हरियाणा में नशीले पदार्थों के सेवन से अपराधों में भारी वृद्धि

punjabkesari.in Saturday, Mar 17, 2018 - 03:24 AM (IST)

नशे की लत ने देश के एक बड़े हिस्से को लपेट में ले रखा है जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में परिवार तबाह हो रहे हैं। इन दिनों जहां पंजाब में नशे का मुद्दा गर्म है, वहीं पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी बढ़ रहे नशे के कारोबार पर भारी चिंता व्यक्त की जा रही है। 

राज्य के युवाओं में ‘हैरोइन’, ‘स्मैक’, ‘अफीम’, ‘ट्रामाडोल’ तथा ‘स्पास्मो प्रोक्सीवान’ सहित सिंथैटिक नशों के सेवन में भारी वृद्धि हुई है तथा विशेषज्ञों के अनुसार राज्य में समाज विरोधी तत्वों की इसमें भागीदारी नशों की सप्लाई में वृद्धि का मुख्य कारण है। 14 मार्च को हरियाणा विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने राज्य में बढ़ रही नशे, विशेष रूप से चिट्टा (सिंथैटिक नशा) की लत का मामला उठाते हुए राज्य सरकार को ऐसे उपाय करने के लिए कहा जिससे हरियाणा को दूसरा पंजाब बनने से रोका जा सके। 

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष हरियाणा में उससे पिछले वर्ष की तुलना में कहीं अधिक मात्रा में हैरोइन, चरस, गांजा तथा अवैध शराब जब्त की गई है। राज्य सरकार के अनुसार वर्ष 2017 में नशीले पदार्थों के संबंध में 2247 केस दर्ज किए गए जिनके अंतर्गत लगभग 86 किलो अफीम, 124 किलो चरस, 9,549 किलो पोस्त चूरा, 9 किलो स्मैक, 4367 किलो गांजा और 3.9 किलो हैरोइन जब्त की गई। इसके अलावा राज्य में अवैध शराब के 14700 केस दर्ज किए गए और अवैध शराब की 22 भ_िïयां पकड़ी गईं। नशीले पदार्थों की जब्त की गई यह मात्रा 2016 की तुलना में कहीं अधिक है क्योंकि उस वर्ष 16.48 किलो अफीम और 629 किलो पोस्त चूरा ही पकड़ा गया था। 

विधानसभा में यह मामला उठाते हुए पलवल के कांग्रेसी विधायक कर्ण सिंह ने कहा कि ‘अफीम’, ‘हैरोइन’, ‘चरस’, ‘स्मैक’, ‘गांजा’ और ‘शराब’ की खपत हरियाणा में बुरी तरह बढ़ी है जिनकी बिक्री छोटी-छोटी अनधिकृत दुकानों पर हो रही है और यदि इन अवैध गतिविधियों को जारी रहने दिया गया तो स्थिति पंजाब की भांति खराब हो सकती है। उनका समर्थन करते हुए इनैलो के नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि नशों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण हरियाणा की भी पंजाब की भांति बदनामी होने लगी है। राज्य में नशेडिय़ों की संख्या बढऩे तथा नशों के लिए पैसा जुटाने की खातिर नशेडिय़ों द्वारा चोरी तथा स्नैचिंग आदि शुरू कर देने के कारण राज्य में अपराध बढ़ गए हैं। 

श्री चौटाला ने कहा कि, ‘‘नशीले पदार्थों के तस्करों द्वारा गांवों तक में नशीले पदार्थों की खुली सप्लाई के परिणामस्वरूप मेरे अपने गांव (सिरसा जिले में चौटाला) में ‘फुल फ्लैज’ पुलिस थाना होने के बावजूद 15-16 वर्ष से 22-23 वर्ष आयु तक के लगभग 60 प्रतिशत युवा नशों की लपेट में आ गए हैं। पड़ोस के 20-30 गांवों की स्थिति भी ऐसी ही है। नशीले पदार्थों के तस्कर पुलिस के संरक्षण में फल-फूल रहे हैं।’’ इनैलो के ही पिहोवा से विधायक जसविंद्र सिंह संधू ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत के बिना नशीले पदार्थों की बिक्री संभव नहीं है। उन्होंने राज्य में अवैध शराब की बिक्री का भी मुद्दा उठाया और उदाहरण देते हुए कहा कि नशीले पदार्थों के स्थानीय व्यापारियों को पकडऩे के बाद पुलिस ने फौरन ही छोड़ दिया। 

रानियां (सिरसा) के विधायक राम चंद्र कम्बोज ने दावा किया कि 14 से 16 वर्ष आयु तक के किशोर चिट्टा के नशे की लपेट में आ रहे हैं जो पंजाब-राजस्थान से लगते हरियाणा के जिलों में आसानी से उपलब्ध है। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर देते हुए कैबिनेट मंत्री राम विलास ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में अत्यधिक गंभीर है तथा यह कहना गलत है कि इस बुराई पर अधिकारियों का कोई अंकुश नहीं है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को इन गतिविधियों में संलिप्त होने से रोकने और दंडित करने के लिए बहुआयामी रणनीति अपनाई गई है। 

युवा ही किसी भी देश की शक्ति और तरक्की की रीढ़ की हड्डïी होते हैं और जब यह रीढ़ ही कमजोर हो जाए तो उसके पतन को किसी भी हालत में रोका नहीं जा सकता। लिहाजा हरियाणा तथा इसके साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी नशों के बढ़ रहे प्रचलन को रोकने के लिए तुरंत कठोरतम पग उठाने और कानूनी प्रावधान करने की आवश्यकता है।—विजय कुमार 


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