देश में तेजी से बढ़ रहा ‘डायबिटीज’ जिससे अन्य रोगों का खतरा

punjabkesari.in Saturday, Jun 10, 2023 - 04:18 AM (IST)

खराब जीवनशैली से आज भारत में लोग बड़ी संख्या में बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, जिनमें डायबिटीज, हाईपरटैंशन, मोटापा तथा हाई कोलैस्ट्रोल मुख्य हैं। ये सब बीमारियां चेतावनी दे रही हैं कि अगले पांच वर्षों में भारत में डायबिटीज के रोगियों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ेगी। 

एक अध्ययन के अनुसार इस समय भारत की कुल जनसंख्या में से लगभग 11.4 प्रतिशत अर्थात लगभग 11 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि 2019 में 7 करोड़ लोग इससे पीड़ित थे। इसी प्रकार 15.3 प्रतिशत अर्थात लगभग 13.6 करोड़ लोग प्री-डायबिटीज की चपेट में हैं। आशंका यह है कि अगले 5 वर्षों में 60 प्रतिशत से अधिक प्री-डायबिटीज वाले रोगी डायबिटीज की श्रेणी में आ जाएंगे। 

जब खून में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने लगे तो उसे डायबिटीज रोग कहा जाता है, जबकि प्री-डायबिटिक रोगी वह होता है जिसके ब्लड शूगर का स्तर सामान्य से तो अधिक हो पर उतना अधिक न हो कि उसे टाइप 2 डायबिटीज की श्रेणी में रखा जा सके। भारत में मोटापा भी बड़ी समस्या है, जो डायबिटीज का बड़ा कारण है। शहरी इलाकों में लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या इससे पीड़ित है। 

इसी प्रकार देश की लगभग 35.5 प्रतिशत अर्थात लगभग 31.5 करोड़ जनसंख्या हाईपरटैंशन से पीड़ित है और पंजाब में तो यह संख्या देश में सर्वाधिक (51.8 प्रतिशत) है। अत: हृदय रोग, हाई ब्लडप्रैशर और अन्य रोगों के जोखिम को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव लाकर डायबिटीज और प्री-डायबिटीज को बढऩे से रोकने की जरूरत है। इसके लिए पौष्टिक आहार के सेवन, चीनी युक्त आहार कम करने और वर्कआऊट (जिम, कसरत, योगा, साइकिं्लग, सैर आदि) को दिनचर्या में शामिल करने की सर्वाधिक आवश्यकता है।—विजय कुमार 


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