देश में फर्जी प्रशासनिक अधिकारियों का बढ़ता जाल

punjabkesari.in Wednesday, Sep 06, 2023 - 05:22 AM (IST)

अब तक तो देश में नकली खाद्य पदार्थों, दवाओं, नकली खादों और कीटनाशकों, नकली करंसी आदि की बात ही सुनी जाती थी, परंतु अब नकली की यह बीमारी उच्च सरकारी पदों तक पहुंचती जा रही है। हाल ही में नकली आई.ए.एस. अधिकारियों, नकली पी.एम.ओ. अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों, दंडाधिकारियों आदि के अनेक ऐसे मामले सामने आए जिन से स्पष्ट होता है कि जालसाजी का यह धंधा किस कदर फल-फूल रहा है : 

* 4 सितम्बर को नई दिल्ली में सिविल लाइन्स इलाके की पुलिस ने राजनिवास में उप-राज्यपाल से मिलने पहुंचे 2 संदिग्ध युवकों अभिमन्यु सेठी तथा अभिषेक चौधरी को गिरफ्तार किया। इनमें से एक ने स्वयं को प्रधानमंत्री कार्यालय (पी.एम.ओ.) में तैनात आई.ए.एस. अधिकारी बताया। दूसरे ने स्वयं को एक सांसद का पी.ए. बताया परन्तु उनके कथन की सत्यता सिद्ध न होने पर इन्हें पुलिस को सौंप दिया गया। ये दोनों उप-राज्यपाल के साथ फोटो खिंचवा कर इलाके में अपना दबदबा कायम करके पैसा कमाना चाहते थे। 

* 4 सितम्बर को सी.आई.ए. पुलिस ने जींद (हरियाणा) में नोट दोगुने करने के नाम पर प्रदेश में ठगी करने वाले एक गिरोह के नकली इंस्पैक्टर समेत 6 शातिर अपराधियों बलविंद्र उर्फ ङ्क्षबदर, राजीव उर्फ बंटी, दीपक, हरिदास, रमन और अनिल को गिरफ्तार किया। इनमें से 3 आरोपी लोगों को नोट दोगुने करने का झांसा देकर अपने पास लाते और फिर नकली इंस्पैक्टर व उसके 2 नकली सिपाही उन्हें डरा-धमका कर उनकी रकम हड़प कर फरार हो जाते। पुलिस ने इनसे 100-100 रुपए के नोटों की 25 गड्डियां व वाहनों की 2 फर्जी नंबर प्लेटें बरामद की हैं। 

* 2 सितम्बर को उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में पुलिस ने वासिफ हसन नामक एक व्यक्ति की शिकायत पर स्वयं को पुलिस सब-इंस्पैक्टर बताकर लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगने के आरोप में आशिया उर्फ बिस्मा यूसुफ नामक एक महिला को गिरफ्तार करके उसके कब्जे से पुलिस की एक वर्दी तथा 10,000 रुपए बरामद किए।
* 22 अगस्त को उत्तर प्रदेश में स्वयं को प्रधानमंत्री कार्यालय (पी.एम.ओ.) का अधिकारी बताकर लोगों को धमकाकर उन्हें लाखों रुपयों का चूना लगाने वाले ठग अभिषेक सिंह उर्फ संतोष सिंह और उसके ड्राइवर धर्मेंद्र यादव को उत्तर प्रदेश स्पैशल टास्क फोर्स ने एक होटल के निकट से गिरफ्तार किया। ठग अभिषेक सिंह ने अपने घर के बाहर होमगार्ड भी तैनात कर रखा था। 

* 1 जून को पुणे पुलिस की अपराध शाखा ने स्वयं को आई.ए.एस. अधिकारी बताकर ठगी करने वाले डा. विनय देव उर्फ वासुदेव निवृति तायडे को गिरफ्तार किया। उसका कहना था कि वह एक आई.ए.एस. अधिकारी है तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में उप-सचिव के रूप में गोपनीय काम कर रहा है। गिरफ्तारी के समय वह पुणे में एक सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा था। 
* 17 अप्रैल को कोलकाता पुलिस ने राज्य सचिवालय तथा सिटी पुलिस के स्टीकर लगाकर वाहनों में घूमने और लोगों को स्पैशल कोटे से फ्लैट आदि दिलवाने का झांसा देकर उनसे लाखों रुपए ठगनेेके आरोप में शांता कुमार नामक एक नकली आई.ए.एस.अधिकारी को गिरफ्तार किया। 

* 16 मार्च को इंदौर (मध्य प्रदेश) अपराध शाखा ने स्वयं को एस.डी.एम. बताकर राज्य के कई शहरों में लोगों को सरकारी विभागों में नौकरी तथा सरकारी जमीनों के पट्टïे दिलवाने के बहाने लाखों रुपयों की धोखाधड़ी करने वाले मुकेश सिंह राजपूत को गिरफ्तार किया। 

* 3 मार्च को एक हाई-प्रोफाइल मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में स्वयं को प्रधानमंत्री कार्यालय का अतिरिक्त निदेशक (रणनीति और अभियान) बताने तथा जाली दस्तावेजों के आधार पर आधिकारिक प्रोटोकोल प्राप्त करने वाले ‘किरण भाई पटेल’ नामक व्यक्ति को उसकी जम्मू-कश्मीर की तीसरी यात्रा के दौरान पकड़ा। अधिकारियों ने उसके कब्जे से जाली पहचान पत्रों के अलावा 10 फर्जी विजिटिंग कार्ड और 2 मोबाइल फोन भी जब्त किए। 

आरोप है कि पटेल ने जम्मू-कश्मीर में शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें कीं और एल.ओ.सी. के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा भी किया। उसे जैड प्लस सिक्योरिटी, एक बुलेट प्रूफ एस.यू.वी.(बड़ी गाड़ी) और एक फाइव स्टार होटल में आधिकारिक आवास मिला हुआ था। उपरोक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि देश में जालसाजी की बुराई किस कदर बढ़ रही है। अत: ऐसे समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि झूठ और जालसाजी का सहारा लेकर वे देश और समाज के साथ धोखा न कर सकें।—विजय कुमार 


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