‘मणिपुर में 560 दिनों से जारी’ ‘हिंसा की आग आखिर कब बुझेेगी’
punjabkesari.in Tuesday, Nov 12, 2024 - 05:14 AM (IST)
3 मई, 2023 के एक फैसले में ‘मैतेई’ समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मणिपुर हाईकोर्ट की सिफारिश के विरुद्ध ‘मैतेई’ और ‘कुकी’ समुदायों में शुरू हुई जातीय हिंसा 560 दिनों के बाद भी जारी है। इसके परिणामस्वरूप कम से कम 237 लोगों की मौत के अलावा 2000 लोग घायल हो चुके हैं। इस दौरान महिलाओं की ‘निर्वस्त्र परेड’, गैंग रेप, जिंदा जलाने और गला काटने जैसी अमानवीय घटनाएं लगातार हो रही हैं।
गत 1 अगस्त, 2024 को ‘कुकी’ और ‘मैतेई’ गुटों में शांति समझौते पर हस्ताक्षर और फिर 15 अक्तूबर, 2024 को दिल्ली में ‘मैतेई’ और ‘कुकी’ विधायकों की बैठक में भविष्य में हिंसक घटनाएं नहीं होने का आश्वासन दिए जाने के बावजूद यह सिलसिला जारी है। इसके दृष्टिगत 17 अक्तूबर, 2024 को मणिपुर में भाजपा के 19 विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को हटाने की मांग भी कर चुके हैं। 7 नवम्बर रात से शुरू ताजा झड़पों में ‘कुकी’ और ‘मैतेई’ समुदायों की एक महिला के बलात्कार तथा जिंदा जला दिए जाने के बाद स्थान-स्थान पर हिंसा तथा आगजनी की घटनाएं हो रही हैं।
इस दौरान डेढ़ वर्ष में पहली बार ‘पोरोस्पोत’ गांव में ‘मैतेई’ समुदाय के एक डाक्टर को गोली मार दी गई। पूर्वी इम्फाल जिले में हथियारबंद उग्रवादियों ने कई जगह आटोमैटिक हथियारों से फायरिंग की और बम फैंके जिससे सेना का एक जवान घायल हो गया। इसी दिन ‘मैतेई’ व ‘कुकी’ उग्रवादियों ने खेतों में धान की कटाई कर रहे किसानों पर हथगोले फैंके। इसी बीच एक ‘कुकी’ संगठन द्वारा दायर याचिका के आधार पर पिछले दिनों मणिपुर में वायरल हुए कुछ आडियो क्लिप की जांच करने का सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है, जिसमें मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ‘कुकी’ लोगों पर बमबारी करने और हथियार लूटने की बात कहते सुनाई दे रहे हैं।
सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मणिपुर जैसे राज्य में इतने लम्बे समय से जारी हिंसा देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। हालांकि सुरक्षा बलों ने 11 नवम्बर को मणिपुर में 11 उग्रवादी मार गिराए हैं, परंतु इसमें और तेजी लाने की जरूरत है क्योंकि जितनी जल्दी हो सके इसका समाधान होना ही देश और इस अशांत राज्य के हित में है।—विजय कुमार