केंद्र सरकार का मिला-जुला बजट व आने वाले 25 वर्षों का ब्लू-प्रिंट

punjabkesari.in Wednesday, Feb 02, 2022 - 06:04 AM (IST)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। वह ‘अशोक स्तम्भ’ अंकित लाल रंग के कवर वाला टैबलेट लेकर संसद में आईं तथा पेपरलैस बजट पेश किया।

वित्त मंत्री ने इसे स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अमृत काल के अगले 25 वर्षों के ब्लू-प्रिंट की बुनियाद करार दिया तथा इसके अंतर्गत अगले वित्त वर्ष के लिए विभिन्न प्रस्तावों की घोषणा की, जिसके अनुसार : 

* प्रधानमंत्री ‘गति शक्ति मास्टर प्लान’ के अंतर्गत एक्सप्रैस-वे बनाए जाएंगे और 25000 किलोमीटर राष्ट्रीय हाईवे का निर्माण होगा।
* देश में 60 लाख नए रोजगार पैदा किए जाएंगे और गरीबों के लिए 48000 करोड़ रुपए की लागत से 80 लाख मकान बनाए जाएंगे।
* अगले 3 वर्षों के दौरान 400 नई ‘वंदे भारत’ रेलगाडिय़ां चलाई जाएंगी। इस दौरान 100 ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति कार्गो टर्मिनल’ भी बनाए जाएंगे।
* निजी निवेशकों की क्षमता बढ़ाने के लिए बजट में धन का प्रावधान 5.54 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7.55 लाख करोड़ रुपए किया गया है।
* देश में सैमी-कंडक्टर निर्माण उद्योग विकसित किया जाएगा। 

* माइक्रो स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइजेस (एम.एस.एम.ई.) को मजबूत करने की नई योजनाओं के लिए अगले 5 वर्ष में 6000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
* इसी वर्ष ई-चिप वाले पासपोर्ट जारी करने शुरू किए जाएंगे।
* किसानों के लिए एम.एस.पी. का भुगतान सीधे उनके खाते में करने के लिए 2.7 लाख करोड़ रुपए रखे गए हैं।
* देश के 1.5 लाख डाकघरों में ‘कोर बैंकिंग योजना’ लागू की जाएगी जहां ए.टी.एम. सेवा उपलब्ध होगी।
* ‘हर घर नल से जल’ योजना के लिए 60,000 करोड़ रुपए रखे गए हैं जबकि 2 लाख आंगनवाडिय़ों को सुधारने का भी लक्ष्य है। 

* देश में डिजिटल स्किल को बढ़ावा देने के लिए चुनिंदा आई.टी.आई. में नए कोर्स और ड्रोन की ट्रेनिंग देने का प्रस्ताव है।
* रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए 68 प्रतिशत पूंजी स्थानीय उद्योगों के लिए आबंटित करने की योजना है।
* डिजिटल करंसी को बढ़ावा देने के लिए इसी वर्ष रिजर्व बैंक डिजीटल करंसी जारी करेगा। क्रिप्टो करंसी से कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स तथा क्रिप्टो करंसी के ट्रांसफर पर 1 प्रतिशत टी.डी.एस. लगाने का प्रस्ताव है। 

* को-आप्रेटिव सोसायटियों पर लगने वाला टैक्स 18 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत तथा इस पर लगने वाला सरचार्ज भी 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है।
* इन्कम टैक्स रिटर्न (आई.टी.आर.) में गलती सुधारने के लिए 2 वर्ष का समय दिया गया है।
* पैंशन में टैक्स पर छूट देने का प्रस्ताव है। राज्य सरकारों के कर्मचारियों के नैशनल पैंशन स्कीम (एन.पी.एस.) खातों में नियोक्ता के योगदान पर टैक्स कटौती की सीमा बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दी गई। 

* इलैक्ट्रॉनिक वस्तुओं के विकास व घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल फोन के चार्जर, ट्रांसफार्मर आदि पर कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है जिससे इनके दामों में कमी आएगी। चमड़ा और इससे बनी वस्तुएं, कपड़ा, खेती का सामान, पैकेजिंग के डिब्बे और हीरे-जवाहरात तथा कट एवं पॉलिश्ड हीरों व रत्नों पर कस्टम ड्यूूटी घटाकर 5 प्रतिशत करने से ये सस्ते होंगे।

* छोटे और मझोले उद्योगों को राहत देते हुए बजट में स्टील स्क्रैप (कबाड़) पर कस्टम ड्यूटी में छूट एक वर्ष के लिए बढ़ा दी है।
* मैंथा आयल पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई है। 

* कैपिटल गुड्स पर आयात शुल्क में छूट समाप्त करते हुए 7.5 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया गया है। इमीटेशन ज्यूलरी का आयात कम करने के लिए इस पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 400 रुपए प्रति किलो कर देने से यह महंगी हो जाएगी।
* इस वर्ष अक्तूबर से बिना ब्लैंडिंग वाले यूल पर 2 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से एक्साइज ड्यूूटी लगने से यह भी महंगा हो जाएगा। 

गृहमंत्री अमित शाह के अनुसार, ‘‘यह बजट भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है।’’ प्रख्यात उद्योगपति आनंद महिन्द्रा का कहना है कि ‘‘निर्मला सीतारमण का छोटा बजट प्रभावशाली साबित हो सकता है।’’

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल के अनुसार, ‘‘छोटे कारोबारियों के लिए कोई ढील नहीं। टैक्स स्लैब में भी निराशा हाथ लगी।’’ शशि थरूर (कांग्रेस) के अनुसार, ‘‘आश्चर्यजनक रूप से निराशाजनक, यह एक ऐसा बजट है जो अच्छे दिनों के सपनों को दूर धकेलता दिखाई दे रहा है। हमें अच्छे दिनों के लिए 25 वर्ष और इंतजार करना होगा।’’ 

ममता बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस) के अनुसार, ‘‘बेरोजगारी और महंगाई से पिस रहे आम लोगों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है।’’ राम गोपाल यादव (सपा) के अनुसार, ‘‘यह निराशाजनक, गरीब विरोधी और किसान विरोधी बजट है। यह सब आंकड़ों का मकडज़ाल है।’’ कुल मिलाकर इस बजट को एक मिला-जुला बजट कहना ही उचित होगा क्योंकि इसमें प्रस्तावित अनेक कार्यों को अलग-अलग अवधियों के भीतर पूरा किया जाना है।—विजय कुमार


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