‘पाकिस्तान में बड़ा आतंकी हमला’ ‘पूरी रेलगाड़ी को बनाया बंधक’

punjabkesari.in Wednesday, Mar 12, 2025 - 05:18 AM (IST)

1947 से पहले बलूचिस्तान एक स्वतंत्र रियासत थी, जिसे 1948 में पाकिस्तान ने बलपूर्वक अपने में शामिल कर लिया था। यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा और खनिज संसाधनों से भरपूर इलाका है, लेकिन वहां के निवासियों का मानना है कि उन्हें इन संसाधनों का लाभ नहीं मिल रहा। इस कारण ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ और अन्य बलूच संगठनों ने पाकिस्तान सरकार के विरुद्ध आंदोलन छेड़ रखा है। 1970 के दशक में ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ का गठन बलूचिस्तान के लोगों के असंतोष और उनके अधिकारों की लड़ाई के परिणामस्वरूप हुआ था। इसकी स्थापना प्रमुख बलोच नेता मीर ‘हबत खान मारी’ और उनके पुत्र ‘नवाब खैर बख्श मारी’ ने की थी। ‘नवाब खैर बख्श मारी’ ने बलोच लोगों के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार और अन्य बलूच नेताओं ने इस आंदोलन को जारी रखा। 

पाकिस्तान सरकार ने 2006 में ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ को एक आतंकवादी गुट करार दे दिया था। इसके अलावा ‘बलोच रिपब्लिक आर्मी’ तथा ‘लश्कर-ए-बलूचिस्तान’ जैसे कई गुट भी हैं, जो बलूचिस्तान की आजादी की मांग कर रहे हैं। ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ 2018 से लगातार पाकिस्तान में आत्मघाती तथा अन्य हमलों को अंजाम दे रही है। ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’, जिस पर पाकिस्तान, इंगलैंड और अमरीका ने प्रतिबंध लगा रखा है, ने पाकिस्तान को एक के बाद एक कई बार बड़ी चोट पहुंचाई है तथा इस समय यह संगठन पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा आंतरिक सुरक्षा खतरा बन चुका है। यह संगठन 60 अरब अमरीकी डालर की लागत वाली चीन-पाकिस्तान आॢथक गलियारा (सी.पी.ई.सी.) प्रोजैक्टों को निशाना बनाकर हमले करता रहता है जो कई बार पाकिस्तान तथा चीन के रिश्तों में तनाव का कारण बना है।

अपनी पाकिस्तान विरोधी नवीनतम कार्रवाई में ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ के 6 अज्ञात बंदूकधारियों ने 11 मार्च को क्वेटा से पेशावर जा रही 9 बोगियों वाली ‘जाफर एक्सप्रैस’ को ‘पेहरोकुनरी’ तथा ‘गदालार’ के बीच बंधक बना कर उस पर गोलीबारी की। इस इलाके में 17 सुरंगें हैं और जब इस ट्रेन का अपहरण किया गया उस समय यह सुरंग नंबर 8 में से गुजर रही थी। सबसे पहले हमलावरों ने सुरंग नंबर 8 में एक रेल पटरी को उड़ा दिया जिससे ‘जाफर एक्सप्रैस’ पटरी से उतर गई और फिर ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ ने गोलीबारी शुरू कर दी जिसके परिणामस्वरूप ट्रेन का ड्राइवर भी घायल हो गया। इस ट्रेन में सुरक्षा बल और आई.एस.आई. के एजैंट यात्रा कर रहे थे और पंजाब जा रहे थे।

इस ट्रेन में लगभग 500 यात्री सवार थे जिनमें से हमलावरों ने इस समाचार के लिखे जाने तक 30 सैनिकों की हत्या तथा अनेक लोगों को घायल करने के अलावा 214 लोगों को बंधक बना लिया था। इसे दुनिया का सबसे बड़ा ‘रेल अपहरण’ बताया जा रहा है। एक ओर जहां विद्रोही अपनी मांगें मनवाने की फिराक में हैं तो दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना आप्रेशन करने की तैयारी कर रही है। विद्रोही ‘जाफर एक्सप्रैस’ से पहले चरण में महिलाओं और बच्चों को छोड़ रहे हैं लेकिन इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो अगले चरण में पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मियों की लाशें ट्रेन से बाहर फैंकी जाएंगी।

बलोच विद्रोहियों की हमेशा से मांग रही है कि पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान के हिस्से को खाली कर दे, बलोच विद्रोहियों के गिरफ्तार सभी नेताओं को बिना शर्त रिहा कर दिया जाए और बलूचिस्तान के क्षेत्र में चल रहे चीन से जुड़े सभी प्रोजैक्ट तुरंत बंद कर दिए जाएं। जहां पाक सेना बंधकों को छुड़वाने के लिए कार्रवाई की तैयारी कर रही है तथा एक राहत ट्रेन भेजी है, बलूच विद्रोहियों ने पाक सेना को चेतावनी दी है कि यदि एयर स्ट्राइक नहीं रोकी तो बंधकों को मार देंगे। यह लेख लिखे जाने तक इस तरह की स्थिति बनी हुई थी। रात में घटनाक्रम क्या रूप लेता है यह तो समय ही बताएगा। 

सिडनी स्थित वैश्विक आतंकवाद सूचकांक रिपोर्ट 2025 में पाकिस्तान को दुनिया में दूसरा सर्वाधिक आतंकवाद प्रभावित देश बताया गया है जिसके खैबर पख्तूनवा और बलोचिस्तान सर्वाधिक आतंक  प्रभावित इलाके हैं। जिस तरह पाकिस्तान भारत में अपने पाले हुए आतंकवादियों से हिंसा करवा रहा है ठीक उसी स्थिति का सामना उसे अपने ही देश में करना पड़ रहा है।—विजय कुमार  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News