लगातार बढ़ रहा है रिश्वतखोरी का दुष्चक्र

punjabkesari.in Thursday, Aug 06, 2015 - 01:02 AM (IST)

देश में दशकों से बढ़ रही भ्रष्टाचार रूपी विष बेल पहले की भांति ही फलफूल रही है और इसमें किसी प्रकार की कमी का कोई संकेत नहीं मिल रहा। इसका प्रमाण हाल ही में संसद में पेश केंद्रीय सतर्कता आयोग (सी.वी.सी.) की एक रिपोर्ट से मिलता है। 

आयोग को पिछले साल अभूतपूर्व रूप से भ्रष्टाचार की 64,410 से अधिक शिकायतें मिली थीं जो वर्ष 2013 में मिलने वाली 35,332 शिकायतों के मुकाबले में 82 प्रतिशत अधिक थीं। इससे पूर्व वर्ष 2012 में 37,039, 2011 में 16,929 और 2010 में 16,260 शिकायतें मिली थीं।
 
सर्वाधिक 12,000 से अधिक शिकायतें आयोग को रेल विभाग के संबंध में मिलीं। इसके अलावा 3378 शिकायतें पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, 2917 शिकायतें शहरी विकास मंत्रालय, 1496 इस्पात मंत्रालय व 1303 शिकायतें दूरसंचार विभाग कर्मचारियों के विरुद्ध थीं।
 
देश में भ्रष्टाचार किस कदर बढ़ता जा रहा है यह हाल ही में सामने आए भ्रष्टाचार के चंद मामलों से स्पष्ट है : 
* 22 जुलाई को घरेलू ङ्क्षहसा की शिकार महिला की ओर से सशक्त रिपोर्ट बनाने के एवज में 1 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में अमृतसर के एक ए.सी.पी. हैडक्वार्टर के रीडर ए.एस.आई. जसबीर सिंह तथा ओ.सी. ब्रांच के हैडकांस्टेबल रविंद्र कुमार को निलंबित किया गया। 
 
* 23 जुलाई को भूमि विवाद संबंधी शिकायत रफा-दफा करने के लिए एक दिवंगत हैडकांस्टेबल दर्शन सिंह की विधवा अवतार कौर से 5000 रुपए रिश्वत ले रहे पायल के थाना मलौद में तैनात ए.एस.आई. जगतार सिंह और हवलदार अब्दुल हफीज को गिरफ्तार किया गया। 
 
* 23 जुलाई को ही विजीलैंस टीम ने हिमाचल के नगरोटा सूरियां में तैनात ए.एस.आई. कर्म सिंह को 3000 रिश्वत लेते हुए पकड़ा। 
 
* 29 जुलाई को विजीलैंस टीम ने श्री मुक्तसर साहिब में पावरकॉम के जे.ई. प्रेम चंद को एक किसान से उसके खेतों से काटे गए पेड़ों के एवज में अदायगी का चैक देने के बदले में 4000 रुपए रिश्वत लेते हुए काबू किया। 
 
* 29 जुलाई को ही विजीलैंस टीम ने सरङ्क्षहद थाने के ए.एस.आई. साधु खान को 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
 
* 3 अगस्त को एक व्यक्ति को उसके फार्म के लिए बिजली कनैक्शन देने के लिए 50,000 रुपए रिश्वत लेते हुए पावरकॉम के एस.डी.ओ. हरविंद्र को लुधियाना विजीलैंस विभाग की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
 
* 3 अगस्त को ही उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अहरोला के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार पर हर काम के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए ‘आशा बहनों’ (वर्करों) ने प्रदर्शन किया। 
 
उनका कहना था कि कमीशन के चक्कर में मरीजों को दवाएं बाहर से खरीदने को कहा जाता है और प्रसूति महिलाओं को सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं से भी वंचित रखा जाता है।  
 
* 4 अगस्त को वकील कालोनी आगरा स्थित उपनिदेशक पैंशन (कोषागार) कार्यालय में रिटायर्ड अध्यापक की पैंशन बनवाने के नाम पर एक अवकाश प्राप्त सहायक अध्यापक से 15,000 रुपए रिश्वत लेते हुए विभाग के हैडक्लर्क आर.एस. प्रजापति को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने गिरफ्तार किया। 
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 अगस्त, 2014 को भाषण करते हुए कहा था कि ‘भ्रष्टाचार की संस्कृति’ किसी भी कीमत पर सहन नहीं की जाएगी व सरकार इससे निपटने के लिए कड़े पग उठाएगी। फिर 31 जनवरी, 2015 को भी उन्होंने दोहराया कि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध बड़ा संघर्ष छेड़ा है और इस पर नकेल लग रही है।
 
परंतु भ्रष्टाचार के मामलों में वृद्धि होना इस तथ्य का प्रमाण है कि भ्रष्टाचार कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है और यह केवल घोषणाओं से समाप्त होने वाला नहीं। अत: नई सरकार को इसे रोकने के लिए अन्य उपाय तलाशने होंगे जिनसे यह बढऩे की बजाय घट सके।   

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