‘रिश्वतखोरी’ का लगातार बढ़ रहा ‘दुष्चक्र’

punjabkesari.in Thursday, Feb 19, 2015 - 04:17 AM (IST)

देश में भ्रष्टाचार इस कदर जड़ें जमा चुका है कि नियंत्रण में ही नहीं आ रहा। कोई भी दिन ऐसा नहीं गुजरता जब सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार या अवैध सम्पत्ति एकत्रित करने के समाचार न आते हों। इसी साल की ही चंद ऐसी घटनाएं निम्र में दर्ज हैं :

* 4 फरवरी 2015 को सी.बी.आई. ने बी.एस.एन.एल. के जनरल मैनेजर राजेश बंसल और संगरूर के एक प्राइवेट ठेकेदार शशि को पटियाला स्थित बी.एस.एन.एल. दफ्तर से गिरफ्तार किया। शशि पर राजेश बंसल की ओर से एक अन्य ठेकेदार से 3 लाख रुपए रिश्वत मांगने और उसी समय एक लाख रुपए लेने का आरोप है।
 
* 4 फरवरी को ही सुनाम में एक सब-इंस्पैक्टर मेवा सिंह को 5000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
 
 * 6 फरवरी को मुम्बई के माहीम पुलिस थाने में तैनात सीनियर इंस्पैक्टर दस्तगीर मुल्ला को एक झगड़ा निपटाने के बदले में 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
 
* 10 फरवरी को बम्बई म्यूनीसिपल कार्पोरेशन के एक लाइसैंस इंस्पैक्टर सचिन सांखले को भेलपूरी की छाबड़ी लगाने वाले के लाइसैंस के नवीकरण के बदले में 40,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। बाद में उसके मीरा रोड स्थित मकान की तलाशी लेने पर 1.70 लाख रुपए नकद, 150 ग्राम सोना, बोरीवली व विरार में 2 मकानों, 1 मोटरसाइकिल और 3 कारों के मालिकाना दस्तावेजों के अलावा अनेक पालिसियां बरामद हुईं।
 
* 11 फरवरी को पॉवरकॉम के एक जे.ई. विजय कुमार को गांव मक्खी कलां (भिखीविंड) निवासी भूपेन्द्र सिंह से बिजली का अलग मीटर लगाने के बदले में 5000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
 
* 12 फरवरी को हांसी के चीफ मैडीकल आफिसर वरिन्द्र साहू को एक व्यक्ति से 5000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। 
 
* 12 फरवरी को ही पटवारखाना कैथल का कानूनगो बलदेव कृष्ण एक व्यक्ति से 1500 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
 
* 12 फरवरी को विजीलैंस टीम ने मंडी बोर्ड होशियारपुर के सुपरवाइजर जगरूप सिंह को एक ठेकेदार से 40,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया जबकि 10,000 रुपए वह उसे पहले दे चुका था।
 
* 13 फरवरी को पुलिस विभाग द्वारा ट्रक ड्राइवरों से जब्री वसूली करने की शिकायतों के दृष्टिगत बिछाए गए एक ट्रैप के अंतर्गत हरियाणा के करनाल जिले में मात्र 20 किलोमीटर की दूरी के बीच एक ट्रक ड्राइवर को आगे जाने के लिए 3 जगहों पर रोक कर उससे रिश्वत लेते हुए 6 सिपाहियों को मौके पर ही गिरफ्तार किया गया जबकि एक अन्य सिपाही फरार है।
 
महाराणा प्रताप चौक में उक्त ट्रक चालक ने 3 सिपाहियों को 2000 रुपए, नैशनल हाईवे नं. 1 पर एक होमगार्ड जवान व कांस्टेबल को 1000 रुपए और निसिंग टाऊन में 2 सिपाहियों को 2000 रुपए रिश्वत दी।
 
* 13 फरवरी को ही भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो धर्मशाला की एक टीम ने देहरा में हरियाणा की अम्बाला पुलिस के एक ए.एस.आई. बलबीर सिंह को देहरा तहसील से खेदुल गांव के एक व्यक्ति के वारंट तामील कराने की एवज में 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया।
 
* 14 फरवरी को सोनीपत में 2 भैंसों की इंश्योरैंस के कागज देने के बदले में 1500 रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में पशुपालन विभाग के एस.डी.ओ. संजय आंतिल को पकड़ा गया जबकि 3500 रुपए वह पहले ही ले चुका था।
 
* 16 फरवरी को नागपुर के सेवाग्राम पुलिस थाने के उपनिरीक्षक आनंद गजानंद गिरि को धारा 307 के अंतर्गत एक मामला रफा-दफा करने के बदले में 5 लाख रुपए रिश्वत की मांग करते हुए गिरफ्तार किया गया।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 अगस्त 2014 को कहा था कि ‘भ्रष्टाचार की संस्कृति’ किसी भी कीमत पर सहन नहीं की जाएगी व सरकार इससे निपटने के लिए कड़े पग उठाएगी। फिर 31 जनवरी 2015 को भी उन्होंने दोहराया कि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध बड़ा संघर्ष छेड़ा है और इस पर नकेल लग रही है पर ये घोषणाएं मात्र घोषणाएं ही बन कर रह गई हैं। 
 
भ्रष्टाचार के ये मामले मात्र 12 दिनों के हैं जबकि ऐसे और भी मामले हुए होंगे जो प्रकाश में नहीं आ पाए। स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार की विषैली जड़ें बहुत गहराई तक पहुंच चुकी हैं। यदि इसे कठोर दंड प्रावधानों द्वारा नष्ट न किया गया तो यह समस्या बढ़ते-बढ़ते एक नासूर का रूप धारण कर लेगी।

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