोरतम दंड देना ही उचित है। अत: इस संबंध में समूचे देश में जितनी जल्दी एक समान कानून बनाकर लागू किया जाए उतना ही अच्छा होगा।—विजय कुमार 


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