‘उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में’ ‘बलात्कार कांडों’ को लेकर भारी असंतोष

punjabkesari.in Saturday, Apr 14, 2018 - 02:09 AM (IST)

इन दिनों देश के 2 राज्यों उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में एक युवती और एक बच्ची के सामूहिक बलात्कार की घटनाओं पर कोहराम मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश में उन्नाव के बांगरमाऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके साथियों के सामूहिक बलात्कार की शिकार युवती के पिता की विधायक के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों द्वारा कथित पिटाई से मौत के बाद प्रशासन सवालों के घेरे में है। विधायक के प्रति प्रशासन के नर्म रवैये का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने इस प्रकरण में दोषी माने जा रहे विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को ‘माननीय विधायक’ कहा। 

इस संबंध में भाजपा प्रवक्ता दीप्ति भारद्वाज ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से अनुरोध किया है कि ‘‘अमित शाह जी, उत्तर प्रदेश को बचा लीजिए। सरकार के निर्णय शर्मसार कर रहे हैं। यह कलंक नहीं धुलेगा। नरेंद्र मोदी जी और आपके साथ हम सबके सपने चूर-चूर होंगे।’’ विधायक बलात्कार कांड की आग में उत्तर प्रदेश जल रहा है तो जम्मू-कश्मीर में कठुआ बलात्कार कांड को लेकर बवाल मचा हुआ है। एक 8 वर्षीय बच्ची के सामूहिक बलात्कार और निर्मम हत्या से जुड़े इस मामले के विरोध में जम्मू-कश्मीर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं तथा इसने साम्प्रदायिक रूप ले लिया है। इस संबंध में कुछ संगठनों की ओर से 11 अप्रैल को जम्मू बंद रखा गया। इसमें अपराध शाखा की जांच पर सवाल उठाते हुए इस कांड की सी.बी.आई. जांच की मांग की गई। 

इस बंद में प्रदेश सरकार के 2 भाजपा मंत्रियों के शामिल होने से राजनीति चरम पर पहुंच गई है। एक ओर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जल्द ही इस बारे पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई है तो दूसरी ओर प्रदेश में सत्तारूढ़ पी.डी.पी.-भाजपा गठबंधन में आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं और पी.डी.पी. के नेताओं ने भाजपा से गठबंधन तोडऩे की मंशा जाहिर की है। महबूबा के भाई तसद्दुक मुफ्ती और प्रदेश के पर्यटन मंत्री ने प्रदेश की स्थिति पर दोनों पाॢटयों की संभवत: कठोरतम आलोचना की है कि ‘‘अंतत: दोनों ही पाॢटयां अपराध में भागीदार बन गई हैं और कश्मीरियों की समूची पीढ़ी को अपने खून से इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।’’ तसद्दुक मुफ्ती ने कहा कि यह उनका निजी विचार नहीं बल्कि पी.डी.पी. में बहुसंख्यक लोगों की यही धारणा है। उन्होंने कहा :

‘‘सत्ता में होने के बावजूद हम पर विश्वास नहीं किया जा रहा। हमसे पुनॢनर्माण की अपेक्षा की जाती थी परंतु दुखपूर्वक यह बात माननी होगी कि वायदे पूरे न करने के कारण हम एक ऐसे अपराध में भागीदार हो गए हैं जिसकी कीमत कश्मीरियों की समूची पीढ़ी को अपने खून से चुकानी पड़ेगी।’’ ‘‘एक कबायली बच्ची के निर्मम बलात्कार और हत्या की घटना तथा उसके बाद होने वाली साम्प्रदायिक राजनीति ने इस प्रदेश को नई गिरावट की ओर धकेल कर हम सबको शॄमदा कर दिया है...।’’ ‘‘यदि गठबंधन की राजनीति का मतलब असफलताओं के साथ रहना है तो सॉरी, मैं नहीं जानता कि मैं इस पर अपनी उलझन और बेचैनी किस प्रकार छिपाऊं।’’ 

परंतु केंद्र की इस संबंध में उदासीनता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि नई दिल्ली में भाजपा के राष्टï्रव्यापी उपवास के दौरान जब पत्रकारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपाध्यक्ष अमित शाह से उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की घटनाओं के संबंध में उनकी राय जाननी चाही तो दोनों ने ही उपवास पर होने की बात कह कर जवाब टाल दिया। दोनों ही प्रदेशों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और दोनों ही प्रदेशों की जनता में भारी रोष पाया जा रहा है जिसकी भाजपा प्रवक्ता दीप्ति भारद्वाज और पी.डी.पी. के तसद्दुक मुफ्ती ने सही अभिव्यक्ति की है। यदि दोनों ही मामलों में पीड़ितों के साथ न्याय न हुआ और ये मामले सुलझाने की बजाय लटकाने की कोशिश की गई तो उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ और भाजपा तथा जम्मू-कश्मीर में पी.डी.पी. और भाजपा दोनों को ही इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है।—विजय कुमार 


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Pardeep

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