देश को घुन की तरह खा रहा ‘रिश्वत का रोग’

punjabkesari.in Saturday, Sep 24, 2016 - 02:03 AM (IST)

भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का नासूर देश में इतनी गहरी जड़ें जमा चुका है कि प्रतिदिन ऊपर से लेकर नीचे के स्तर तक के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा बड़े से लेकर छोटे-छोटे कामों तक के लिए भी रिश्वत ली जा रही है और सरकार के लाख दावों के बावजूद यह सिलसिला थमने में नहीं आ रहा। ऐसे ही चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

* 1 सितम्बर को बिहार में धनबाद के सरायढेला थाने के एक दारोगा बलिराम भगत को एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने दहेज प्रताडऩा के मामले में राहत देने के बदले में एक व्यक्ति से 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 

* 1 सितम्बर को महाराष्ट्र के ठाणे में गिरफ्तारी के बाद जमानत मंजूर कराने के लिए शिकायतकत्र्ता से 20 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पुलिस उपनिरीक्षक विल जालिंदर चिंतामण को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।

* 1 सितम्बर को ही अजमेर जिले के किशनगढ़ में 15 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए दारोगा शिशुपाल मीणा को जब कोर्ट में पेश किया तो वह मुंह छिपाने की बजाय बेशर्मी से हंसता रहा। 

* 4 सितम्बर को अबोहर अफीम तस्करी के आरोपियों से डेढ़ लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में सी.आई.ए. स्टाफ प्रभारी बलविन्द्र सिंह गिरफ्तार। 

* 7 सितम्बर को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में एंटी क्रप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने सहायक खाद्य अधिकारी संजय दुबे को 1 लाख 40 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 

* 8 सितम्बर को भटिंडा की पुलिस चौकी वर्धमान में हवलदार शिवराज सिंह व होमगार्ड सिपाही जङ्क्षतद्र सिंह को एक महिला को धमका कर उससे रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 

* 12 सितम्बर को भवानीगढ़ (संगरूर) के ए.एस.आई. कौर सिंह को एक व्यक्ति से 5000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 

* 12 सितम्बर को ही हरियाणा विजीलैंस ने नायब तहसीलदार के क्लर्क राकेश कुमार (उकलाना) व पटवारी रोशन लाल (गोहाना) को क्रमश: 4000 रुपए तथा 3000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 

* 13 सितम्बर को हरियाणा पुलिस विभाग के 4 अधिकारियों ए.एस.आई. मंदीप सिंह, हवलदार धीरज कुमार, हैड कांस्टेबल किशन कुमार और कांस्टेबल प्रवीण कुमार को हैरोइन के एक केस में रिश्वत लेकर एक व्यक्ति को रिहा करने के आरोप में नौकरी से बर्खास्त किया गया।

* 15 सितम्बर को लुधियाना में साइकिल चोरी के मामले में हिरासत में लिए गए एक विकलांग को छोडऩे की एवज में उसके पिता से 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए पुलिस कांस्टेबल राकेश कुमार को गिरफ्तार किया गया। 

* 15 सितम्बर को ही लुधियाना में एक व्यापारी मनीष कुमार की शिकायत पर उसकी इमारत में बिजली का मीटर लगाने के बदले 1 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए एक्सियन इंद्रजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया। 

* 6 सितम्बर को बेंगलूर में मनरेगा के क्रियान्वयन में संबंधित तकनीकी सहायक इंजीनियर एच.आर. श्रीनिवास के समक्ष दो ठेकेदारों केशव व मंजूनाथ द्वारा पेश किए गए 69,000 रुपए के गलत बिल स्वीकार न करने पर ठेकेदारों ने उसका एक हाथ काट डाला। 

* 19 सितम्बर को मध्य प्रदेश के सीधी जिले में नौदिया पंचायत के सचिव युवराज सिंह के आवास पर छापामारी के दौरान 3 मकानों, 4 वाहनों, साढ़े सात एकड़ जमीन, 80 हजार रुपए नकद, 10 बैंकों की पासबुकों व बीमा से संबंधित 1 करोड़ रुपए से अधिक की बेहिसाबी सम्पत्ति का पता चला।

* 22 सितम्बर को बरनाला में विजीलैंस विभाग ने एक थानेदार चरणजीत सिंह को पांच हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया तथा उसके कब्जे से 1000-1000 रुपए के 5 नोट बरामद किए।

* 22 सितम्बर को इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने मध्यप्रदेश के झाबुआ  जिले  के मांडली गांव की आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के सेल्समैन फत्ते सिंह पड़वाल के 3 ठिकानों पर छापे मार कर उसके पास लगभग 1 करोड़ रुपए की बेहिसाबी संपत्ति का पता लगाया। स्पष्टïत: आज रिश्वतखोरी के मायाजाल ने सबको बुरी तरह लपेट में ले लिया है जो समाज को घुन की तरह खा रहा है। दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई एवं शिक्षाप्रद कार्रवाई से ही इस बुराई को समाप्त किया जा सकता है। 


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