‘पाकिस्तान के नेता ही खोल रहे’‘अपनी सरकार के आतंकी सम्पर्कों की पोल’
punjabkesari.in Sunday, May 04, 2025 - 04:40 AM (IST)

पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादियों द्वारा 22 अप्रैल, 2025 के ‘पहलगाम’ हत्याकांड के बाद भारत सरकार द्वारा इस हमले का बदला लेने की घोषणा के बाद पाकिस्तान के शासकों में भारी बौखलाहट व्याप्त हो गई है। यह इसी से स्पष्टहै कि जहां पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो तथा सेना प्रमुख मौलवी असीम मुनीर ने अपने परिवारों को विदेश भेज दिया है, वहीं पाकिस्तान के चंद नेताओं ने गीदड़ भभकी देते हुए युद्ध की स्थिति में भारत के विरुद्ध परमाणु बमों का इस्तेमाल करने का राग अलापना शुरू कर रखा है। इनमें पाकिस्तान के रेल मंत्री ‘हनीफ अब्बासी’ और रक्षा मंत्री ‘ख्वाजा मोहम्मद आसिफ’ के अलावा पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब की मुख्यमंत्री ‘मरियम नवाज’ भी शामिल हैं। इन तीनों का कहना है कि ‘‘पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार चौकों पर सजावट के लिए नहीं रखे हैं और जरूरत पडऩे पर इनका इस्तेमाल (भारत के विरुद्ध) किया जाएगा।’’
हालांकि पाकिस्तान सरकार इन हमलों में अपना हाथ होने से लगातार इंकार करती आ रही है, परंतु वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ‘शहबाज शरीफ की सरकार के नेता ही खुले तौर पर आतंकवाद को समर्थन देने की बात कह कर अपनी ही सरकार के दावों को झुठला रहे हैं। पहलगाम हमले के 3 दिन बाद ही 25 अप्रैल को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ‘ख्वाजा आसिफ’ ने एक न्यूज चैनल ‘स्काई न्यूज’ को इंटरव्यू देते हुए स्वीकार किया था कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को धन उपलब्ध करने के साथ-साथ उन्हें हर तरह से समर्थन देता आ रहा है तथा अमरीका और ब्रिटेन सहित पश्चिम के देशों के लिए दशकों से यह ‘गंदा काम’ करता रहा है तथा अतीत में लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान सरकार के साथ सम्बन्धों के कुछ लिंक मिले हैं। इसके एक सप्ताह बाद ही 2 मई को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और ‘पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी’ के नेता ‘बिलावल भुट्टो’ ने भी एक इंटरव्यू में स्वीकार किया कि पाकिस्तान आतंकवाद की शरण स्थली है। उन्होंने कहा कि ‘‘पाकिस्तान का एक अतीत है और यह किसी से छिपा हुआ नहीं है कि पाकिस्तान के आतंकवादियों के साथ संबंध रहे हैं। आतंकवाद ने देश को नुकसान पहुंचाया है। हालांकि समय के साथ सुधार हुआ है।’’
इन दोनों ही नेताओं के उक्त बयानों से भारत के रुख को मजबूती मिली है क्योंकि भारत वैश्विक मंच पर लगातार कहता आ रहा है कि पाकिस्तान की सरकार, सेना और आई.एस.आई. ही आतंकवाद को समर्थन देती हैं लेकिन पाकिस्तान ने अपनी आतंकवाद की नीति का ठीकरा अमरीका पर फोड़ा है तथा उनके इस बयान से पाकिस्तानी भी भड़क उठे हैं। इस बीच जहां पाकिस्तान द्वारा पिछले 9 दिनों से लगातार सीमा पर युद्ध विराम का उल्लंघन किया जा रहा है, वहीं भारत का आक्रामक रुख देखते हुए वह अपने हथियारों को चला कर देख रहा है। इसी कड़ी में उसने 3 मई को अपने ‘अब्दाली मिसाइल’ का परीक्षण किया। जानकारों के अनुसार आर्थिक संकट में फंसा होने के कारण यूक्रेन तथा इसराईल को बड़ी मात्रा में अपना गोला-बारूद बेचने के लिए पाकिस्तान मजबूर हो रहा है जबकि स्वयं उसके पास भारत से 4 दिन युद्ध लडऩे के योग्य भी गोला-बारूद नहीं है। इसके बावजूद उसकी गीदड़ भभकियों में कोई कमी नहीं आई है। भारत द्वारा पाकिस्तान को सिंधु नदी का पानी रोकने के फैसले के दृष्टिïगत पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ‘ख्वाजा आसिफ’ ने धमकी दे डाली है कि यदि भारत ने पानी रोकने के लिए बांध बनाया तो उसे नष्टï कर दिया जाएगा।
इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेनाध्यक्ष असीम मुनीर ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मदद मांगी है, जिससे पाकिस्तान में नए राजनीतिक समीकरण बनने की संभावना व्यक्त की जाने लगी है। भारत-पाकिस्तान में बढ़ती अशांति के बीच बलोच लिबरेशन आर्मी (बी.एल.ए.) ने कलात जिला में मैंगोचर नगर तथा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्वेटा-कराची हाइवे पर कब्जा कर लिया है और सरकारी कार्यालयों को जला दिया है। बहरहाल, जहां पाकिस्तान के ही 2 बड़े नेताओं ने आतंकवाद को समर्थन देने की बात स्वीकार करके अपनी ही सरकार के दावों की पोल खोल दी है, वहीं पाकिस्तान के नेताओं के बयानों से स्पष्टï है कि उन्होंने अतीत के अनुभवों से कुछ नहीं सीखा कि भारत के साथ किसी भी प्रकार के युद्ध में उलझना उनके लिए लोहे के चने चबाने जैसा ही सिद्ध होगा।—विजय कुमार