सोने की बढ़ती तस्करी तथा इसके बदलते ढंग

punjabkesari.in Tuesday, Mar 26, 2019 - 03:39 AM (IST)

सोना हमेशा से ही भारतीयों की कमजोरी रहा है इसलिए भारत में सोने के कारोबार में ज्यादातर तेजी ही देखने को मिलती है। विशेष रूप से भारतीय महिलाओं में सोने के प्रति अधिक मोह होने के कारण देश में सोने की तस्करी का कारोबार कभी भी थमता नहीं। 

इसका प्रमाण यह है कि 2017-18 में डायरैक्टोरेट आफ रैवेन्यू इंटैलीजैंस (डी.आर.आई.) ने देश में वायु एवं समुद्री मार्ग से स्वर्ण तस्करी रोकने के लिए की गई कार्रवाइयों में 384 करोड़ रुपए मूल्य का 1312 किलो से अधिक सोना जब्त किया जबकि इससे पूर्व 2016-17 में डी.आर.आई. ने लगभग 230 करोड़ रुपए मूल्य का 600 किलो सोना जब्त किया था। पिछले 2 वर्षों में सोने की तस्करी 119 प्रतिशत बढ़ी है।

स्वर्ण तस्करी के अधिकांश केसों में भारतीयों के अलावा मध्य पूर्व के देशों दुबई, रियाद, शारजाह, अबुधाबी, कुवैत और श्रीलंका, सिंगापुर, कोरिया व बैंकाक आदि देशों से आने वाले यात्रियों को संलिप्त पाया गया है। अधिकारियों के अनुसार उक्त देशों से लाया जाने वाला सोना पूर्णत: शुद्ध होता है जिससे स्वर्ण तस्करी के बाजार में इसकी कीमत और भी बढ़ जाती है। अंडरवल्र्ड सरगना पहले समुद्री मार्ग से स्वर्ण तस्करी करते थे परन्तु अब कुछ वर्षों से तस्करों ने वायु मार्ग द्वारा स्वर्ण तस्करी का सिलसिला शुरू किया है जिसके लिए वे तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं :

अप्रैल, 2018 में जयपुर में एक व्यक्ति के कब्जे से एक किलो सोना बरामद किया गया जो उसने एल्यूमीनियम की छड़ में बिस्कुटों के रूप में छिपा रखा था। छड़ को गर्म करने पर सोने के बिस्कुट निकल आए। 25 जुलाई, 2018 को मुम्बई में कमर दर्द से बचाव के लिए लपेटी जाने वाली पट्टी में विदेश से सोना छिपा कर लाने वाले गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से 2 महिलाएं थीं। 26 अक्तूबर, 2018 को मुम्बई के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डो पर बैंकाक से आए एक यात्री को पकड़ा गया जिसने 87 लाख 51 हजार रुपए का सोना बैग में रखे मोबाइल कवर में काली टेप से छुपा कर रखा हुआ था।

17 नवम्बर, 2018 को लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डो पर इस्त्री में छिपा कर लाया गया साढ़े 4 किलो से अधिक सोना पकड़ा गया। 28 दिसम्बर, 2018 को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डो पर गिरफ्तार किए गए एक युवक से 41 लाख रुपए मूल्य के 1300 ग्राम सोने से बने 3 कड़े बरामद किए गए जिन पर अधिकारियों को चकमा देने के लिए चांदी का पानी चढ़ाया गया था। 18 फरवरी, 2019 को एयर इंटैलीजैंस यूनिट (ए.आई.यू.) ने मुम्बई हवाई अड्डो पर श्रीलंका की 2 महिलाओं को पकड़ा जिन्होंने कस्टम विभाग से बचने के लिए अपने साथ आए बच्चे की जैकेट और जूतों में सीलबंद 3 करोड़ 31 लाख 60 हजार रुपए का सोना छिपा रखा था। 24 मार्च को अमृतसर के हवाई अड्डो पर कस्टम अधिकारियों ने एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के फायर विभाग के सहायक मैनेजर प्रदीप सैनी तथा एयरपोर्ट रनवे से यात्रियों को एयरपोर्ट टर्मिनल तक ले जाने वाले बस ड्राइवर साहिब सिंह को एक किलो सोने की खेप बस के जरिए बाहर निकालने की कोशिश करते हुए पकड़ा।

कुछ समय पूर्व मुम्बई हवाई अड्डो पर एक यात्री को गिरफ्तार किया गया जिसने बच्चे के डायपर में सोना छिपा कर उसके ऊपर पीला रंग पोत रखा था ताकि वह बच्चे के मल जैसा दिखाई दे। अधिकारी इसे छूने से कतरा रहे थे। तभी एक अधिकारी ने भांप लिया कि डायपर पर बच्चे का मल नहीं बल्कि पीला रंग लगाया हुआ है। जांच करने पर डायपर में छिपा कर रखा हुआ 3 किलो सोना निकला। इसी प्रकार एक यात्री को पकड़ा गया जिसने एक खोखला किए हुए कद्दू में 5 किलो सोना छिपा रखा था।

तस्करों द्वारा अपने मलद्वार, पैर के तलवों, अंडरगार्मैंट्स, बैल्ट में बने खास किस्म के थैलों, महिलाओं के हैंडबैग और रिंग्स, जूसर में सोने की मोटर के रूप में, पानी की बोतल, टॉर्च और वाशिंग मशीन आदि के अंदर छिपा कर, खजूर में बीज की जगह सोने के छोटे-छोटे टुकड़े भरकर, गोल्ड फायल बना कर भी सोना लाने का पता चला है। तरह-तरह के अवैध तरीकों से भारत में सोना लाकर तस्कर देश के राजस्व को भारी क्षति पहुंचा रहे हैं। हालांकि काफी संख्या में स्वर्ण तस्कर पकड़े जा रहे हैं, फिर भी न जाने कितना सोना बाजार में पहुंच जाता होगा। लिहाजा उपरोक्त घटनाक्रमों को देखते हुए हवाई अड्डो पर योग्य और ईमानदार अधिकारियों का स्टाफ बढ़ाया जाए, सभी आयु वर्ग के यात्रियों द्वारा लाई जा रही प्रत्येक वस्तु और उनके शरीर की कठोरतापूर्वक जांच की जाए। तस्करों को पकडऩे वाला स्टाफ पुरस्कृत किया जाए व दोषियों को कठोरतम दंड दिया जाए।—विजय कुमार

 


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