जेलों में गैंगवार व सुरक्षा कर्मियों द्वारा नशे आदि की सप्लाई लगातार जारी

punjabkesari.in Saturday, Jun 08, 2024 - 05:16 AM (IST)

भारतीय जेलों में बंद कैदियों से मोबाइल फोनों और नशों आदि की बरामदगी तथा गैंगवार आज आम बात हो गई है, जिसमें सब कुछ जेलों के कर्मचारियों की सहायता से हो रहा है। यह समस्या कितना गंभीर रूप धारण कर चुकी है, यह निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है : 

* 3 अगस्त, 2023 को भैरवगढ़ (उज्जैन) की सैंट्रल जेल में 2 संतरियों की तलाशी के दौरान उनकी जुराबों में तम्बाकू के 100 पाऊच बरामद होने के बाद उन्हें निलंबित किया गया। 
* 30 अक्तूबर, 2023 को सैंट्रल जेल पटियाला के एक हवलदार से एक मोबाइल, एक चार्जर और 27.5 ग्राम अफीम बरामद की गई। 
* 15 दिसम्बर, 2023 को फरीदकोट सैंट्रल जेल में बंद कैदियों को नशा पहुंचाने के आरोप में जेल के हैड वार्डन राजदीप को गिरफ्तार किया गया। 
* 3 जनवरी, 2024 को कैदियों को पिछले 4 वर्ष की अवधि के दौरान नशा, हैरोइन और अफीम की सप्लाई करने के आरोप में फिरोजपुर सैंट्रल जेल के सेवारत और रिटायर्ड 11 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। 
* 29 जनवरी, 2024 को लुधियाना की सैंट्रल जेल में कैदियों को भारी-भरकम रकम के बदले में नशा और मोबाइल जैसे प्रतिबंधित सामान पहुंचाने के आरोप में थाना डिवीजन नंबर 7 की पुलिस ने जेल के 2 सहायक सुपरिंटैंडैंटों को गिरफ्तार किया। 

* 3 मई, 2024 को दिल्ली में तिहाड़ की जेल संख्या 3 में कैदियों के 2 गुटों के बीच खाना खाने को लेकर हुई लड़ाई के दौरान अफगानिस्तान के रहने वाले अब्दुल बशीर नामक कैदी ने दीपक नामक कैदी की धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार करके हत्या कर दी। 
* 12 मई, 2024 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित सैंट्रल जेल में कैदियों के 2 गुटों ने एक-दूसरे पर धारदार हथियारों से जानलेवा हमला कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप एक कैदी गंभीर रूप से घायल हो गया। 

* 13 मई, 2024 को अपने बिजनैस पार्टनर अजेंद्र शैट्टी की हत्या के आरोप में कर्नाटक की उड्डुपी जेल में बंद अनूप शैट्टी नामक एक विचाराधीन कैदी की रहस्यमय हालात में मौत हो गई। 
* 31 मई, 2024 को करनाल जिला जेल में एक कैदी को नशा पहुंचाने के आरोप में जेल वार्डन बलराज सिंह के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। 
*  5 जून, 2024 को तिहाड़ जेल के अस्पताल में टिल्लू ताजपुरिया और गोगी गैंग के सदस्यों के बीच हुई भिडं़त में टिल्लू गिरोह के सदस्यों ने स्वयं बनाए हुए चाकू और सूए से हमला करके गोगी गैंग के एक विचाराधीन कैदी को घायल कर दिया। 

* 5 जून, 2024 को ही अमृतसर की सैंट्रल जेल में कई वर्षों से चल रहे नशे के कारोबार का खुलासा करते हुए कमिश्नरेट पुलिस ने कई कैदियों के अलावा जेल के एक सुरक्षा कर्मी तथा एक लैब टैक्नीशियन जसदीप सिंह और कांस्टेबल मंगत सिंह की गिरफ्तारी की जानकारी दी। जसदीप सिंह के कब्जे से 149 ग्राम अफीम और कांस्टेबल मंगत सिंह के कब्जे से तम्बाकू की पुडिय़ां व उसके प्राइवेट पार्ट से नशीला पदार्थ बरामद किया गया। बताया जाता है कि आरोपी नशीले पदार्थ अपने प्राइवेट पार्ट के अलावा पगड़ी और जूतों में छिपाकर लाते थे।

* 5 जून, 2024 को ही लुधियाना जेल में जर्दे की 32 पुडिय़ां बरामद करके पंजाब होमगार्ड के जवान रवि कुमार सहित 5 लोगों के विरुद्ध जेल में नशीले पदार्थ सप्लाई करने के आरोप में केस दर्ज किया गया। उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता के बाद से देश में जेलों के सुधार के लिए अनेक कमेटियां गठित की गईं परंतु लगभग सभी सुझाव ठंडे बस्ते में डाल दिए जाने के कारण जेलों का हाल लगातार बुरा होता चला गया। अत: जहां जेलों में सुधार संबंधी सिफारिशों को तुरंत लागू करने की जरूरत है, वहीं जेलों में कैदियों को अधिकारियों की उपस्थिति में अपने परिवार वालों से फोन पर बात करने की अनुमति भी दी जानी चाहिए। इसके साथ ही गैंगवार और ङ्क्षहसा जैसी बुराइयां रोकने के लिए बेहतर सुरक्षा प्रबंधों, कैदियों पर नजर रखने के लिए सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने, जेलों में मोबाइल आदि ले जाने और इनका इस्तेमाल रोकने के लिए तुरंत जैमर लगाना और जेलों में कैदियों को नशा एवं अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं पहुंचाने के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों को कठोर दंड देना भी जरूरी है।—विजय कुमार


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